Antarvasnasex मेरे पति और उनका परिवार
06-27-2017, 11:48 AM,
#3
RE: Antarvasnasex मेरे पति और उनका परिवार
मजा तो आना ही था...मेरा भाई मुझे साबुन लगा कर मुझे बुरी तरह गर्म चूका था,वह मेरी योनी को चाट ही रहा था की तुम्हारी बहाब कॉल बेल बजा दी, हम दोनों का मुड ऑफ़ हो गया, मैं उसे प्यासा छोड़ बाथरूम से निकली और जल्दी जल्दी साडी ब्लाउज पहन कर दरवाजे पर पहुंची, दरवाजा खोला तो पाया कि सामने गहरे गले के टॉप और घुटनों तक कि चुस्त स्कर्ट में अपनी उफनती जवानी लिये शिल्पा कड़ी थी,


मेरे इतना कहते कहते मेरे पति ने मुझे बाथरूम में ले जाकर मुझे फर्श पर उतार दिया और मुझे दीवार के सहारे खडा कर दिया, फिर मेरे होंठों को चूमने के बाद मेरे स्तनों को चूम कर बोले....

फिर...फिर क्या हुआ.....कहती रहो और मुझे इन झरनों से अपनी प्यास बुझाने दो, इतना कह कर उन्होंने फिर मेरे स्तन पर मुंह लगा दिया, मेरे शरीर में आग भरती जा रही थी,

मेरे हांथों ने उनकी टाई निकालने के बाद उनके कोट को भी उतार दिया था, अब शर्ट के बटन खुल रहे थे, शर्ट के बटन खोलते खोलते मैं बोली. उफ....उफ...शिल्पा ने भीतर आते ही रंगीन मजाक आरंभ कर दिये, मेरे महकते रूप की तारीफ़ करने लगी, मैं समझ गई की लड़की प्यासी है, मेरी बातों को....उफ...उफ...आहिस्ता आहिस्ता चूसिये इन्हें.... आप तो पागल हुवे जा रहे हैं...उफ... मेरे पति पागलों की भांति ही मेरे स्तनों का दोहन सा कर रहे थे, मेरे होंठों से सिसकारियां फूटने लगी थी, ऐसा लग रहा था जैसे नाभि में कोई तूफ़ान अंगडाई लेने लगा है, मैनें उत्तेजना से उत्तपन होने वाली सिसकारियों को अपने दांतों तले दबा कर एक लंबी सांस छोड़ी फिर कहना शुरू किया, शिल्पा को मैं चाय बनाने के लिए अपने साथ रसोई में ले गई तो उसने.....उफ.....ऑफ...ओफ्फो...
क्या कर रहे हैं आप....?क्या कोई ट्रेनिंग लेकर आये हैं कहीं से स्तनों के साथ इस तरह पेश आने की.......आज तो आप मेरे स्तनों को झिंझोडे डाल रहे हैं आज....मेरे इस तरह कहने से उन्होंने स्तन से मुंह हटा कर मेरे होंठ चूम कर मनमोहक ढंग से कहा- क्या तुम्हे मजा नहीं आ रहा, अगर मजा नहीं आ रहा है तो मैं इन्हें आहिस्ता आहिस्ता चूसता हूँ,

मजा तो बहुत आ रहा है, इतना आ रहा है की ऐसा लगता है जैसे मैं आज कण कण होकर बिखर रही हूँ.......ठीक है तुम ऐसे ही चुसो, मैनें उनकी शर्ट को उनकी बाजुओं से निकाल कर कहा,
तुम शिल्पा वाली बात तो बताओ...उन्होंने यह कह कर स्तन के निप्पल को फिर मुंह में ले लिया और अपने हांथों को मेरे नितंबों पर ले जाकर नितंबों की मालिश सी करने लगे,

मैं उनके पेंट की बेल्ट खोलते हुवे बोली...फिर एक ओह्ह..उफ...ऊई...फिर हाँ मैं..उफ....मैं कह रही थी की शिल्पा को मैं रसोई में ले गई तो उसने वहां पहुँचते पहुँचते ही मेरे ब्लाउज में हाँथ डाल दिया था और मेरे स्तनों को चूसने की इच्छा जाहिर की और यह भी बताया की अपनी सहेली के साथ लेस्वियन लव का आनंद लेती है, मेरी....उफ......ओह...अपने पति के द्वारा अपनी योनी में मौजूद भंगाकुर को मसले जाने से मेरे कंठ से कराह निकाल दी, उफ...ये शावर तो खोल लो....नहाना भी साथ साथ हो जायेगा, मैं इतना कह कर पुनः विषय पर आई...मेरे शरीर में मेरे भाई ने पहले ही कामाग्नि भड़का डाली थी, शिल्पा द्वारा स्तनों को पकड़ने मसलने और उसकी स्तन पान की इच्छा ने मुझे और उत्तेजित कर डाला था, उसे तबतक पता नहीं था...उफ...ओह...ओफ....मेरे पति अब मेरे स्तनों को छोड़ कर निचे पहुँच गए थे, उन्होंने मेरी योनी पर मुख लगा दिया था, अब वो मेरे भंगाकुर को चूसने लगे थे, मैं उनके बालों में अंगुलियाँ फंसा कर मुट्ठियाँ भींचने लगी, उनकी इस क्रिया ने मेरी नस नस में बहते रक्त को उबाल सा दिया था, मुझे अपनी उत्तेजना ज्वालामुखी का सा रूप लेती महसूस हुई, मुझे रोम रोम में फूटते कामानन्द के कई घूंट भरने पड़े,


सुनाओ न आगे क्या हुआ...मेरे पति ने अपना मुख मेरी योनी से पल भर के लिए हटा कर कहा,
तुम शावर खोलो मैं आगे बताती हूँ...मैं बोली और अपनी साँसों को संयत करने का असफल प्रयास करती हुई बोली

ओफ...फिर शिल्पा के सामने मेरा भाई आ गया, वह रसोई के बाहर खड़ा होकर पहले से हम दोनों को देख भी रहा था और हमारी बातें भी सुन रहा था, मेरा भाई सिर्फ अंडरवीयर में था,वह भी पहले से उत्तेजित था इसलिए उसका विस्तृत आकर में फैला लिंग अंडरवीयर में से भी उभरा उभरा दिखाई दे रहा था,शिल्पा की दृष्टि उसके अंडरवीयर पर टिक गई, मैं समझ गई की उसने अभी तक लिंग का दर्शन नहीं किया है, ओह...उफ आउच...ओह...इतनी कहानी सुनते सुनते ही मेरे पति ने अपने लिंग का मुंड मेरी योनी में प्रविष्ट करा दिया, वे शावर वह खोल चुके थे,



मैं उनके द्वारा हुवे लिंग प्रवेश से आवेशित होने लगी थी, मेरे हाँथ उनके कन्धों से पीठ तक बारी बारी से कस रहे थे, मेरी साँसें तीब्र हो रही थी, मादक सिसकियों की अस्फुट ध्वनियाँ रह रह कर मेरे कंठ से उभर रही थी,


मेरे पति ने लिंग का योनी में घर्षण करते हुए कहा....स्टोरी का क्या बना....आगे क्या तुमने अपने भाई से शिल्पा की प्यास बुझवा दी...ओह...कितना मजा आ रहा है शावर के निचे मैथुन करने में....उफ....वह लिंग को आगे तक ठोक कर बोले, उनके हांथों में मेरी पतली कमर थी, उनकी जांघें मेरी जाँघों से टकरा कर विचित्र सी आवाज पैदा कर रही थी,


हाँ...उफ....ओह.......ऊई मां....तुम क्या मोटा कर लाये हो अपने लिंग को...इससे आज ज्यादा ही आनंद मिल रहा है...., मुझे वाकई पहले से ज्यादा मजा आ रहा था, मैं फिर स्टोरी पर आई....बड़ा मजा आया था....शिल्पा को मेरे भाई ने पूरा मजा दिया था...खूब जोर जोर के धक्के मारे थे...मैंने बताया और लिंग प्रहार से उत्त्पन्न आनन्दित कर देने वाली पीड़ा से मेरे शरीर के रोयें रोयें में पुलकन थी, कंठ खुश्क हो गया था, मेरी जीभ बार बार मेरे होठों पर फिर रही थी,


थोडी देर में मेरे पति ने मेरी मुद्रा बदलवाई अब मेरी पीठ उनकी ओर हो गई ऑर मैनें जरा झुक कर दीवार में लगी नल को पकड़ ली, वह मेरी योनी से लिंग निकाल चुके थे ऑर अब मेरी गुदा(गांड) में प्रवेश करा रहे थे, गुदा में लिंग पहले ही प्रहार में प्रवेश हो गया, उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर खूब शक्ति के साथ धक्के मारे ऑर गुदा में ही स्खलित हो गए, मैं भी स्खलित हो चुकी थी, फिर हम दोनों एक दुसरे से लिपट कर देर तक नहाते रहे,


मेरे पति को अब तीस पैंतीस दिन तक किसी टूर पर नहीं जाना था, उन्होंने शिल्पा वाली स्टोरी कई दिनों तक मुझसे बड़ी बारीकी से सुनी थी ऑर फिर हसरत जाहिर की थी की काश इस बार शिल्पा जब घर आये तो वो भी मौजूद हों, इस बात पर अफ़सोस भी जताया था की जब शिल्पा वाली घटना घटी तब वह वहाँ क्यों नहीं थे,


वे इस बार टूर से सिर्फ सौन्दर्य प्रसाधन नहीं लाये थे बल्कि कई इंग्लिश मैगजीन भी लाये थे जिनका विषय एक ही था सेक्स, उन मैगजीनों में अनेक भरी सेक्स अपील वाली मोडल्स के उत्तेजक नग्न व अर्धनग्न चित्र थे , कुछ कामोत्तेजक कहानियां व उदाहरण आदि थे तथा दुनिया के सेक्स से संबंधित कुछ मुख्य समाचार थे,


मै कई दिनों तक खाली समय में उन मैगजींस को देखती व पढ़ती रही थी,
दरअसल मेरी ससुराल इस शहर से चालीस किलोमीटर दूर एक कस्बे में है, जहां से कभी किसी काम से मेरी ससुराल के अन्य लोग आते रहते हैं, कभी मेरे ब्रिद्ध ससुर तो कभी ननद शिल्पा कभी मेरा एक मात्र देवर जो शिल्पा से चार वर्ष बड़ा है, अगर शहर में उनमे से किसी को शाम हो जाती है तो वे हमारे घर में ही ठहरते हैं,


एक दिन फिर मेरी ससुराल से एक शक्श आया, वह मेरा देवर था, शाम के पांच बजे वह हमारे घर आया था, मेरे पति घर पर नहीं थे, ऑफिस से साढे पांच या छः बजे तक ही आते थे,
मैं सोफे पर बैठी इंग्लिश मैगजीन पढ़ रही थी, तभी कॉल-बेल बजी, मैनें मैगजीन को सेंटर टेबल पर डाला ऑर यह सोचते हुवे दरवाजा खोला की शायद मेरे पति आज ऑफिस से जल्दी आ गए हैं, लेकिन दरवाजा खोला तो पाया की मेरा देवर जतिन सामने खडा है, उसने कुर्ता पायजामा पहन रखा था, वह कुर्ता पायजामा में काफी जाँच रहा था,


भाभी जी नमस्ते....उसने कहा ऑर अन्दर आ गया,


कहो जतिन आज कैसे रास्ता भूल गये, यम तो अपनी भाभी को पसंद ही नहीं करते

शायद.....मैनें दरवाजे को लोक्ड करके उसकी ओर मुड़ कर कहा,

ऐसा किसने कहा आपसे...वह सोफे पर बैठ कर बोला,

वह टेबल से उस मैगजीन को उठा चूका था जिसे मैं देख रही थी,

मेरे दिल में धड़का हुआ, मैगजीन तो कामोत्तेजक सामग्री से भरी पड़ी थी, कहीं जतिन उसे पढ़ न ले, मैनें सोचा लेकिन फिर इस विचार ने मेरे मन को ठंडक पहुंचा दी की अगर यह मैगजीन पढ़ ले तब हो सकता है उसकी मर्दानगी का आज टेस्ट मिल जाए, इसमें भी तो जोश एकदम फ्रेश होगा, मैं निश्चिंत हो गई,

कौन कहेगा...मैं जानती हूँ....अगर मैं तुम्हे पसंद होती......तो क्या तुम यहाँ छः छः महीने में आते....आज कितने दिनों बाद शक्ल दिखा रहे हो....पुरे साढे पांच महीने बाद आये हो , तब भी सिर्फ एक घंटे के लिए आये थे, मैं उसके सामने सोफे पर बैठ कर बोली,

मैनें ब्रेजियर्स और पेंटी पहन कर सिर्फ एक सूती मैक्सी पहन राखी थी, जिसके गहरे गले के दो बटन खुले हुए भी थे, वहां से मेरे गोरे गोरे सिने का रंग प्रकट हो रहा था,

मैनें देखा की जतिन ने चोर नजरों से उस स्थान को देखा था फिर नजर झुका कर कहा - ये तो बेकार की बात है....आओ जानती ही हैं की मैं कितना बीजी रहता हूँ, कंप्यूटर कोर्स, पढ़ाई और फिर घर का काम.....चक्की सी बनी रहती है, आज थोडा टाइम मिला तो इधर चला आया, वो भी शिल्पा ने भेज दिया...क्योंकि भाई साहब ने फोन किया था, उन्होंने शिल्पा को बुलाया था कहा था की उसे कुछ कपडे दिलवाने हैं, शिल्पा को तो आज अपनी एक सहेली की शादी में जाना था सो उसने मुझे भेज दिया...जतिन बोला,


मैं समझ गई की मेरे पति ने शिल्पा को किसलिए फोन किया होगा, कपडे दिलवाने का तो एक बहाना है, असल बात तो वही है जिसकी उन्होंने तमन्ना जाहिर की थी,

आज ही बुलाया था तुम्हारे भैया ने शिल्पा को....मैनें जतिन से पूछा,

हाँ...कहा था की आज या कल सुबह आ जाना...जतिन बोला,

अच्छा तुम बैठो मैं पानी वानी लाती हूँ.....मैनें ये कहा और सोफे से उठ कर रसोई की ओर चली गई, फ्रिज में से पानी की बोतल निकाल कर एक ग्लास में पानी डाला और ग्लास अपने देवर जतिन के सम्मुख जरा झुक कर ग्लास उसकी और बाधा कर बोली--लो पानी पीयो...मैं चाय बनाती हूँ,
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasnasex मेरे पति और उनका परिवार - by sexstories - 06-27-2017, 11:48 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,490,044 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,189 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,227,403 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 928,315 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,647,648 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,075,239 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,941,855 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,026,769 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,020,528 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,835 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)