RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
“लेकिन पापा आप तो कल फिर दो महीने के लिए जा रहे हैं. आप तो इस वक़्त मम्मी को बहुत मिस कर रहे होंगे?” पापा लंबी साँस लेते हुए बोले,
‘क्या करें बेटी किस्मत ही खराब है.”
इस बात पे मैं बनावटी गुस्सा करते हुए बोली,
“अच्छा! तो आप मुझे कोस रहे हैं, कि मैं क्यूँ यहाँ सोने आ गयी?”
“नहीं बेटी ऐसी बात नहीं है. तुम यहाँ लेटो हमे तुम्हारे पास भी बहुत अच्छा लग रहा है.” ये कहते हुए पापा ने फिर मेरे गालों को चूम लिया.
मैं ठंडी साँस भरती हुई बोली,
“ये तो आप हमे खुश करने के लिए बोल रहे हैं. एक बात पूछु, सच सच बताएँगे?”
“पूच्छो बेटी.”
“आपने आज हमारी दो चीज़ें देखी. देखी ही नहीं बल्कि हाथ भी लगाया. वो दोनो चीज़ें मम्मी की ज़्यादा अच्छी हैं या हमारी?”
“ये कैसा सवाल है? ये हम कैसे कह सकते हैं?”
“क्यूँ नहीं कह सकते. मम्मी की उन चीज़ों को तो आप रोज़ ही हाथ लगाते हैं, और आज आपने हमारी उनको भी हाथ लगा के देख लिया है. बताइए ना प्लीज़...” मैने अपने चूतरो को पापा की ओर उचकाते हुए कहा. पापा का लंड अब तना हुआ था और मेरे चूतरो की दरार में फँस गया था. अब पापा भी वासना की आग में जल रहे थे. उन्होने मेरी चूत को अपनी मुट्ठी में कस लिया और सहलाते हुए बोले,
“तुम्हारी अच्छी हैं बेटी. तुम्हारी ये तो कहीं ज़्यादा फूली हुई है. तुम्हारी छातियाँ भी कहीं ज़्यादा सख़्त और कसी हुई हैं. तुमने तो हमें सुहाग रात की याद दिला दी”
“आऐईयईई……..इसस्स्स्स्सस्स……पापा ! ये क्या कर रहे हैं? प्लीज़….से ! छोड़िए ना…. ऊपफ़ आपने तो अपनी बेटी की ही पकड़ ली. अपनी बेटी के साथ…….”
“ बेटी अभी अभी तुम ही ने तो पूचछा था, किसकी अच्छी है. हम तो सिर्फ़ एक बार फिर चेक कर रहे हैं कि तुम्हारी कितनी अच्छी है.” पापा मेरी चूत को सहलाते हुए बोले.
“इसस्सस्स…..एयाया…… अब छोड़ भी दीजिए. चेक तो कर लिया ना.” लेकिन मैने अपने आप को छुड़ाने की कोई कोशिश नहीं की. बल्कि अपने बदन को इस तरह से अड्जस्ट किया कि मेरी चूत अच्छी तरह से पापा के हाथ में समा जाए.
“बस थोड़ा और चेक कर लें ताकि शक की कोई गुंजाइश ना रहे.” पापा मेरी फूली हुई चूत को अपनी मुट्ठी में मसल्ते हुए बोले.
“ हाई राम ! पापा… ! कितने खराब हैं आप? कितनी चालाकी से हमारी वो पाकर ली.” अब तो पापा खुले आम मेरी चूत को मसल रहे थे और सहला रहे थे.
“ ईइसस्सस्स…. छोड़िए ना….पापा…आआआअ…. प्लीज़.… अब तो देख लिया ना आपकी बेटी की कैसी है, अब तो छोड़ दीजिए.”
“इतनी जल्दी कैसे पता चलेगा ? हमे अच्छी तरह देखना पड़ेगा.”
“अब और कैसे देखेंगे… छोड़िए भी.”
“सच बेटी टाँगों के बीच में तो तुम अपनी मम्मी से भी दो कदम आगे हो.”
“ क्या मट्लब है आपका ?”
“तुम्हारी वो तो बिकुल डबल रोटी की तरह फूली हुई है.”
“ हाई पापा ऐसी तो सभी लड़कियों की होती है.”
“नहीं बेटी सभी की इतनी फूली हुई नहीं होती.”
“अच्छा जी ! तो और कितनों की पकड़ चुके हैं आप ?”
“ सच तुम्हारी मम्मी की छोड़ के और किसी की नहीं.”
“झूट !”
“तुम्हारी कसम बेटी. हमने आज तक किसी दूसरी औरत के बारे में सोचा तक नहीं, उसकी वो पकड़ना तो दूर की बात है.”
मैं ये बात तो अच्छी तरह जानती थी कि पापा ने मम्मी को कभी धोखा नहीं दिया. वो तो मम्मी के ही दीवाने थे. पिच्छाले 25 सालों से उन्होने सिर्फ़ एक ही औरत को चोदा था. और वो थी मेरी मम्मी. लेकिन मैने सोच लिया था कि आज की रात वो एक दूसरी औरत को चोदेन्गे -- उनकी प्यारी बेटी.
“अगर हम सबूत पेश कर दें कि आपने दूसरी औरत की भी पकड़ी है तो ?”
“हम ज़िंदगी भर तुम्हारे गुलाम बन जाएँगे.” पापा बड़े विश्वास के साथ बोले.
“सोच लीजिए.”
“इसमें सोचना क्या है?”
“ अच्छा, तो इस वक़्त आप इतनी देर से मम्मी की मसल रहे हैं ?”
“ओह…! ये कोई दूसरी औरत थोड़े ही है. ये तो हमारी प्यारी बिटिया रानी है.” पापा ने फिर से मेरे गाल को चूमते हुए मेरी चूत को अपनी मुट्ठी में ज़ोर से दबा दिया.
“ आआईयइ…ईईस्स्स्स्स्स्स………धीरे……तो क्या बेटी औरत नहीं होती है ?”
“ औरत होती है लेकिन दूसरी औरत नहीं कहलाती है. वो तो अपनी ही होती है ना.”
“अगर आपने अच्छी तरह चेक कर लिया हो कि आपकी बिटिया की कितनी फूली हुई है तो अब हमारी छोड़ भी दीजिए प्लीज़.....”
क्रमशः.........
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