RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
“ दीदी क्या कर रही हो? मैं तो ठीक से सेक रहा था.”
“ नहीं मेरे राजा तू ठीक से नहीं सेक रहा था. जिस जगह सबसे ज़्यादा चोट लगी है वहाँ तो तूने सेका ही नहीं. उसके चारों ओर सेके जा रहा है.”
“ सॉरी दीदी वहाँ भी सेक देता हूँ.” ये कह के विकी ने मेरी चूत में मुँह दे दिया और जीभ चूत के अंडर घुसेड दी. अब तो बहुत मज़ा आ रहा था. मैं तो झरने वाली हो रही थी. विकी ने मेरी टाँगें मोड़ के मेरे सीने से चिपका दी. इस मुद्रा में मेरे चूतेर और ऊपेर हो गये मेरी गांद का छेद विकी के मुँह के सामने आ गया.विकी ने मेरी गांद को भी चाटना शुरू कर दिया और बीच बीच में जीभ गांद के छेद में भी घुसेड देता. बहुत मज़ा आ रहा था. विकी के होंठ मेरी चूत के रस से गीले हो गये. विकी बोला,
“दीदी, आपकी चूत तो बिल्कुल गीली है. इसका मतलब ये कुच्छ चाहती है.”“हट बदमाश ये कुच्छ नहीं चाहती. कोई मरद इस तरह से किसी औरत की चूत चॅटेगा तो क्या गीली नहीं होगी? लेकिन तेरा लंड भी तो फंफनाया हुआ है.”
“ दीदी आपके जैसी खूबसूरत औरत जिसके पीछे सारा शहर जान देता है, किसी मरद के सामने चूत खोल के बिल्कुल नंगी पड़ी हुई हो और वो मरद उसकी सेक्सी चूत चाट रहा हो तो क्या उसका लंड खड़ा नहीं होगा. आपको नंगी देख कर तो विश्वामित्रा जैसे सन्यासी का मन भी डोल जाए. मेरी तो किस्मत खराब है. मेरे लंड की प्यास तो अब कभी नहीं बुझेगी.”
“ ऐसा मत बोल विकी. जब तेरी शादी हो जाएगी तो तेरी तू अपनी बीवी को रोज़ चोदना.”
“ दीदी आपको चोदने के बाद अब किसी और को चोदने का मन नहीं करता.”
“ सब ठीक हो जाएगा मेरे राजा. आख़िर तू मुझे सारी ज़िंदगी तो नहीं चोद सकता.”
“ जब तक चोद सकता हूँ तब तक भी तो आप चोदने नहीं दे रही हो.”
“अच्छा ! तो तेरे प्रॉमिस का क्या हुआ.?”
“ दीदी आपको चोदने के लिए तो मैं कोई भी प्रॉमिस तोड़ सकता हूँ.”
“ विकी मैं तेरे दिल की हालत समझती हूँ. मुझे मालूम है कि कोई भी मरद इस तरह किसी औरत को नंगी करके उसकी चूत चाते तो अपने आप को आख़िर कब तक कंट्रोल कर सकता है? एक काम कर सकती हूँ. जब तू मेरी चूत को सैक के दवाई लगा देगा उसके बाद तू अपने लंड को मेरे मुँह में डाल सकता है. मैं तुझे उतना ही मज़ा दूँगी जितना तुझे चोदने से मिलेगा. इस तरह तेरे लंड की प्यास भी बुझ जाएगी.”
“ सच दीदी? आप बहुत अच्छी हो. लेकिन आप जानती हो चोदने और लंड को चूसने का अलग अलग मज़ा होता है. दोनो को कंपेर नहीं कर सकते. मैं आपसे एक बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगी?”
“ नहीं मेरे राजा बोल, क्या बात है?”
“ जब आप ठीक हो जाओगी, तो क्या मैं आपको तब तक चोद सकता हूँ जब तक आप जीजाजी के पास नहीं जाती?”
“ तू तो बहुत चालाक है. ठीक है चोद लेना. मैं तो वापस तब तक नहीं जा सकती जब तक मेरी चूत पे बाल नहीं आ जाते. तेरे जीजाजी को क्या कहूँगी. उन्हें तो मेरी चूत के बाल बहुत पसंद हैं.”
“ फिर तो मज़ा आ जाएगा. सच रोज़ चोदुन्गा आपको.”
“ जब तक मैं यहाँ हूँ तब तक जी भर के चोद लेना अपनी दीदी को. अब तो खुश है ना?”
उसके बाद विकी ने थोरी देर और मेरी चूत और गांद को चाता. मैं इस बीच दो बार झाड़ चुकी थी. फिर उसने मेरी चूत और गांद के छेद पे दवाई लगा दी. दवाई लगाने के बाद उसने अपनी लूँगी उतार दी और अपने फँफनाए हुए लॉड को मेरे होंठों पे टीका दिया. मैं तो उसके गधे जैसे लंड को चूसने के लिए उतावली हो ही रही थी.
विकी के मोटे लंड को मुँह में लेने के लिए मुझे पूरा मुँह खोलना पड़ा. मैं बड़े प्यार से लंड के सुपरे को चूसने लगी. धीरे धीरे पूरे लंड को चाटने लगी और उसके नीचे लटकते हुए बड़े बड़े बॉल्स को भी सहलाने और चूमने लगी. काफ देर तक मैने विकी के मूसल को चूसा. विकी ने जोश में आके लंड मेरे मुँह में पेलना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरे गले तक घुस गया था. विकी ने मेरा मुँह पकड़ के धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो अपने एक फुट लंबे लंड को सुपरे तक बाहर खींचता और फिर पूरा लंड मेरे मुँह में पेलने की कोशिश करता. अब एक फुट लंबा लंड तो मुँह में जाना मुश्किल था लेकिन 8 इंच तो घुस ही जाता था. विकी मेरे मुँह को ऐसे चोद रहा था जैसे मेरी चूत चोद रहा हो. मैं उसके लटकते हुए बॉल्स को दबा और सहला रही थी. करीब आधे घंटे तक भयंकर धक्के लगाने के बाद विकी झाड़ गया और ढेर सारा वीर्य मेरे मुँह में निकाल दिया. ऐसा लगता था था कि कभी उसका वीर्य निकलना बंद ही नहीं होगा. मैं जल्दी जल्दी उसके वीर्य को पीती जा रही थी, लेकिन फिर भी बहुत सारा वीर्य मेरे मुँह से निकल कर टपकने लगा. विकी के लॉड को कुच्छ राहत मिली. अब ये रोज़ का सिलसिला हो गया. विकी रोज़ रात को आता, मेरी चूत और गांद को चाट के सैकता और दवाई लगाने के बाद मेरे मुँह में अपना लंड पेल कर अपनी प्यास बुझाता.
एक हफ्ते के बाद मैं फिर अपनी सहेली वीना के पास चेक अप कराने गयी. उसने अच्छी तरह से मेरी चूत और गांद की जाँच की.
“कंचन तेरी चूत और गांद तो बहुत जल्दी ठीक हो गयी, लगता है जीजाजी ने बहुत सेवा की है. देख कंचन मैं एक बार फिर से कह देती हूँ अब उस आदमी को भूल के भी गांद मत देना.”
“नहीं दूँगी डॉक्टर साहिबा.”
“कुच्छ दिन और सेक कर ले तो अच्छा है. लेकिन अब दवाई लगाने की ज़रूरत नहीं है. वैसे किससे सेक करवा रही है?”
“तेरे जीजाजी से और किससे?”
मैने विकी को बताया कि डॉक्टर ने कुच्छ दिन और सेक करने को कहा है लेकिन गांद देने को बिल्कुल मना किया है. ये सुन कर विकी का दिल टूट सा गया.
“दीदी जिस गांद के लिए ज़िंदगी भर तडपा हूँ वो ही नहीं दोगि तो कैसे जीऊँगा?”
“ हाई मेरे प्यारे भैया, तेरे लिए तो जान भी दे दूं. तुझे गांद नहीं दूँगी तो किसे दूँगी? देख डॉक्टर ने एक जेल्ली दी है. आगे से ये जेल्ली मेरी गांद में और अपने मूसल पे लगा लेना. लेकिन गांद थोड़ा धीरे धीरे मारा कर. तू तो गधा है लेकिन मैं तो गधी नहीं हूँ ना. मैं तो औरत हूँ.”
“हाई दीदी आप कितनी अच्छी हो. आप की कसम आगे से ऐसे आपकी गांद मारूँगा की आपको पता ही नहीं चलेगा.”
अब विकी ने मेरी चूत और गांद को सेकने का एक नया तरीका निकाल लिया था. वो अब मेरी चूत और गांद पे कभी मक्खन और कभी शहद लगा कर चाटने लगा. जी भर चाटने के बाद रात भर मुझे चोद्ता और गांद भी मारता. गांद मारने के बाद वो बड़े प्यार से मेरे चूतरो को चौड़ा करके अपने होंठों से मेरी गांद के लाल हुए छेद को चूमता और जीभ अंडर डाल कर चाटता. करीब करीब एक महीना हो चला था. अब मेरी चूत पे फिर से झांतों का घना जंगल हो गया था. पिया के घर जाने के दिन भी नज़दीक आ गये थे.
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