RE: Chudai Kahani मैं और मौसा मौसी
मैं और मौसा मौसी--2
gataank se aage........................
मैं खेत की ओर चलने लगा. मौसाजी का खेत अच्छा बड़ा था, दूर तक फ़ैला था. दूर पर एक छोटा पक्का मकान दिख रहा था. मौसी शायद उसी मकान के बारे में कह रही थीं. मैं उसकी ओर चल दिया. वहां जाकर मैंने देखा कि दरवाजा बंद था. एक खिड़की थोड़ी खुली थी. उसमें से बातें करने की आवाजें आ रही थीं.
न जाने क्यों मुझे लगा कि दरवाजा खटखटाना या अंदर जाना ठीक नहीं होगा, कम से कम इस वक्त नहीं. मैं खिड़की के नीचे बरामदे में बैठ गया और धीरे से सिर ऊपर करके अंदर देखने लगा. फ़िर अपने आप को शाबासी दी कि दरवाजा नहीं खटखटाया.
दीपक मौसाजी पैजामा उतार के चारपाई पर बैठे थे और राधा उनका लंड चूस रही थी. रघू उनके पास खड़ा था, मौसाजी उसका खड़ा लंड मुठ्ठी में पकड़कर मुठिया रहे थे. "मस्त खड़ा है मेरी जान, और थोड़ा टमटमाने जाने दे, फ़िर और मजा देगा" वे बोले और रघू का लंड चाटने लगे. फ़िर उसको मुंह में ले लिया. रघू ने उनका सिर पकड़ा और कमर हिला हिला कर उनका मुंह चोदने लगा.
राधा मौसाजी का लंड मुंह से निकाल कर बोली "भैयाजी, देखो कितना मस्त खड़ा हो गया है, अब चोद दो मुझे" मौसाजी का लंड एकदम गोरा गोरा था और तन कर खड़ा था, ज्यादा बड़ा नहीं था पर था बड़ा खूबसूरत.
रघू बोला "भैयाजी को मत सता रानी, ठीक से चूस, और झड़ाना नहीं हरामजादी" राधा फ़िर चूसने लगी. उसने अपना लहंगा ऊपर कर दिया था और अपने हाथ से अपनी बुर खोद रही थी. मुझे उसकी काली घनी झांटें दिख रही थीं.
मौसाजी ने रघू का लंड मुंह से निकाला और बोले "अरे उसे मत डांट रघू, मैं आज चोद दूंगा उसको पहले, फ़िर गांड मारूंगा, बड़ी प्यारी बच्ची है, चूत भी अच्छी है पर गांड ज्यादा मतवाली है तेरी लुगाई की. अब तू पास आ और बैठ मेरे पास और चुम्मा दे"
रघू मौसाजी के पास बैठ गया. मौसाजी उसका मुंह चूसने लगे. साथ साथ उसका लंड भी मुठियाते जाते थे. रघू ने अपना हाथ उनके चूतड़ों पर रखा और दबाने लगा. मौसाजी थोड़ा ऊपर हुए और रघू ने उनकी गांड में उंगली डाल दी. मौसाजी ऊपर नीचे होकर रघू की उंगली अपनी गांड में अंदर बाहर करने लगे और अपने हाथों में रघू का सिर पकड़कर उसकी जीभ और जोर जोर से चूसने लगे.
"चल रधिया उठ, भैयाजी की गांड चूस" रघू ने चुम्मा तोड़ कर राधा से कहा और फ़िर से मौसाजी से अपनी जीभ चुसवाने लगा. राधा उठी और बोली "खड़े हो जाओ भैयाजी, जरा अपनी गोरी गोरी गांड तो ठीक से दिखाओ"
मौसाजी और रघू एक दूसरे को चूमते हुए खड़े हो गये. राधा मौसाजी के पीछे जमीन पर बैठ गयी और उनकी गांड चाटने लगी. एक दो बार उसने मौसाजी के चूतड़ पूरे चाटे, फ़िर उनका छेद चाटने लगी. मौसाजी ने रघू को बाहों में भीच लिया और बेतहाशा चूमने लगे. दो मिनिट बाद अलग होकर बोले "अब डाल दे राजा"
"रधिया चल लेट खाट पर, फ़िर तेरे ऊपर भैयाजी लेटेंगे" रघू ने कहा.
राधा बोली "रुको ना जी, ठीक से चाटने तो दो, इतनी प्यारी गांड है भैयाजी की" और फ़िर मौसाजी के चूतड़ों के बीच मुंह डाल दिया.
मौसाजी बोले "हाय जालिम, क्या प्यार से चूसती है ये लड़की, जीभ अंदर डालती है तो मां कसम मजा आ जाता है. अब बंद कर राधा बेटी, बड़ी कुलबुला रही है"
राधा उठ कर लहंगा ऊपर करके खाट पर लेट गयी. "भैया जी, आप की गांड तो लाखों में एक है, यहां गांव में किसी की नहीं होगी ऐसी, गोरी गोरी मुलायम, खोबे जैसी, मुझे तो बड़ा मजा आता है मुंह लगाकर. पर आप हमेशा टोक देते हो, अभी तो मजा आना शुरू हुआ था. किसी दिन दोपहर भर चाटूंगी आप की गांड. अब आप मरवाना बाद में, पहले मेरे को चोद दो आज ठीक से मालकिन की कसम, ऐसे बीच में सूखे सूखे ना छोड़ना हम को"
"अरी पूरा चोद दूंगा, पहले जरा अपनी जवानी का रस तो चखा दे, कितना बह रहा है देख" कहकर मौसाजी खाट पर चढ़कर राधा की बुर चूसने लगे. वो उनके सिर को अपनी चूत पर दबा कर कमर हिलाने लगी.
"क्या झांटें हैं तेरी राधा, मुंह डालता हूं तो लगता है किसी की ज़ुल्फ़ें हैं" मौसाजी मस्ती में बोले और फ़िर उसकी झांटों को चूमने लगे.
"होंगी ही भैयाजी, बाई ने दिया है, वो शैंपू से रोज धोती हूं और तेल लगाकर कंघी भी करती हूं." राधा बड़े गर्व से बोली.
उधर रघू जाकर तेल की शीशी ले आया और अपने लंड में चुपड़ लिया. फ़िर राधा को बोला "जरा चूतड़ उठा तो" राधा ने कमर ऊपर की तो रघू उसकी गुदा में तेल लगाने लगा.
"अरे मेरी गांड में काहे लगाते हो? बाबूजी की गांड में लगाओ" राधा अपनी बुर मौसाजी के मुंह पर रगड़ते हुए बोली.
"उनकी गांड तूने तो चिकनी कर दी है ना चुदैल. ऐसे चूसती है जैसे गांड नहीं, मिठाई हो" रघू बोला.
"भैयाजी की गांड बहुत मस्त है राजा, मजा आता है चूसने में, और तुम भी तो रोज मारते हो, तुम्हारी मलाई का भी स्वाद आता है भैयाजी की गांड से" राधा इतरा कर बोली. "अब रुको थोड़ा, मेरा पानी निकलने को है" फ़िर वो अपनी टांगें मौसाजी के सिर के आस पास पकड़कर सीत्कारने लगी. "चोदो ना बाबूजी अब ..... चोद दो मां कसम तुमको .... हाय .... डालो ना अंदर भैयाजी"
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