RE: Chudai Kahani मैं उन्हें भइया बोलती हूँ
कुछ देर मैंने भैया का लंड चूसा, फिर भैया ने मुझे उठाया और डायनिंग टेबल पर मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे पूरे शरीर को चूमने लगे, फिर उन्होंने मेरी चूत को डायनिंग टेबल के किनारे पर किया और खुद मेज से नीचे उतर कर मेरी चूत को चूसने लगे। भैया पूरे जोश में आ चुके थे, वो पागलों की तरह मेरी चूत को चूसे जा रहे थे, मैं आ आअह्ह अहह उइ उइ उइ करके सिसकारियाँ लेने लगी और कहने लगी- भैया, थोड़ा धीरे धीरे चूसिये, मुझे दर्द हो रहा है !
तो भैया कहने लगे- दर्द में तो मजा आयेगा रोमा मेरी जान !
फिर भाभी रसोई में आ गई, मैंने भाभी से कहा- भाभी, भैया को कहो न कि वो थोड़ा धीरे धीरे करें। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
भैया ने भाभी से कहा- पलक, जरा जैम की बोतल में से थोड़ा सा जैम तो निकाल कर दो, इस ब्रेड पर लगाना है !
फिर भैया ने मेरी चूत पर जैम लगा दिया और फिर से उसे चूसने लगे। उधर भाभी भी डायनिंग टेबल के नीचे घुटनों के बल बैठ कर
भैया का लंड चूसने लगी। काफी देर तक भैया मेरी चूत को चूसते रहे और भाभी भैया का लंड चूसती रही। मेरे मुँह से तो लगातार आआह्ह्ह ईइआअ आआअह्ह की सीत्कारें ही निकल रही थी।
भाभी ने लंड को जब अपने मुँह से बाहर निकाला तो भैया ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और भाभी से कहा- चलो डार्लिंग, बेडरूम में चलते हैं।
और हम तीनों बेडरूम में आ गये। भईया ने मुझे बेड पर लिटा दिया, भाभी भी बेड पर बैठ गई और भैया फिर से मेरी चूत को चाटने लगे। भाभी ने एक हाथ मेरे वक्ष पर रखा और दबाने लगी और दूसरे हाथ को उन्होंने मेरी चूत के पास लेजा कर चूत सहलाने लगी, भैया भी चूत को चुसे जा रहे थे। मेरी सिसकारियाँ और तेज हो गई, मुझे और मजा आने लगा था। मेरे मुँह से लगातार आ आह्ह्ह्ह्ह ओआअह्ह आआम्म म्मम्म की आवाजें निकल रही थी। अब भैया को चुदाई की जल्दी थी, उन्होंने चूत पर से मुँह हटाया और मेरे पैरों को फैला दिया। मैं उनके सामने अपनी चूत खोले लेटी हुई थी, भैया मेरे दोनों पैरों के बीच आकर बैठ गए और अपने लंड का सुपारा मेरी चूत पर लगा दिया, भाभी मेरे चूचे दबा रही थी और चूत को ऊपर से सहला रही थी, मैं तो पागल हुए जा रही थी और मचल रही थी। अब भैया ने लंड का सुपारा मेरी चूत पर टिका कर एक झटका मारा तो उनका लंड मेरी चूत में थोड़ा सा अन्दर चला गया और मेरे मुँह से एक जोर की चीख निकली।
भाभी कहने लगी- रोमा, मजा तो आ रहा है ना?
तब मैंने कहा- हाँ भाभी, बहुत मजा आ रहा है !
फिर भैया ने एक और जोर का झटका मार कर पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। भैया मेरी चुदाई करने लगे और भाभी जो मेरे बूब्स दबा रही थी, उन्होंने अब मेरे बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और उनको चूसने लगी।
इधर भैया जोर जोर से धक्के लगा कर मेरी चुदाई कर रहे थे और मेरी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। 5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी अपनी चूत को हाथों से फैलाते हुए खड़ी हुई और चूत को भैया के मुँह पर लगा दिया।
मैं जान गई थी कि अब भाभी को भी लंड अपनी चूत के अन्दर लेना है। इस 5 मिनट तक हुई एकधार चुदाई से मैं थक चुकी थी और मेरा पानी भी निकल चुका था।
तो भैया ने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाल कर भाभी को बेड पर लिटा दिया और एक झटके में ही उनका लंड भाभी की चूत में चल गया क्यूँकि यह लंड और चूत तो जोर के ही मित्र हैं। अब भैया भाभी को चोदने लगे और मैं भाभी की बगल में ही लेटी हुई थी तो मैंने भी भाभी के बूब्स को दबाना शुरु किया। उनके बूब्स बड़े थे, मैं बूब्स को दबा रही थी तो उनमें से दूध निकल रहा था।
भाभी ने कहा- रोमा, जोर से दबाओ इन्हें ! मुझे इनमें बहुत दर्द हो रहा है। तुम दबा रही हो तो मुझे अच्छा लग रहा है।
तो मैं भी उनके बूब्स को और जोर-जोर से दबाने लगी और भैया भाभी की जोरदार चुदाई कर रहे थे, भाभी की अब चीखें निकल रही थी, उनकी आवाजों से साफ पता चल रहा था कि वो अब क्लाइमेक्स के बिल्कुल करीब पहुँच चुकी हैं और उधर भैया की भी हालत खराब थी, उन्हें भी चरम सुख के समय किसी को जोर से भींचने की इच्छा हो रही थी तो उन्होंने मुझे पकड़ कर भाभी के बूब्स के ऊपर बैठा दिया, मेरे बाल पकड़ कर मुझे आगे झुका दिया और मेरे कूल्हे ऊँचे कर दिए। मेरी यह स्थिति बहुत ही उत्तेजक और शर्मनाक हो गयी थी पर मैं उन दोनों का चरम सुख बिगाड़ना नहीं चाहती थी इसलिए जैसे भैया ने चाहा, मैंने वैसे ही अपने चूतड़ उन्हें सौंप दिए।
भैया मेरे कूल्हों पर चांटे मारने लगे और उन्हें चूमने लगे।
फिर जब भैया और भाभी एक साथ डिस्चार्ज हुए तो भाभी ने मेरी चूत अपने मुँह में ले ली और भैया ने मेरे चूतड़ नौंच डाले और फिर हम तीनों ही एक दूसरे पर निढाल होकर पड़ गए और काफी देर तक ऐसे ही नंगे पड़े रहे।
वो पूरी रात और सुबह मेरे लिए कमाल सेक्स और क़यामत की रही, हम तीनों ने बेशर्मी की सारी सीमाएँ लांघ दी।
|