Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
08-13-2017, 11:59 AM,
#4
RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
विकी का उतावलापन साफ नज़र आ रहा था. मुझ से ना रहा गया. बेचारे पे बहुत तरस आ रहा था. मैने विकी की सीट से टाँगें उठा कर अपनी सीट पर कर लीं. टाँगें इस प्रकार से चौड़ी करते हुए उठाई की गोरी जांघों के बीच में विकी को मेरी झांतों से भरी हुई चूत के एक सेकेंड के लिए दर्शन हो गये. पॅंट का उभार बता रहा था मेरी चूत का असर. अब तो विकी की हालत और भी खराब थी. बेचारा मेरी आँख बचा कर अपने लंड को पॅंट के ऊपर से ही रगड़ रहा था. कुच्छ देर के बाद मैं टाँगें मोड़ के उकड़ू हो कर बैठ गयी और अपना सिर घुटनों पर टीका के सोने का बहाना करने लगी. लहँगे के नीचे के हिस्से को मैने अपनी मूडी हुई टाँगों में फसाया हुआ था और सामने के हिस्से को घुटनों तक ऊपर खींच रखा था. अब अगर ल़हेंगे का नीचे का या पिच्छला हिस्सा मेरी मूडी हुई टाँगों से निकल कर नीचे गिर जाता तो ल़हेंगे के अंडर से मूडी हुई टाँगों के बीच से मेरी नंगी चूत विकी को बड़ी आसानी से नज़र आ जाती. एक सेकेंड की झलक पा कर ही विकी बहाल था. काफ़ी देर इंतज़ार कराने के बाद मैने अपने घुटनों पे सिर रख कर सोने का बहाना करते हुए टाँगों के बीच फँसा हुआ लहँगे का निचला हिस्सा नीचे गिरने दिया. अब तो मेरी नंगी चूत विकी की आँखों के सामने थी. विकी ज़िंदगी में पहली बार किसी लड़की की चूत देख रहा था. गोरी गोरी मांसल जांघों के बीच में लंबी काली झांतों के अंडर से झँकती हुई मेरी डबल रोटी के समान फूली चूत को देख कर अच्छों अच्छों का ईमान डोल सकता था. विकी तो फिर बच्चा ही था. इस मुद्रा में मेरी चूत के उभरे हुए होंठ घनी झांतों के बीच से झाँक रहे थे. उभरे हुए तो बहुत थे लेकिन उतने चौड़े और खुले हुए नहीं जितने मम्मी की चूत के थे. मम्मी की चूत को पापा का मोटा लॉडा बीस साल से जो चोद रहा था. करीब 5 मिनिट तक मैने जी भर के विकी को अपनी चूत के दर्शन कराए.विकी की तो जैसे आँखे बाहर गिरने वाली थी. अचानक मैने सिर घुटनों से ऊपर उठाया और पूछा,

“ विकी कौन सा स्टेशन आने वाला है.?”

विकी एकदम हरबदा गया और बोला,

“ पता नहीं दीदी. मैं तो सो रहा था.”

“ अरे तुझे इतना पसीना क्यों आ रहा है ? तू ठीक तो है?” मैने विकी के माथे पर हाथ रखते हुए पूछा. पसीना आने का कारण तो मुझे अच्छी तरह मालूम था. ऐसा ही पसीना मुझे भी उस दिन आया था जिस दिन मैने विकी का मोटा लॉडा देखा था. विकी के पॅंट का उभार भी च्छूप नहीं रहा था.

“ अच्छा चल खाना खा लेते हैं.” हम दोनो ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारी करने लगे.

“ विकी जा कपड़े बदल ले. सीट तो एक ही है मेरे साथ ही लेट जाना.”

“ दीदी आपके साथ कैसे लेटुँगा?”

“ क्यों मैं इतनी मोटी हूँ जो तू मेरे साथ नहीं लेट सकता.?”

“ नहीं नहीं दीदी एक बार आपको मोटी कह कर भुगत चुक्का हूँ फिर कह दिया तो ना जाने क्या हो जाएगा. अब आप जवान हो गयी हो. आपके साथ सोने में शरम आती है.”

“ ओ ! तो तुझे मेरे साथ सोने में शर्म आ रही है. ठीक है सारी रात खड़ा रह मैं तो चली सोने.” ये कह कर मैं सीट पर लेट गयी. बेचारा काफ़ी देर तक बैठा रहा फिर उठ के बाथरूम गया. जब वापस आया तो उसने लूँगी पहनी हुई थी. मैं मन ही मन मनाने लगी कि काश विकी ने अंडरवेर भी उतारा हुआ हो. विकी फिर आ कर बैठ गया. थोरी देर बाद मैने कहा,

“ जब तेरा शरमाना ख़त्म हो जाए तो लेट जाना. लाइट बंद कर्दे और मुझे सोने दे.”

विकी ने लाइट बंद करदी. मैं विकी की तरफ पीठ करके लेटी थी. उसके लेटने की जगह छोड़ रखी थी. ट्रेन में हल्की हल्की लाइट थी. सोने का बहाना करते हुए मैने लहंगा घुटनों से ऊपर खींच लिया था. ट्रेन की हल्की हल्की लाइट में मेरी गोरी गोरी जंघें चमक रही थी. करीब एक घंटे तक विकी ऐसे ही बैठा रहा. शायद मेरी टाँगों को घूर रहा था. थोरी देर में मुझे धीरे से हिला के फुसफुसाया,

“ दीदी ! दीदी!. सो गयी क्या?

मैं गहरी नींद में सोने का बहाना करती रही.

“ दीदी ! दीदी !” इस बार थोड़ा और ज़ोर से हिलाता हुआ बोला. लेकिन मैने कोई जबाब नहीं दिया. अब उसे विश्वास हो गया था कि मैं गहरी नींद में हूँ. अचानक मुझे महसूस हुआ जैसे कोई मेरा लहंगा ऊपर की ओर सरका रहा हो. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगा. मैं विकी का इरादा अच्छी तरह समझ रही थी. बहुत ही धीरे से विकी ने मेरा लहंगा इतना ऊपर सरका दिया की मेरी पूरी टाँगें नंगी हो गयी; सिर्फ़ नितंब ही ढके हुए थे. बाप रे ! थोरी ही देर में ये तो लहंगा मेरे नितंबों के ऊपर सरका देगा. मैने विकी से इस बात की आशा नहीं की थी. मैने तो पॅंटी भी नहीं पहनी थी. विकी भी इस बात को जानता था.

“ दीदी ! दीदी!” विकी एक बार फिर फुसफुसाया. मैं सोने का बहाना किए पड़ी रही. समझ नहीं आ रहा था क्या करूँ. इतने में विकी ने लहंगा बहुत ही धीरे से मेरे नितंबों के ऊपर सरका दिया. हे भगवान ! अब तो मेरे विशाल नितंब बिल्कुल नंगे थे. शरम के मारे मेरा बुरा हाल था, लेकिन क्या करती. जिन नितंबों ने पूरे शहर के लड़कों पर कयामत ढा रखी थी वो आज विकी की नज़रों के सामने बिल्कुल नंगे थे. काफ़ी देर तक मेरे नितंबों को निहारने के बाद विकी धीरे से मेरे पीछे लेट गया. थोरी देर दूर ही लेटा रहा फिर आहिस्ता से सरक के मेरे साथ चिपक गया. मेरे बदन में तो मानो बिजली का करेंट लग गया हो. विकी का तना हुआ लॉडा मेरे चूतरो से चिपक गया. मुझे उसके लौदे की गर्मी महसूस होने लगी. ट्रेन के हिचकॉलों के साथ विकी का लॉडा मेरे चूतरो से रगड़ रहा था. लेकिन उसकी लूँगी मेरे नंगे चूतरो और लॉड के बीच में थी. मेरी चूत तो बुरी तरह से गीली हो चुकी थी. अचानक मुझे महसूस हुआ जैसे की विकी के लॉड की गर्मी बढ़ गयी हो. हाई राम ! विकी ने लॉडा लूँगी से बाहर निकाल लिया था ! अब उसने अपने आप को मेरे पीछे इस प्रकार अड्जस्ट किया की उसका लॉडा मेरे चूतरो की दरार में रगड़ने लगा. वो बिना हीले दुले लेटा हुआ था. ट्रेन के हिचकॉलों के कारण लॉडा मेरे चूतरो की दरार में आगे पीछे हो रहा था. कभी हल्के से मेरी गांद के छेद से रगड़ जाता तो कभी मेरी चूत के छेद तक पहुँच जाता. मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. मैं सोचने लगी की अगर लॉडा गांद के छेद से रगड़ खा कर भी इतना मज़ा दे सकता है तो गांद में घुस कर तो बहुत ही मज़ा देगा. लेकिन विकी के लॉड के साइज़ को याद करके मैं सिहर उठी. जो लॉडा चूत को फाड़ सकता है वो गांद का क्या हाल करेगा? अब तो मेरी चूत का रस निकल कर मेरी झांतों को गीला कर रहा था. इतने में ट्रेन ने ज़ोर से ब्रेक लगाया और विकी का लॉडा मेरी चूत के छेद से जा टकराया. ऊवई मा कितना अच्छा लग रहा था! मन कर रहा था की चूतरो को थोड़ा पीछे की ओर उचका कर लंड को चूत में घुसा लूँ. अचानक विकी ने मुझे गहरी नींद में समझ कर थोडा ज़ोर से धक्का लगा दिया और उसका लॉडा मेरी बुरी तरह गीली चूत में घुसते घुसते बचा. मैं घबरा गयी. अभी मैं विकी के लंड के लिए तैयार नहीं थी. अंडर घुस गया तो अनर्थ हो जाएगा. मैने नींद टूट जाने का बहाना करते हुए एक अंगड़ाई ली . विकी ने झट से अपना लॉडा हटा लिया और लहंगा मेरे चूतरो पर डाल दिया. मैं उठाते हुए बोली,“ विकी हट बाथरूम जाने दे.”

“ दीदी, बहुत गहरी नींद में थी. ठीक से सोई कि नहीं. मैं बैठ जाता हूँ. दोनो एक सीट पे सो नहीं पाएँगे.”

“ मैं तो बहुत गहरी नींद में थी. थक गयी थी ना. तू तो लगता है सोया ही नहीं.” ये कह के मैं बाथरूम चली गयी. इतनी देर तक उत्तेजना के कारण प्रेशर बहुत ज़्यादा हो गया था. पेशाब करके राहत मिली. छूटरो पर और चूतरो के बीच में हाथ लगाया तो कुच्छ चिपचिपा सा लगा. शायद विकी का वीर्य था. वापस सीट पर आई तो विकी बोला “ दीदी आप सो जाओ मैं किसी दूसरी सीट पे चला जाता हूँ.”

“ नहीं मैं तो सो चुकी हूँ तू लेट जा. मुझे लेटना होगा तो मैं तेरे पीछे लेट जाउन्गि.”

“ ठीक है दीदी. मैं तो लेट रहा हूँ.” विकी लेट गया. पीठ मेरी ओर थी. मैं काफ़ी देर तक बैठी रही और फिर विकी के पीछे सत के लेट गयी. पता नहीं कब आँख लग गयी. जब आँख खुली तो सवेरा हो चुका था.

क्रमशः.........
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र - by sexstories - 08-13-2017, 11:59 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,486,325 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,763 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,930 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 927,170 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,645,440 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,073,479 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,938,742 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,016,383 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,016,810 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,491 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 15 Guest(s)