Hindi Kahani बड़े घर की बहू
06-10-2017, 03:24 PM,
RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू
पापाजी और मम्मीजी दोनों अपने हाथ जोड़ कर बस यही कह पाए थे पर कामया की चिंता वैसे ही थी इतना बड़ा काम सिर्फ़ गुरु जी के कहने पर किसी को देकर अलग हो जाना कहा की बुद्धिमानी है 

गुरु जी- एक काम करो ईश्वर तुम मेरे आश्रम का पूरा काम देखो पूरे भारत का उसका हिसाब किताब और डोनेशन सबका काम तुम ही सम्भालो अब में और नहीं कर सकता पवर आफ आट्रनी मैंने बना ली है आज से तुम ही मेरे सारे आश्रम और खेत खलिहान के मालिक हो जैसा चाहो करो क्यों करसकते हो ना इतना तो मेरे लिए 

पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया था पूरे भरत में कम से कम 1000 करोड़ की प्रॉपर्टी और बैंक बलेन्स है उनका विदेशो से आने वाला फंड और यहां का फंड मिलाकर हर महीने कुछ नहीं तो 1000 करोड़ बनते हैं वो सब पापाजी के नाम 
वाह 

गुरु जी- और विद्या तुम एक काम करो यह मंदिर थोड़ा छोटा है आश्रम के मंदिर में तुम पूजा किया करो ठीक है 

मम्मीजी- जी ठीक है 

गुरु जी फिर रहना भी वही कर लो तुम लोग क्यों कामेश 

कामेश- जी 

गुरु जी- एक काम करो तुम्हारा परिवार वही आश्रम में नीचे का हिस्सा ले लो एक तरफ का और वही रहो तुम्हारे नाम कर देता हूँ कामेश तू पापाजी की मदद करदेना तेरा दिमाग अच्छा है तू संभाल लेगा ठीक है क्यों कोई आपत्ति तो नहीं 


सब क्या कहते यह सब तो उन्होंने तो कभी जीवन में नहीं सोचा था इतना बड़ा दायित्व और सबकुछ कुछ ही मिंटो में एकटक आँखे बिछाये वो सबके सब गुरु जी की ओर देखने लगे थे धरम पाल के चहरे पर खुशी टिक नहीं पा रही थी और पापाजी के और कामेश के और मम्मीजी के भी सभी बहुत खुश थे 

कामया चेयर पर बैठी हुई बैचन हो रही थी पर गुरु जी की आवाज से उसका ध्यान फिर से एक बार उनकी तरफ चला गया था गुरु जी- हाँ तो ठीक है बहुत बड़ा दायित्व निभा लिया है मैंने मुझे पूरा विस्वास था कि ईस्वर तू मना नहीं करेगा हमेशा से ही तू और तेरे परिवार ने मेरी बात मानी है कल से तुम लोग या चाहो तो कुछ दिनों बाद से आश्रम में दाखिल हो जाना ठीक है 

पापाजी- जी गुरु जी आपका ध्यनवाद हमें इसकाबिल समझा आपने 

गुरु जी- अरे पगले मेरा धन्यवाद क्यों करता है तेरे घर की लक्ष्मी है ना उसे धन्यवाद कर एक काम उसके लिए भी है क्यों करोगी 

कामया हड़बड़ा गई थी गुरु जी की आवाज से 

कामया- (बस सिर हिला दिया था ) 

मम्मीजी- हाँ… हाँ… गुरु जी क्यों नहीं हम सब तैयार है आप हुकुम कीजिए 

गुरु जी- नहीं नहीं हम तुम्हारी बहू को हुकुम नहीं दे सकते बस एक आग्रह कर सकते है और अगर वो मान जाए तो और तुम सबकी हामी भी जरूरी है 

पूरा परिवार एक साथ तैयार था कोई हामी की जरूरत भी नहीं थी 

पापाजी- आप तो कहिए गुरु जी बहू को क्या करना है 

गुरु जी- देख ईश्वर हमने बहुत कुछ सोचकर तुम्हारे घर इस लड़की को लाए थे सोचा था हमारा उद्धार करेगी यही सोचकर हम यहां भारत में भी आए है अगले हफ्ते हम बाहर चले जाएँगे हमेशा के लिए बूढ़ा हो गया है हमारा शरीर शायद ज्यादा दिन नहीं है हम इसलिए हमारा कुछ भार तो तुम लोगों ने कम कर दिया है पर एक भार और है वो हम तेरी बहू को देना चाहते है 

पापाजी- अरे गुरु जी ऐसा मत कहिए आप जो कहेंगे वो होगा 

गुरु जी- तुम्हारा क्या कहना है 

वो कामया की ओर देखकर कह रहे थे अभी तक उन्होंने उसे संबोधन नहीं किया था बस घर वालों की ओर इशारा करते हुए ही कुछ कहा था पर इस बार डाइरेक्ट था 

कामया ने एक बार कामेश की ओर देखा था वो खुश था घर के सभी लोग खुश थे इतना बड़ा काम और इतना सारा पैसा और दौलत और ना जाने क्या-क्या 

वो शायद कुछ कहना चाहती तो भी नहीं कह सकती थी 

गुरु जी- सुनो थोड़ा समय चाहिए तो लेलो पर हमें जल्दी बता दो नहीं तो यह शरीर छोड़ नहीं पाएँगे हम 

पापाजी- गुरु जी ऐसा नहीं कहिए प्लीज बहू को जो काम देंगे वो करेगी हम सब है ना 

गुरु जी- ठीक है चलो हम बताते है हम बहू को आज से सखी कहेंगे संगिनी ठीक है आज से बहू हमारी उतराधिकारी है हमारे आश्रम की हमारी पूरी प्रॉपर्टी की और पूरे भरत में फेले हमारे साम्राज्या की जिसका कि ध्यान आप लोगों को रखना है 
सभी लोग एकदम शांत हो गये थे कामया के पैरों के नीचे से जैसे जमीन हट गई थी अवाक सी कभी कामेश को और अपने परिवार को तो कभी गुरु जी को देख रही थी 

कमरे में बैठे सभी की नजर कभी गुरु जी पर तो कभी कामया पर 

गुरु जी- बोलो कामेश तुम्हें कोई आपत्ति है 

कामेश- जी में क्या 

गुरु जी- अरे तेरी बीवी है तेरी बीवी ही रहेगी पर हमारी उत्तराधिकारी है यह हमारी प्रॉपर्टी और हमारे, पूरे भारत में हर एक हिस्सा का अश्राम से इन्हे कामयानी देवी के नाम से लोग जाँएंगे बोलो क्या कहते हो 

मम्मीजी- पर इसकी उम्र अभी कहाँ है गुरु जी 

गुरु जी हाँ… हमें पता है लेकिन यही हमारे संस्था की उतराधिकारी है जहां तक उमर की बात है वो चलेगा यह हमेशा कामेश की पत्नी रहेगी हमारे आश्रम में ऐसा कोई नियम नहीं है कि बचलर ही होना होगा या बाल ब्रह्म चारी बोलो क्या कहते हो और तुम सब लोग भी तो हो सभी कुछ तुम लोगों के सामने है ईश्वार और कामेश है ही 
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RE: Hindi Kahani बड़े घर की बहू - by sexstories - 06-10-2017, 03:24 PM

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