RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
“आआआआआआआआआआअ……………आआआहह……..मार गाइिईईई…….ऊऊओफ़ धीरे प्प्प्प्प्प्लेआसए…… औइ माआआअ फॅट जाएगी.” पापा ने मम्मी के चूतर पकड़ के पूरा लंड बाहर खींच कर एक बार फिर करारा धक्का लगाया . इस बार लंड जड़ तक मम्मी की गांद में समा गया. अब पापा के बॉल्स मम्मी की चूत पर टीके हुए थे. “ ओईईईईईईईईईईईईईईईई……….ऊऊऊऊऊऊओह……आआ आआआाअघ…उूउउम्म्म्मम, कितने बेरहम हैं ! अपनी प्यारी बीवी की गांद फाड़ देना चाहते हैं? लगता है आपका लॉडा और भी बड़ा हो गया है. इतना दर्द पहले कभी नहीं हुआ.”
“ दर्द हो रहा है तो निकाल लूँ?”
“ नहीं मेरे राजा, ये तो मीठा मीठा दर्द है, बहुत दिनों बाद आपने मेरी गांद चोदि है ना. चोदिए ना, जी भर के चोदिए. फाड़ दीजिए अपनी कविता की गांद.” मम्मी चूतर उचकाते हुए बोली. पापा मम्मी की बातें सुन कर जोश में उनकी कमर पकड़ के ज़बरदस्त धक्के मार मार के पूरा लंड मम्मी की गांद में पेलने लगे. थोरी देर धक्के मारने के बाद बोले,
“ कविता अब मैं तुम्हारे तीनों छेद चोदुन्गा.” ये कह कर पापा ने अपना लंड मम्मी की गांद में से निकाल के उनके मुँह में दे दिया. मम्मी ने अच्छी तरह लंड को चॅटा और चूसा. फिर पापा ने मुँह से लंड निकाल के मम्मी की चूत में पेल दिया. अब वो बारी बारी से मम्मी की चूत , गांद और मुँह में लंड पेलने लगे. चूत के रस में सना हुआ लंड मम्मी की गांद में पेलते और फिर मम्मी गांद से निकाले लंड को चॅट कर सॉफ करती. आधा घंटे ये खेल चलता रहा, फिर अचानक पापा बोले,
“ कविता मेरी जान झरने वाला हूँ, बोलो कहाँ निकालु?”
“ गांद में निकाल दीजिए. केयी दिन हो गये गांद में आपका रस निकले हुए.”
पापा ने मम्मी की गांद में अपना मूसल पेल दिया और कमर पकड़ के भयंकर धक्के लगाने लगे. मम्मी के मुँह से ऊवू….ऊऊहह…. आआआः… ओईइ….की आवाज़ें आने लगीं.15-20 धक्के लगाने के बाद पापा ने ढेर सारा वीर्य मम्मी की गांद में निकाल दिया. जब पापा ने लंड बाहर निकाला तो मम्मी की गांद का छेद बहुत चौड़ा हो गया था और उसमें से वीर्य निकल के उनकी चूत की तरफ बहने लगा. मम्मी ने चाट चाट के पापा का लंड सॉफ किया. आज से पहले कंचन को विश्वास ही नहीं होता था कि आदमी का इतना मोटा लंड औरत की गांद के छ्होटे से छेद में भी जा सकता है, पर आज तो उसने अपनी आँखों से देख लिया. मर्द लोग वाकाई में औरत की गंद भी मारते हैं. पापा ने मम्मी को पूरी रात करीब 6 बार हर मुद्रा में चोदा. सुबह तक मम्मी की चूत बुरी तरह सूज गयी थी और पापा का लंड भी मम्मी की चूत का रस पी कर काफ़ी मोटा लग रहा था. उजाला हो गया था. मम्मी पापा थोड़ी देर के लिए सो गये. नीलम कंचन की गीली चूत में उंगली डालती हुई बोली,
“ कंचन, पसंद आया अपने पापा का लॉडा?”
“चुप, क्या बकवास कर रही है.” कंचन बनावटी गुस्सा करते हुए बोली.
“ हाई राम! क्या मोटा लॉडा है. तुझे पसंद आया कि नहीं ये तो मुझे नहीं पता लेकिन हमें तो बहुत पसंद आया. सच तेरी मम्मी बहुत भाग्यशाली है. कितने प्यार से चोदा है तेरी मम्मी को. कितने दीवाने हैं तेरी मम्मी की गांद के. वैसे तो तेरे इन कातिलाना चूतरो पे भी फिदा हैं तेरे पापा. किसी दिन मौका लगा तो कहीं तेरी गांद भी….. ” नीलम, कंचन के चूतरो पे हाथ फेरते हुए बोली.
“ हट पागल, तेरा तो दिमाग़ खराब हो गया है.”
“कंचन, तू शर्त लगा ले. तेरे पापा को अब तेरी जवानी तंग करने लगी है. मैं इस बात को प्रूव कर सकती हूँ.”
“ तेरी शर्त मंज़ूर है. प्रूव कर के दिखा. जो माँगेगी दूँगी.”
“ठीक है, एक शर्त तो तू हार ही चुकी है. ये भी हार जाएगी. कल तेरी मम्मी माएके जा रही है. हमारे पास 15 दिन का टाइम है. जैसा मैं कहूँ करना, फिर देखना मेरी बात सच है या नहीं.”
कंचन का दिल में पापा के मुँह से अपने बारे में सुन कर और नीलम की बात सुन कर गुदगुदी होने लगी थी. उसने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके पापा अपनी बेटी के जवान होते हुए बदन को ऐसी नज़रों से देखते हैं. मन ही मन सोच रही थी कि शायद नीलम की बात सच हो. लेकिन विश्वास नहीं हो रहा था.
अगले दिन नीलम ने एक प्लान बनाया. वो अपने घर से एक मूवी कॅमरा ले आई. दोनो सहेलियाँ स्कूल से जल्दी घर वापस आ गयी. नीलम , कंचन से बोली,
“तेरे पापा लंच के लिए आते ही होंगे. तू बाहर लॉन में पैर के नीचे उसके तने के साथ पीठ टीका के बैठ जा और अपनी टाँगें मोड़ के सिर अपने घुटनों पे टीका कर सोने का नाटक कर. जब तेरे पापा आएँगे तो उन्हें तेरे चूतरो से ले के पूरी टाँगें नंगी नज़र आएँगी और तेरी पॅंटी के भी खूब अच्छी तरह दर्शन हो जाएँगे. मैं झाड़ी के पीछे से मूवी कॅमरा में उनके पूरे हाव भाव क़ैद कर लूँगी. उसके बाद तू खुद ही देख लेना मेरी बात सही थी या नहीं.”
“ठीक है,जल्दी कर, बस पापा आने ही वाले हैं.” ये कह कर कंचन पेड़ के नीचे टाँगें मोड़ के बैठ गयी. नीलम ने उसकी स्कूल की स्कर्ट इस तरह से अड्जस्ट कर दी कि शर्मा जी को बिना रुकावट के कंचन की पूरी टाँगें नज़र आ जाएँ. उसके बाद नीलम ने कंचन की पॅंटी को भी उसकी चूत पे इस प्रकार अड्जस्ट किया कि पॅंटी के दोनो तरफ से उसकी काली काली झाँटें सॉफ नज़र आ जाएँ और उसकी फूली हुई चूत पॅंटी में और भी ज़्यादा उभरी हुई लगे. फिर उसने हल्के से कंचन की चूत की दोनो फांकों के कटाव में उंगली फेर के उसकी पॅंटी को चूत की दोनो फांकों के बीच में फसा दिया. इतने में शर्मा जी के आने की आवाज़ हुई. नीलम जल्दी से कॅमरा ले कर झाड़ी के पीछे छुप गयी. उधेर शर्मा जी बेटी को ढूड़ने लगे,
“ कंचन ! अरी ओ कंचन ! कहाँ हो? अरे बिटिया चलो खाना खा लें.” शर्मा जी बेटी को ढूँढते हुए लॉन में आ गये. अचानक उनकी नज़र कंचन पे पड़ी और वो एकदम रुक गये. सामने का नज़ारा देख कर उनका दिल धक धक करने लगा. अपनी 18 साल की जवान बेटी की गोरी गोरी मांसल जांघें नंगी देख कर उनका लॉडा हरकत करने लगा. जैसे ही उनकी नज़रें बिटिया की जांघों के बीच में गयी तो उनके होश ही उड़ गये. छ्होटी सी सफेद पॅंटी मुश्किल से बिटिया रानी की चूत को ढकने की कोशिश कर रही थी. लंबी काली काली झाँटें तो दोनो तरफ से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी. ऊफ़ ! क्या फूली हुई चूत थी बिटिया की… जवान बेटी की कुँवारी चूत की फांकों के बीच फसि हुई पॅंटी ने मानो शर्मा जी पे बिजली गिरा दी. उनका लॉडा अंडरवेर फाड़ के बाहर आने की कोशिश कर रहा था. शर्मा जी बेटी की टाँगों के बीच देख के अपने लॉड को पॅंट के ऊपेर से ही सहलाने लगे. शर्मा जी को जी भर के अपनी नंगी टाँगों और पॅंटी के दर्शन कराने के बाद कंचन ऐसे उठी जैसे नींद से उठी हो,
“ अरे पापू, आप! आप कब आए? हमे तो नींद ही आ गयी आपका इंतज़ार करते करते. चलिए खाना खा लेते हैं.” कंचन जल्दी से अपनी स्कर्ट ठीक करती हुई बोली.
“ हाँ बेटी चलो. हम तो कब से तुम्हें ढूंड रहे हैं.”
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