Hindi Sex Stories By raj sharma
07-19-2017, 10:31 AM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
गंगा स्नान
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मैं गंगा स्नान के लिए त्रिवेणी घाट ऋषिकेश गई थी. बहुत भीड़ थी. समझ
नही आरहा था कि अपना बॅग कहाँ रखूं और कैसे नहाऊ? सीढ़ियों पर एक
अधेड़ उमर का जोड़ा (हज़्बेंड वाइफ बैठे थे उनके साथ उनकी एक बेटी जिसकी एज
10-11 के लगभग होगी. मुझे वो लोग सारीफ़ से लगे और मैने उस औरत से रिक्वेस्ट
की कि प्लीज़ आप मेरे बॅग का ध्यान रखेंगे और उनके हां कहने के बाद मैने
सब लोगों की तरह अपनी साडी उतरी और पेटिकोट का नाडा खोलकर अपने चुचो के
उपर तक खींच कर फिर से गाँठ मार दी, फिर मैने सीधी पर बैठ कर
पेटिकोट के अंदर अपने हाथ घुसेड कर अपना ब्लाउस और ब्रा खोलने के बाद पॅंटी
भी उतारी और बॅग मे डाल दी. अब मेरे बदन पर मेरे चुचो के उपर से लेकर
घुटनों तक केवल मेरा पेटिकोट था.

उस औरत ने सलवार कमीज़ पहनी थी, उसने भी झट से पहले अपनी कमीज़ और फिर
ब्रा उतारकर मॅक्सी पहनी और फिर सलवार भी उतार दी. उसके हज़्बेंड ने शर्ट पॅंट
और बनियान उतारकर कछे मे नहाने के लिए तैयार हो गया.

सबसे पहले वो आदमी पानी मे घुसा उसके साथ साथ उसकी वाइफ भी उसके पास
गयी और सॅफ्टी चैन पकड़ कर पानी मे गर्दन तक डुबकी मारने लगी. मैं भी
उनसे 4-5 फीट उपर की साइड सॅफ्टी चैन पकड़ कर डुबकी मारने लगी, जैसे ही मैं
डुबकी मारती मेरा पेटिकोट उपर उठकर पानी के उपर तैरने लगता और मेरे हिप्स
नंगे हो जाते. एक दो बार मैने एक हाथ से ही अपने पेटिकोट को खींचकर अपनी
दोनो थैएस को चिपकाकर उनके बीच मे फासकार डुबकी मारती मगर पानी के तेज
बहाओ मे फिर से पेटिकोट छिटक जाता और पानी के उपर आ जाता. पता नही वहाँ
पर हज़ारो मर्दो के बीच मे कितने मर्दों ने मेरा अग्वाडा और पिच्छवाड़ा देखा
होगा.

एक बार पानी से बाहर सीढ़ी पर आकर मैं अपने हाथों और पैरों को रगड़
रही थी कि मेरी निगाह उसी आदमी पर पड़ी जिनके पास मैने अपने बॅग रखा था,
वो चोरी चोरी मेरे बदन को निहार रहा था, उसका ध्यान अपनी वाइफ की तरफ कम
और मेरी तरफ ज़्यादा था.

मैं फिर से पानी घुसी और एक हाथ से सॅफ्टी चैन पकड़ कर डुबकी मारने लगी.
अबकी बार मैने एक हाथ से अपनी नाक बंदकर जैसे ही पूरा सर पानी मे डुबोया,
अचानक मेरे मूह मे खूब सारा पानी घुसने के कारण मेरी साँस अटक गयी और
हड़बड़ाहट मे मेरा सॅफ्टी चैन वाला हाथ छूट गया और मैं बहते हुए ज़ोर से
बचाआआआओ चिल्ला पड़ी और बेहोसी जैसी हालत मे पानी के अंदर डूब कर बहने
लगी. अचानक मैने पानी के अंदर ही महसूस किया कि कुच्छ हाथों ने मेरी
गर्दन को पकड़ कर पानी से बाहर खींचा अभी मेरा सर पानी से बाहर आया ही
था कि किसी ने गच्छ एक उंगली मेरी चूत मे घुसेड कर मुझे पानी से बाहर
निकालने की कोसिस करने लगा और मैं अपनी जान बचाने की लिए अपने हाथ से उसकी
टाँगो को पकड़ने की कोसिस करने लगी कि पहले तो उसके कछे के बाहर से ही
उसका लॅंड मेरे हाथ मे आया पर मैने झट से हाथ हटाया और अबकी बार उसके
कछे का लस्टिक मेरे हाथ मे आया. मेरा कमर से उपर की हिस्सा पानी के बाहर
आ चुका था आँख खुलने पर मैने पाया कि मेरा पेटिकोट नीचे के बजाई पूरा
का पूरा उपर की तरफ उठ गया था और सर पेटिकोट से ढक था.

ये सब कुच्छ इतनी जल्दी घट गया कि पता ही नही चला. किसी की उंगली अभी भी
मेरी चूत के अंदर थी और जैसे ही मुझे बाहर निकालने की कोसिस करते-करते
झटके से और अंदर घुसेड देता. किसी तरह उनलोगों ने मुझे खींच कर सीढ़ी
पर बिठाया और पता नही किस ने मेरा पेटिकोट मेरे सर से नीचे किया तो मैने
देखा मेरे चारों तरफ भीड़ खड़ी थी, जिनमे ज़्यादातर मर्द थे. मेरा शरम
के मारे बुरा हाल था, गर्दन उपर नही उठा पा रही थी, कई आवाज़े आ
रही थी, कोई पूच्छ रहा था "मेडम ठीक हो" कोई कहता "बहन जी घबराओ मत
भगवान ने बचा लिया" और ना जाने क्या क्या. वो औरत मेरा बॅग लेकर मेरे पास
ही लेकर आई और बोली "दीदी भगवान का सूकर है कि आप बच गयी हैं", अब
कपड़े पहनलो और मंदिर मे सवा 5 रुपये का परसाद चढ़ा कर घर जाना. मैने
बदहवासी मे टॉवल से सर पोंच्छा और दूसरा पेटिकोट सर के उपर से डालकर चुचो
के उपर अटककार गीले पेटिकोट का नाडा खोलकर नीचे सरकया और फिर साडी का एक
कोना कंधों पर ओढकर बिना ब्रा के ब्लाउस पहना. मुझे वहाँ से जाने की जल्दी
थी इसलिए फटाफट कपड़े पहन कर त्रिवेणी घाट से निकलकर मार्केट मे पहुँच
कर साँस ली.

अब मेरे दिमाग़ मे उथलपुथल होने लगी कि उन 10-11 मर्दों, जो मुझे घेरे हुए
थे, मे से किस मर्द ने मेरी चूत मे उंगली घुसेदी होगी, अंजाने मे घुसी होगी या
उसने जान बुझ कर घुसेदी होगी. चूँकि मेरा पेटिकोट नीचे के बजाई मेरे सर
के उपर पलटा हुवा था तो क्या इतने सारे लोगों ने मेरी 2 महीने से बिना सेव
की हुई चूत को देखा होगा?. अजीब हालत हो रही थी एक तरफ घबराहट के मारे
बदन काँप रहा था और दूसरी तरफ दिमाग़ मे उंगली का ख़याल आते ही चूत के
अंदर गीलापन महसूस होने लगा.

आअप लोग क्या बोलते हैं कि उस आदमी ने मेरी चूत मे उंगली अंजाने मे घुसेदी
होगी या अंजाने मे.
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Hindi Sex Stories By raj sharma - by sexstories - 07-17-2017, 12:39 PM
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma - by sexstories - 07-19-2017, 10:31 AM

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