RE: Sex amukta मस्तानी ताई
अब मेने अपने दोनो हाथ मा की नाभि के यहाँ रख दिए और अपने शरीर के नीचे के हिस्से को उनके चूतड़ के थोडा और नज़दीक ले आया, उनकी कमर की स्किन एक दम मुलायम थी, और वो हिस्सा थोड़ा मोटा और चब्बी था, मा ने अब आटा गुन्दना शुरू किया, इस काम के शुरू करने से मा के शरीर का नीचे का हिस्सा मेरे लंड से च्छुने लगा था, मेने हल्के हल्के मा की कमर पे हाथ फिराने लगा, उन्हे गुदगुदी होने लगी, कहने लगी बेटा मुझे गुदगुदी हो रही है, मेने कहा मा मुझे आपकी कमर पे हाथ घूमना अछा लग रहा है, वो कुछ नही बोली और अपना काम करने लगी, फिर कुछ देर बाद मया पीछे मूडी और हल्की सी स्माइल दी और फिर अपना काम करने लगी, मेरे लिए यह ग्रीन सिग्नल था, धीरे धीरे धीरे में अपने शरीर का नीचे का भाग मा के करीब लाने लगा, मुझे डर भी लग रहा था और एग्ज़ाइट्मेंट भी हो रहा था, पर में आगे बढ़ता चला गया, फिर मा ने मुझसे कहा बेटा भूख नही लगी है क्या?, मेने कहा भूख तो लगी है मा पर आप होके मेरा ध्यान ही नही रखती वो बोली नही बेटा में तो तुम्हारी हर बात का ख़याल रखती हूँ इसलिए तो तुम्हारे लिए पराठे बना रही हूँ, यह सुन के में मा से चिपक गया और ऐसे जताया जैसे में अपनी फेव डिश सुन के खुश हुआ हूँ, मेने मा की कमर से हाथ हटा के उनके पेट पे रख दिया और अपने लंड को मा की गांद से टच किया, अब में उनकी सारी का फॅब्रिक फील कर रहा था, मेरे दिल जोरो से धड़क रहा था, पर मा कुछ नही बोली और अपना काम करती रही, धीरे धीरे में मा के करीब आता गया, और अब मुझे अपने लंड पे मा की मोटी मुनसल गांद का हल्का सा स्पर्श महसूस हो रहा था, मेने देखा के मा की साँसे तेज हो रही है और वो भी इस का भरपूर आनंद ले रही थी, अचानक मा के हाथ से बेलन गिर गया, और वो उसे उठाने के लिए झुकी में जान बुझ कर पीछे नही हटा अब मा की गांद मेरे लंड से सटी हुई थी, और मेरे हाथ पेट से कमर पे आगाये थे, अगर कोई उस समय हमे देखता तो ऐसा लगता जैसे में मा की चूत पीछे से ले रहा हूँ, खैर मा ने भी आराम से बेलन उठाया और अपनी गांद मेरे लंड पे कुछ देर तक ऐसे ही रहने दी, मा जब खड़ी हुई तो उन्होने पीछे मूड के मुझे देखा और एक स्माइल दी, में जान चुका था, के अब जल्द ही में मा को भी चोदने वाला हूँ, फिर मा ने कहा के चल टेबल पे बैठ और नाश्ता कर ले, मेरा मंन तो नही था, पर में मामला खराब भी नही करना चाहता था, इसलिए में मा से दूर हट गया और टेबल पे जाके बैठ गया, मा आई मुझे नाश्ता दिया और मेरे पास खड़ी हो गयी, मेने मा से कहा तुम भी खा लो, वो बोली नही बेटा में बाद में खा लूँगी, पर मेने उनका हाथ पकड़ के अपने पास की कुर्सी पे बिठा लिया, वो अपने प्रति मेरे इस प्यार को देख के बोहत खुश हुई, और मुझे देखने लगी, फिर मेने एक नीवाला तोड़ा और मा की तरफ अपना हाथ बढ़ाया, मा के लिप्स बड़े सुन्दर और रसदार लग रहे थे, मॅन कर रहा था उनका सारा रस पी लूँ, मा ने मुझे कहा तू खा बेटा में बाद में खा लूँगी, पर में नही माना और अपना हाथ उनके मूह के करीब ले गया और जब उन्होने अपना मूह खोला तो मेने नीवाला उनके मूह में डाल दिया, ऐसा करते हुए मेरे उंगलियों को उनके कोमल होंठों का स्पर्श मिला और वो मुझे बड़ा अछा लगा, फिर उन्होने एक नीवाला तोड़ा और मुझे खिलाने लगी, फिर इसी तरह हमने अपना नाश्ता ख़तम किया, और तब तक ताइजी भी वापस आ चुकी थी, फिर मा और ताइजी आपस में बैठ के बात करने लगी और में उपर अपने कमरे में आगेया और लेट गया, जैसे तैसे दिन निकला, शाम को हम सब नीचे बैठकर यहाँ वहाँ की बातें करने लगे, फिर रात को खाना खाया और अपने अपने कमरो में सोने चले गये,
दोस्तो आगे की कहानी कुछ समय बाद पोस्ट करूँगा तब तक कुछ पुरानी कहानियाँ और पोस्ट करूँगा
क्रमशः..............................
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