RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
"आआ…….ह. क्या कर रहा है रामू? तुझे तो बिल्कुल भी सबर नहीं. निकाल ले ना." लेकिन भाभी ने उठने की कोई कोशिश नहीं की. मैने भाभी की कमर पकड़ के तोड़ा लंड को बाहर खींचा और फिर एक ज़ोर का धक्का लगाया. इस बार तो करीब 8 इंच लौदा भाभी की चूत में समा गया.
"आ…आ..आ…आ..आ ..वी मया..आआ.. मर गयी, छोड़ ना मुझे. पहले खाना तो खा ले." भाभी सीधी हुई पर लौदा अब भी चूत में धंसा हुआ था. मैने पीछे से हाथ डाल कर भाभी की चूचिया पकड़ ली.
" भाभी, आप खाना बनाइए ना आपको किसने रोका है?" उसके बाद भाभी उसी मुद्रा में खाना बनाती रही और मैं भी भाभी की चूत में पीछे से लौदा फँसा कर भाभी की पीठ और चूतरो को सहलाता रहा.
" चल रामू खाना तैयार है, निकाल अपने मूसल को." भाभी अपने चूतर पीछे की ओर उचकते हुए बोली. मैने भाभी के चूतर पकड़ के दो तीन धक्के और लगाए और लौदे को बाहर निकाल लिया. मेरा पूरा लंड भाभी की चूत के रस से सना हुआ था. भाभी ने टेबल पर खाना रखा और मैं कुर्सी खैंच कर बैठ गया.
" आओ भाभी, आज आप मेरी गोद में बैठ कर खाना खा लो."
" हाई राम तेरी गोद में जगह कहाँ है? एक लंबी सी तलवार निकली हुई है." भाभी मेरे खड़े हुए लंड को देखती हुई मुस्कुरा कर बोली.
क्रमशः.........
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