RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
गतान्क से आगे ......
“ऊफ़….! ठीक है कविता.. अर्रर…. मेरा मुतलब है कंचन. जैसा तुम कहो.”
उसके बाद तो पापा ने मम्मी को खूब जम के चोदा. मैं सोच रही थी कि पापा इस वक़्त मम्मी को सुचमुच अपनी बेटी समझ के चोद रहे हैं? अब तो मेरी भी शादी हो चुकी थी. मेरे मन में पापा के लिए वासना की आग भड़क उठी. अगले दिन पापा टूर पे चले गये लेकिन मेरे दिमाग़ में उस रात का नज़ारा घूम रहा था.
इसी बीच एक उन्होनी घटना हो गयी. पापा 15 दिन के टूर के बाद वापस आए थे और अगले ही दिन फिर उन्हें दो महीने के लिए टूर पे जाना था. मम्मी की तबीयत खराब चल रही थी. आज ही शाम को उन दोनो को पार्टी में जाना था. मम्मी तबीयत खराब होने के कारण नहीं जा सकी और पापा को अकेले ही पार्टी में जाना पड़ा. पार्टी में पापा कुच्छ ज़्यादा ही पी जाते थे. जिस दिन वो ज़्यादा पी जाते थे उसके अगले दिन उन्हें कुच्छ याद नहीं रहता था कि उन्होने शराब के नशे में क्या किया. रात को मम्मी बोली,
“कंचन बेटी, आज मैं तेरे कमरे में सो जाती हूँ. मेरी तबीयत ठीक नहीं है. सिर में भयंकर दर्द हो रहा है. तेरे पापा रात को देर से आएँगे तो मुझे डिस्टर्ब होगा. मैं नींद की गोली खा कर सोना चाहती हूँ. आज तू मेरे कमरे में सो जा. पापा आएँगे तो बता देना मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं नींद की गोली खा के तेरे कमरे में सो रही हूँ.”
“ठीक है मम्मी, आप मेरे कमरे में सो जाओ. मैं पापा को बता दूँगी.”
मैने मम्मी को अपने बिस्तेर पर लिटा दिया और उनके सिर पे बाम लगा के उन्हें नींद की गोली दे के सुला दिया. रात को अचानक भयंकर तूफान आया. बहुत तेज़ बारिश होने लगी. हवा भी सायँ सायँ करके चल रही थी. तभी पूरे मोहल्ले की लाइट चली गयी. फोन करके पूछा तो पता लगा कि बिजली के कुच्छ खंबे उखड़ गये हैं और लाइट तो अब कल ही आएगी. घर में घुप अंधेरा था. मैं मम्मी पापा के कमरे में गयी और एक कॅंडल जला दी. मुझे मालूम था कि आज मम्मी मेरे कमरे में क्यों सोई थी. पापा आज 15 दिन के बाद वापस आए थे. पापा के लिए 15 दिन तो बहुत ज़्यादा टाइम था. वो तो मम्मी के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते थे. जब तक वो रोज़ एक बार मम्मी को चोद नहीं लेते उनकी वासना की भूख शांत नहीं होती थी. हालाँकि मम्मी भी उनके बिना नहीं रह सकती थी. लेकिन आज मम्मी की तबीयत बहुत खराब थी. मम्मी को मालूम था कि पापा 15 दिन के बाद आए हैं और कल फिर दो महीने के लिए जा रहे हैं. चोदने के लिए उतावले हो रहे होंगे. ऊपर से पार्टी से शराब पी कर आएँगे. शराब आदमी की वासना को और भी भड़का देती है. इसीलिए मम्मी ने आज मुझे अपने कमरे में सोने को कहा था.
मैं पापा मम्मी की चुदाइ का खेल बचपन में कई बार देख चकी थी. बहुत ही प्यार से और अच्छी तरह चोदते थे मम्मी को. मम्मी भी उनका पूरा साथ देती थी. मम्मी को भी चुदाई का बहुत शौक था और पापा की प्यास बुझाने में कोई कसर नहीं छ्चोड़ती थी. और पापा का लंड ! बाप रे ! शायद दुनिया का सबसे मोटा लंड था. मम्मी की चूत की क्या हालत कर रखी थी. चुदाई के दौरान जब पापा मम्मी की चूत में से लंड बाहर निकालते थे तो मम्मी की चूत देखते ही बनती थी. फैली हुए टाँगों के बीच में जैसे कोई कुआ बन गया हो. पापा के मोटे लंड ने मम्मी की चूत को चोद चोद कर सुचमुच ही कुआ बना दिया था. इतना मोटा लंड तो बहुत नसीब वाली औरतों को ही मिलता है. लेकिन इतने मोटे लंड से चुद कर औरत किसी और मरद से चुदवाने के काबिल भी नहीं रह जाती है. पापा का मोटा लंड बचपन से ही मेरी आँखों के सामने घूमता रहता था. लेकिन अभी 15 दिन पहले जो मैने देखा और सुना था, उसके बाद से तो मेरे दिल में पापा के लिए वासना जाग गयी थी. मम्मी के कमरे में आ के मेरे दिमाग़ में केयी तरह के विचार आ रहे थे. पापा के उस भयंकर लंड की याद करके मेरी चूत गीली होने लगी थी. वक़्त भी पूरा साथ दे रहा था. मम्मी नींद की गोली खा के मेरे कमरे में सो रही थी. पापा शराब के नशे में आएँगे और चोदने के लिए बेताब हो रहे होंगे. सुबह तक पापा को कुच्छ याद नहीं रहेगा. बाहर भयंकर तूफान आ रहा था. घर में घुप अंधेरा था. अंधेरे में और नशे के कारण पापा को पता भी नहीं चलेगा कि मैं हूँ या मम्मी. मम्मी और मेरा डील डोल एक सा ही था. मम्मी अपनी नाइटी पहन के सो रही थी नहीं तो मैं उनकी नाइटी पहन लेती. अक्सर मम्मी पेटिकोट और ब्लाउस में भी सोती थी. मैने पेटिकोट और ब्लाउस पहनना ही ठीक समझा. दिमाग़ कह रहा था कि ये सब ठीक नहीं है, पाप है. लेकिन दिल पे वासना का भूत सवार था. मम्मी पापा की चुदाई और पापा के मोटे लंड की याद आते ही मेरी चूत की आग भड़क उठती. मैने सोच लिया था कि आज के बाद फिर ऐसा मौका हाथ नहीं आएगा. मैं कॅंडल जला के मम्मी के बिस्तेर पे लाइट गयी और पापा के आने का इंतज़ार करने लगी. लेटे लेटे पुरानी बचपन की हसीन यादों में खो गयी……… …………….
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