RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
गतान्क से आगे ......
विकी ने पहले कैंची से मेरी झांतों को काटना शुरू किया. जब झाँटें इतनी छ्होटी हो गयी की अब कैंची से काटना मुश्किल हो गया तब विकी ने शेविंग क्रीम निकाला. झाँटें काटने से मेरी पूरी चूत की बनावट नज़र आनी शुरू हो गयी थी. मुझे भी अपनी चूत की बनावट देखे 12 साल हो गये थे. विकी ने खूब सारा शेविंग क्रीम मेरी चूत के चारों ओर लगाया और फिर रेज़र से बाल साफ करने लगा. जैसे जैसे बाल साफ होते जा रहे थे मेरी गोरी चिकनी स्किन उभरती जा रही थी. विकी ने बड़े प्यार से शेव कर रहा था. थोड़ी देर में बोला,
“ दीदी अब लेट जाओ और पैर ऊपर की ओर मोड़ के फैला दो.” मैं लेट गयी और टाँगें मोड़ के छाती से लगा दी. बिल्कुल चुदवाने की मुद्रा थी. विकी ने उस जगह भी शेविंग क्रीम लगाया जहाँ वो मेरे बैठे होने के कारण नहीं लगा सका था. बाल तो मेरी गांद तक थे. विकी ने अच्छी तरह शेविंग क्रीम लगा के रेज़र से बाल सॉफ कर दिए. पूरी चूत शेव करने के बाद उसने गरम पानी से चूत को साफ किया. फिर बोला “ दीदी देखो अब ठीक है?” मैने टाँगों के बीच देखा तो अपनी ही चूत को पहचान ना पाई. कितनी गोरी, सुंदर,सॉफ और चिकनी लग रही थी. कितने फूली हुई थी. विकी के लंड ने इतनी सूजा दी थी कि अब तो किसी डबल रोटी से भी डबल लग रही थी. दोनो फांकों के बीच से निकले होंठ इतने बड़े थे मानो छ्होटा सा लंड हो. विकी भी मेरी चूत को घूरे जा रहा था. उसके लंड ने तो लूँगी का टेंट बना दिया था. मैं उसके लंड की ओर इशारा करके बोली,
“ विकी तू तो शायद मुझे एक भाई की नज़र से देख रहा है ना.?” विकी का चेहरा लाल हो गया,
“ दीदी आपकी ये है ही इतनी खूबसूरत की भाई का मन भी डोल जाए. ये तो बहुत ज़्यादा सूज गयी है, मैं सेक के दवाई लगा देता हूँ. लेकिन सेकेंगे कैसे?”
“ कोई बात नहीं बिना सेके ही दवाई लगा दे.”
“ नहीं दीदी ऐसे नहीं हो सकता. मैं सेकने का इंतज़ाम करता हूँ.” ये कह कर विकी बाहर जाने को हुआ. मैं उसे रोकते हुए बोली,
“ कहाँ जा रहा है? मम्मी पापा उठ जाएँगे.” विकी वापस आ गया.“ ये बात तो ठीक है. अच्छा, मेरे पास एक उपाय है. अगर आप मानो तो बोलूं.”
“ बोल तो. पता तो लगे कौन सा उपाय है.”
“ दीदी जब जानवर को चोट लगती है तो वो अपने जख्म को चाट के सेकता है और उसकी चोट ठीक हो जाती है. वो तो दवाई भी नहीं लगाता.”
“ तेरी बात ठीक है. लेकिन ना तो मैं जानवर हूँ और ना ही मेरी जीभ मेरे टाँगों के बीच में पहुँचेगी.”
“ मैने कब कहा आपकी जीभ आपकी टाँगों के बीच में पहुँचेगी? लेकिन मेरी जीभ तो पहुँच सकती है ना.”
“ ओ ! तो अब समझी. तेरी नियत फिर से खराब हो रही है.”
“ नहीं दीदी मेरी नीयत बिल्कुल खराब नहीं है. सेकने का और कोई रास्ता भी तो नहीं है. मैं आपको प्रॉमिस करता हूँ कोई ग़लत काम नहीं करूँगा. सिर्फ़ चाट के सेक दूँगा और फिर दवाई लगा देंगे.” चूत की चटाई की बात सुन के ही मेरी चूत गीली होने लगी थी. गीली तो जब विकी शेव कर रहा था तभी हो गयी थी लेकिन अब तो और भी ज़्यादा गीली हो गयी थी. मैं अपनी उत्तेजना को च्छूपाते हुए बोली,
“ देख विकी तुझे मेरी कसम यदि तूने कोई ग़लत काम किया तो. सिर्फ़ सेकना और दवाई लगाना है. कुच्छ और किया तो कभी बात नहीं करूँगी.”
“ आपकी कसम दीदी, और कुच्छ नहीं करूँगा, चलो गाउन उतार दो और लेट जाओ.”
“ अच्छा बदमाश गाउन क्यों उतारू? दीदी को नंगी करने का बहुत शौक हो गया है? वैसे भी तो सेक सकता है.”
“ दीदी वैसे अच्छी तरह नहीं सेक पाउन्गा. उतार भी दो ना. मेरे सामने कपड़े उतारने में क्या शरमाना?”
“ ठीक है उतार देती हूँ, लेकिन कोई शरारत नहीं करना.” मैं तो नंगी होना ही चाहती थी. मैने गाउन उतार दिया और बिस्तेर पे चित लेट गयी.विकी ने मेरी टाँगें चौड़ी कर दी. टाँगों के बीच का नज़ारा देखते ही उसका लंड फंफनाने लगा. वो जल्दी से मेरी टाँगों के बीच में बैठ गया और अपनी जीभ मेरी चूत से लगा दी. ऊऊफ़ ! विकी की गरम गरम जीभ बहुत अच्छी लग रही थी. मुझे अहसास हुआ कि यदि चूत चटवानी हो तो झाँटें नहीं होनी चाहिए. एक नया सा अहसास हो रहा था. मेरी चूत बुरी तरह से गीली हो रही थी. मुझे डर था कि कहीं मेरी चूत का रस बाहर ना निकल आए. विकी मेरी चूत के छेद के चारों ओर चाट रहा था लेकिन एक बार भी छेद को नहीं चॅटा और ना ही जीभ को छेद में डाला. मेरी वासना बढ़ती जा रही थी लेकिन आज चुदवाना ख़तरे से खाली नहीं था. जब मुझ से और नहीं सहा गया तो मैने विकी का सिर पकड़ के चूत का छेद उसके होंठों पे रगड़ दिया. मेरी चूत के होंठ उसके चेहरे पे रगड़ गये और उसका चेहरा मेरी चूत के रस से सन गया.
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