प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
07-04-2017, 12:38 PM,
#57
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
घर पहुँचने पर मधु ने अपने भैय्या, भाभी और मिक्की का गरमजोशी से स्वागत किया और फिर मिक्की की और बढ़ते हुए कहा,“अरे मोना तू ?” मधु मिक्की को मोना ही बुलाती है, वो उसे अपनी बाहों में लेते हुए बोली।

“नमस्ते बुआजी !” शायद कहीं सितार बजी हो, जलतरंग छिड़ी हो या किसी अमराई में कोयल कूकी हो, इतनी मीठी और सुरीली आवाज मिक्की के सिवा किसकी हो सकती थी।

“अरे ये तो मुझसे भी एक इंच बड़ी हो गई है।” मधु ने कहा।

“हाँ लम्बी तो बहुत हो गई है पर पढ़ाई-लिखाई में अभी भी मन नहीं लगाती !” सुधा ने बुरा सा मुंह बनाते हुए हुए कहा।

“अरे अभी बच्ची है, अपने आप पढ़ लेगी, तुम क्यों चिंता करती हो !” मधु बोली।

मैं सोच रहा था- क्या वाकई ये अभी बच्ची (बची) ही है। उसके स्तन, नितम्ब तो कहर बरपाने वाले बन चुके हैं।

“फूफाजी ! बाथरूम किधर है?” मिक्की ने पूछा।

“आ…न ! हाँ, आओ इधर है !” मैं उसका हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम से लगे बाथरूम की ओर ले गया। मैं जानबूझकर उसे गेस्ट रूम के साथ भी एक बाथरूम में नहीं ले गया था।

“मैं साथ आऊँ क्या अन्दर ?” मैंने मुस्कुराते हुए पूछा।

“नहीं ! क्यों ?”

“वो फिर कोई छिपकली आ गई तो ?”

“ओह ! हटो आप भी…” वो शर्माते हुए बाथरूम में घुस गई और दरवाजा बंद कर लिया। और मैं बाहर खड़ा उसके सू-सू की आवाज का इन्तजार करने लगा।

बाहर खड़ा मैं अपने सपनो में खोया हुआ था। आज से कोई ३-४ साल पहले जब मैं अपनी ससुराल किसी फंक्शन में गया था तब की एक घटना मेरी आँखों में फिर से घूम गई।

मेरे ससुराल में घर दो-मंजिला है । ऊपर के भाग में एक कमरा और बाथरूम बना है। मैं शाम को छत के ऊपर टहल रहा था। इतने में मिक्की के चीखने की आवाज सुनाई दी और वो लगभग दौड़ते हुए बाथरूम से बाहर आई, वो थर थर कांप रही थी। इससे पहले कि मैं कुछ समझता उसे ठोकर लगी और वो नीचे गिर पड़ी, मैंने भाग कर उसे उठाया। उसके पैर में चोट लग गई थी, उसकी आँखों में आंसू आ गए।

“अरे क्या हुआ ?”

“वो ! वो !” मिक्की तो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।

“हाँ ! हाँ ! क्या हुआ ?”

“वो ! बाथरूम में छिपकली है !”

मेरी हंसी निकल गई। मिक्की को छिपकलियों से बड़ा डर लगता है। जब वो उठी तो उसके मुंह से कराह सी निकली,“उईई … माँ !”

“क्या हुआ ?”

“मेरे पैर में चोट लग गई है !” उसने अपना घुटना मसलते हुए कहा।

मैंने उसके घुटने पर हाथ फिराया। उसने मिड्डी और टॉप पहना था। मिड्डी में उसकी पुष्ट जांघे तो कमाल की थी। मैं उसकी बुर तो नहीं देख सकता था पर उसके गोरे गोरे घुटनों और जाँघों को देख कर अंदाजा तो लगा ही सकता था कि वो तो पूरी कमायत ही होगी।

मैंने उसका घुटना सहलाया। वो थोड़ा सा छिल गया था, थोड़ा सा खून भी चमकने लगा था।

मैंने कहा, “अब तुम्हें डॉक्टर इंजेक्शन लगायेगा !”

तो वो रोने लगी और बोली,“नहीं मैं इंजेक्शन नहीं लगवाउंगी ! मुझे इंजेक्शन से बड़ा डर लगता है !”

“भई गाँव में तो बस थूक लगा देते हैं पर यहाँ तो ? “ मैंने आगे की बात जानबूझ कर नहीं कही।

“हाँ ये ठीक है ?” मिक्की ने हामी भरी।

मैंने तुंरत उसके घुटने पर अपनी जीभ लगा दी और थोड़ा सा थूक उस पर लगा कर एक चुम्मा ले लिया। मिक्की खिलखिला कर हंस पड़ी।

“ओह ।। फूफाजी … आप भी …?”

“क्यों क्या हुआ ?”

“कोई घुटनों पर भी पप्पी लेता है ?”

उसने मेरी ओर आश्चर्य से देखा तो मैंने कहा, “अच्छा तो कौन सी जगह पप्पी लेते है?”

‘पप्पी तो गालों पर ली जाती है!” वो मासूमियत से बोली।

“अच्छा ! तो आओ फिर गालों पर भी ले लेते हैं !”

मैं आगे बढ़ा और उसके नरम मुलायम गुलाबी होंटों पर अपने होंठ रख दिए। मैंने धीरे धीरे उसके होंठो को चूमा और फिर अपनी जीभ उन पर फिराने लगा जैसे सावन का प्यासा बारिश की हर बूँद को पी जाना चाहता है, मैं उसके होंठों को चूसने लगा। वह पूरा साथ दे रही थी उसके लिए तो मानो ये एक खेल ही था। मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डालने की कोशिश की तो वो हँसने लगी। मेरा दिल धड़क रहा था। मेरी भावनाओं का उसे इतनी छोटी उम्र में क्या भान होगा वो तो इसे केवल अपने अंकल का प्यार ही समझ रही थी पर मेरे लिए तो यह अमूल्य निधि की तरह था। हमारा यह चुम्बन कोई तीन चार मिनट तो जरूर चला होगा। फिर हम अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए अलग हो गए।

मेरे पास उसे गोद में उठाने का सुनहरा अवसर था। मैंने उसे गोद में उठा लिया। उसे भला क्या ऐतराज़ हो सकता था। उसके पैर में तो चोट लगी थी और वो अपने पैरों से चल कर तो नीचे नहीं जा सकती थी। मैं उसे गोद में उठाये सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा। उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी और अपनी आँखें बंद करके मेरे सीने पर अपना सिर रख दिया। उसके छोटे-छोटे नींबू मेरे सीने से लगे थे। मैं तो जैसे निहाल ही हो गया। मिक्की को बेड-रूम में छोड़ कर मैं ऊपर आ गया। मेरा पप्पू तो पैन्ट में धमा-चौकड़ी मचा रहा था। अब मेरे पास मुठ मारने के अलावा और क्या रास्ता बचा था। मैंने बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया !! और ????

दोस्तों मिक्की और मेरा यह पहला चुम्बन था। आप सोच रहे होंगे इस चुम्बन लेने में क्या मजा आया होगा। क्या नैतिक और सामाजिक रूप से मुझ जैसे पढ़े लिखे और शरीफ समझे जाने वाले व्यक्ति के लिए ऐसा करना ठीक था ? मैंने क्या गलत किया है मैंने तो एक चतुर भंवरे की तरह एक कच्ची-कलि का रस उसे बिना कोई नुक्सान पहुंचाए पी लिया था। मैंने उसकी कोमल भावनाओं से बिना खिलवाड़ किये एक चुम्बन ही तो लिया है? इसमें इतना हो हल्ला मचाने की क्या जरूरत है। आप शायद अभी मेरी इन बातों को नहीं समझेंगे।
Reply


Messages In This Thread
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ - by sexstories - 07-04-2017, 12:38 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,571,557 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,385 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,263,151 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,057 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,693,974 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,114,754 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,009,858 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,252,576 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,101,428 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,645 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)