RE: XXX Kahani एक भाई ऐसा भी
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अब आगे
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काजल ने आख़िरी वक़्त मे सारिका के सिर को पकड़कर उपर खींच लिया और उसके रस से भीगे होंठों को पकड़कर अपने मुँह मे दबोच लिया...
और सारिका ने अपनी उंगलियों को अपने होंठों की जगह लगाकर काजल की चूत को मसलना जारी रखा..
और सारिका के होंठों को चूस्टे हुए, उसकी उंगलियों को अपनी चूत पर महसूस करते हुए काजल बुरी तरह से झड़ने लगी..
उसकी चूत में से देसी घी निकलकर सारिका की उंगलियों को भिगो गया..
और काजल निढाल सी होकर उस स्लेब से नीचे आ गयी...और सोफे पर धम्म से जाकर बैठ गयी...
पर उसे मालूम था की अब उसे सारिका को भी ऐसा ही एहसास देकर झाड़ना होगा...उसने साथ बैठी सारिका को पकड़कर उसकी चूत में अपनी 2-3 उंगलियाँ पेल दी और बिना किसी वॉर्निंग के अंदर बाहर करने लगी..
सारिका भी सोफे पर लेट सी गयी....और उसने काजल के गले मे हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच लिया...केशव तो दूर बैठा उन्हे ऐसा करते हुए देख रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे उन दोनो के बीच रेसलिंग हो रही है...
काजल ने सारिका को घोड़ी बनाया और उसकी चूत को पीछे से चाटने लगी...साथ ही साथ वो अपनी जीभ से उसकी गांद के छेद को भी कुरेद रही थी...ये काम केशव ने भी कई बार किया था उसके साथ..पर आज काजल के द्वारा ऐसा करना उसे उससे भी ज़्यादा पसंद आ रहा था..
और फिर वही हुआ, जिसके लिए इतनी मेहनत की जा रही थी...सारिका एक बार फिर झड़ने लगी...अपनी सहेली के मुँह के अंदर ही उसने अपना सारा जूस निकाल दिया...
''अहह ........ ओह माय गॉड ................. काजल .................. यू आर अमेजिंग ............... आई एम लविंग इट ....''
और उसके मुँह के उपर अपनी गद्देदार गांड रगदकर उसने बचा खुचा रस उसके चेहरे पर मल दिया...
दोनो के चेहरे पर एक अजीब सी खुशी थी..
दोनो एक दूसरे को चूमने लगी..और चेहरे और होंठों पर लगे रस का पता भी नही चला की कहाँ चला गया...दोनो के चेहरे ऐसे चमक रहे थे जैसे किसी ब्यूटी पार्लर से होकर आई हो..
और उन दोनो के दमकते चेहरे देखकर केशव के लंड का खून दुगनी तेज़ी से दौड़ने लगा ..
और दोनो सहेलियो ने भी आँखो -2 में इशारा करके एक दूसरे का ध्यान केशव के हिनकते लंड की तरफ खींचा...
और फिर दोनो मुस्कुराती हुई सी केशव की तरफ चल दी..
ऐसे ही...
नंगियाँ ...
केशव समझ गया की अब वो पल आ गया है जिसका उसे कब से इंतजार था...यानी काजल की चुदाई का.
वो अपने लंड को मसल-2 कर काजल की लश्कारे मार रही चूत को देखे जा रहा था..वो फूल कर डबलरोटी जैसी हो गयी थी..और गोर से देखने पर पता चला की वो थिरक भी रही है...जैसे एक अलग से दिल धड़क रहा हो उसकी चूत के अंदर..
वो दोनो जैसे ही केशव के बेड के पास पहुँची, मैन गेट की घंटी ज़ोर से बजने लगी
टिंग टोंग ......................... टिंग टोंग ................... टिंग टोंग
कोई बाहर खड़ा होकर लगातार घंटी बजाए जा रहा था..और केशव की तो झाँटे सुलग उठी घंटी की आवाज़ सुनकर
''अब कौन आ मरा...अपनी माँ चुदवाने ....''
ये शायद पहली बार था जब ऐसी गाली केशव ने दी थी...काजल के सामने..
उसने काजल को इशारा करके खिड़की खोलकर बाहर झाँकने को कहा, जहाँ से देखा जा सकता था की बाहर कौन है..वो तो नंगी थी...फिर भी अपने भाई की बात मान कर उसने धीरे से खिड़की खोली और थोड़ा सा खोल कर बाहर झाँका, बाहर केशव का दोस्त बिल्लू था
काजल : "बिल्लू है बाहर...ये इस वक़्त क्या करने आ गया...''
इस बीच सारिका भी शायद समझ चुकी थी की अब ये खेल यहीं ख़त्म करना पड़ेगा..इसलिए उसने तो अपने कपड़े समेट कर पहनने भी शुरू कर दिए थे..
केशव झल्लाता हुआ उठा और अपनी टी शर्ट पहन कर उसने पूरी खिड़की खोल दी और बाहर झाँक कर बोला : "बोल बिल्लू .... क्या काम है ..''
बिल्लू ने उपर देखा और बोला : "केशव भाई...जल्दी से दरवाजा खोलो...एक बहुत ज़रूरी बात करनी है...''
केशव (गुस्से में ) : "यार...शाम को तो मिल ही रहे हैं ना...तभी कर लेंगे...अभी मुझे सोने दे...''
वो किसी भी तरह उसे टरका देना चाहता था...क्योंकि इस वक़्त तो उसके सामने अपनी बहन की कुँवारी चूत घूम रही थी..
बिल्लू : "नही भाई...शाम को नही...अभी...शाम को राणा भी होगा ना यहाँ ...उसके बारे में ही बात करनी है...''
अब केशव का भी दिमाग़ ठनका ...ये राणा के लिए क्या बात करना चाहता है...उसको लेकर तो वो खुद कल रात से कितने प्लान बना रहा था...उसके जैसे बंदे से जुआ जीतने में कितना मजा मिलेगा, वो सब स्कीमें बना रहा था वो कल से..
केशव : "अच्छा रुक जा...मैं अभी आता हू...''
और इतना कहकर उसने खिड़की बंद कर दी...सारिका अपने कपड़े पहन चुकी थी और वो काजल के सूट की जीप को पीछे से बंद करने मे उसकी हेल्प कर रही थी..
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