RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
पापा के मुँह से अपने बदन और अपनी चुदाई की बातें सुन के कंचन शरम से पानी पानी हो रही थी लेकिन उसे एक अजीब सा मज़ा भी आ रहा था. अपने छ्होटे भाई के लंड के बारे में सुन कर कंचन तो दंग रह गयी. लोगों के छोटे भद्दे पेशाब करते लंड देख कर मूड खराब हो जाता था. यहाँ तो मोटे तगड़े लंड घर में ही मौज़ूद थे. नीलम भी पापा मम्मी की बातें सुन कर उत्तेजित थी. एक उंगली हल्के से कंचन की लार टपकाती चूत में सरकाते हुए बोली,
“हाई कंचन अपने भाई से तो दोस्ती करवा दे.”
“हट पागल, सुधीर को धोका देगी?”
पापा का लंड फिर से तन गया था.
“ अरे आपका तो फिर से खड़ा हो गया. क्या इरादा है.”
“ जिसकी बीवी की इतनी खूबसूरत चूत हो उसका और क्या इरादा हो सकता है?” ये कहते हुए पापा ने मम्मी को चूमना शुरू कर दिया. लगता था चुदाई का एक और दौर होने वाला था. इतने में मम्मी बोली,
“ एक मिनिट रुकिये, ज़रा बाथरूम हो आउ.” मम्मी ने बाथरूम का दरवाज़ा खुला ही छोड़ दिया. मम्मी की चूत से पेशाब करने की प्सस्ससस्स की आवाज़ आ रही थी. इतने में नीलम बोली,
“कंचन एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानेगी?”
“नहीं बोल ना.”
“ इस बार तेरे पापा का लंड तेरी याद करके खड़ा हुआ है.”
“ तेरा तो दिमाग़ बिल्कुल खराब हो गया है. मम्मी को सिकुदे हुए लंड से तो नहीं चोद सकते ना. उनका लंड खड़ा है मम्मी को चोदने के लिए.”
“तू फिर एक बार शर्त लगा ले. हार जाएगी. मैं प्रूव कर दूँगी की तेरे पापा तेरी जवानी पे फिदा होते जा रहे हैं. मैं मर्दों को बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ.”
“ठीक है. प्रूव करके दिखा.” कंचन बोली.
“अगर मैं हार गयी तो मैं तुझे एक हज़ार रुपये दूँगी और अगर तू हार गयी तो तू अपने भाई से मेरी दोस्ती करवाएगी. बोल मंज़ूर है ?”
“मंज़ूर है.”
इतने में मम्मी बाथरूम से आ गयी और बोली,
“ कहिए मेरे राजा अब किस मुद्रा में लेंगे ?”
“हाई मेरी रानी ये ही अदा तो हमे मार डालती है. पहले तुम हमारे ऊपर खड़ी हो जाओ. ज़रा अपनी प्यारी बीवी की चूत तो देख लें.”
“हटिए भी आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे पहले कभी देखी ना हो.” लेकिन मम्मी पापा के बदन के दोनो तरफ टाँगें करके खड़ी हो गयी. पापा पीठ के बल लेटे हुए मम्मी की फैली टाँगों के बीच झांतों से धकि हुई चूत को निहार रहे थे. उनका लंड बुरी तरह तना हुआ था. फिर बोले,
“ आओ हमारे ऊपर बैठ जाओ. मम्मी पापा के तने हुए लंड पे बैठने लगी कि पापा बोले,
“वहाँ नहीं मेरी जान, थोडा आगे आ जाओ.” मम्मी थोड़ा और आगे हो गयी.
“और थोड़ा आगे आ जाओ.” मम्मी समझ गयी पापा उनकी चूत चाटना चाहते हैं.
“ छ्ची ! आप नहीं सुधरेंगे. मैं अभी अभी पेशाब करके आई हूँ और आप वहीं मुँह लगाना चाहते हैं. अभी तो मेरी झाँटें तक गीली हैं.” इस वक़्त मम्मी पापा की छाती के दोनो ओर टाँगें करके ऐसे बैठी हुई थी जैसे पेशाब करने की मुद्रा में बैठी हो. इस मुद्रा में मम्मी की चूत पापा की नज़रों के सामने बिकुल खुली हुई थी. घनी काली झांतों के बीच में से अभी अभी पापा के मोटे लॉड से चुदने के कारण मम्मी की चूत का छेद खुला हुआ नज़र आ रहा था. झाँटें चूत के रस और पेशाब से गीली थी. पापा ने मम्मी की विशाल चूतरो को पकड़ के उन्हें अपने मुँह पे खींच लिया. अब पापा का मुँह मम्मी की चूत के जंगल में खो गया था. धीरे धीरे मम्मी के मुँह से इश्स ..आआआ…..ईीइसस्सस्स….आईईइ…आहह की आवाज़ें आने लगी. मम्मी भी पापा के मुँह पे अपनी चूत रगड़ने लगी थी. पापा का मुँह मम्मी की मोटी मोटी जांघों के बीच मम्मी की चूत और झांतों पे लगा पेशाब और उनकी चूत का रस चाट रहा था. मम्मी सिसकारियाँ भरती हुई बोली,
क्रमशः.........
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