RE: Antarvasna stories मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग
काफ़ी आगे जाने के बाद भाभी
बोली ' वीना हम कहाँ आ गये, मेला तो काफ़ी पीछे रह गया. यह
सुनसान सी जगह आती जा रही है, तुम्हारे मामा मामी कहाँ है?'
तभी वो आदमी बोला कि वो लोग हमारे घर है, तुम्हारा नाम वीना
है ना, और वो तुम्हारे मामा मामी है, वो हमे कह रहे थे कि
वीना और वो कहाँ रह गये. हमने कहा कि तुम लोग घर पर बैठो
हम उन्हें ढूँढ कर लाते हैं. तुम हमको नही जानती हो पर हम
तुम्हे जानते हैं. यह बात करते हुए हम लोग और आगे बढ़ गये थे.
वहाँ पर एक कार खड़ी थी. वो लोग बोले कि चलो इसमे बैठ जाओ,
हम तुम्हे तुम्हारे मामा मामी के पास ले चलते हैं. हमने देखा कि
कार में दो आदमी और भी बैठे हुए थे[ और मुझे बाद में यह
बात याद आई कि वो दोनो आदमी वही थे जो भीड़ मे मेरी और
भाभी की गंद में उंगली कर रहे थे और हमारी चूचियाँ दबा
रहे थे}. जब हमने जाने से इनकार किया तो उन्होने कहा की घबराओ
नही देखो हम तुम्हे तुम्हारे मामा-मामी के पास ही ले चल रहे है और
देखो उन्होने ने ही हमे सब कुच्छ बता कर तुम्हारी खबर लेने के
लिए हमे भेजा है अब घबराओ मत और कार में बैठ जाओ तो जल्दी
से तुम्हारे मामा- मामी से तुम्हें मिला दे. कोई चारा ना देख हम लोग
गाड़ी में बैठ गये. उन लोगों ने गाड़ी में भाभी को आगे की सीट
पर दो आदमियों के बीच बैठाया और मुझे भी पीछे की सीट पर
बीच में बिठा कर वो दोनों मुशटंडे मेरी अगल-बगल में बैठ
गये. कार थोड़ी दूर चली कि उनमे से एक आदमी का हाथ मेरी चूची
को पकड़ कर दबाने लगा, और दूसरा मेरी चूची को ब्लाउस के ऊपेर
से ही चूमने लगा. मैने उन्हे हटाने की कोशिश करते हुए कहा ' हटो
यह क्या बदतमीज़ी है.' तो एक ने कहा 'यह बदतमीज़ी नही है मेरी
जान, तुम्हे तुम्हारे मामा से मिलाने ले जा रहे हैं तो पहले हमारे
मामाओ से मिलो फिर अपने मामा से. जब मैने आगे की तरफ देखा तो
पाया कि भाभी की ब्लाउस और ब्रा खुली है और एक आदमी भाभी की
दोनो चूचियाँ पकड़े है और दूसरा भाभी दोनो टाँगे फैला कर
सारी और पेटिकोट कमर तक उठा कर उनकी चूत में उंगली डाल कर
अंदर बहेर कर रहा है भाभी इन दोनो की पकड़ से निकलने की कोशिश
कर रही है पर निकल नही पा रही है. उनके लीडर ने कहा कि '
देखो मेरी जान, हम तुम्हे चोदने के लिए लाए हैं और चोदे बिना
छ्चोड़ेंगे नही,तुम दोनो राज़ी से चुदओगि तो तुम्हे भी मज़ा आएगा
और हमे भी, फिर तुम्हे तुम्हारे घर पहुँचा देंगे. अगर तुम
नखरा करोगी तो तुम्हे ज़बरदस्ती चोद के जान से मार कर कहीं डाल
देंगे. और मेरी भाभी से कहा कि' तुम तो चुदाई का मज़ा लेती ही
रही हो, इतना मज़ा किसी और चीज़ में नही है, इसलिए चुपचाप खुद
भी मज़ा करो और हमे भी करने दो.
इतना सुन कर और जान के भय से भाभी और मैं दोनो ही शांत पड़
गये. भाभी को शांत होते देख कर वो जो भाभी की टांग पकड़े
बैठा था वो भाभी की चूत चाटने लगा, और दूसरा कस-कस कर
भाभी की चूचियाँ मसल रहा था. भाभी सी-सी करने लगी.
भाभी को शांत होते देख मैं भी शांत हो गयी और चुपचाप उन्हे
मज़ा देने लग गयी[?] मेरी भी चूत और चूची दोनो पर ही एक साथ
आक्रमण हो रहा था. मैं भी सीस्या रही थी.तभी मुझे जोरों का
दर्द हुआ और मैने कहा ' हाई ये तुम क्या कर रहे हो?'
क्यों मज़ा नही आ रहा है क्या मेरी जान? ऐसा कहते हुए उसने मेरी
चूचियों की घूंड़ी[निपल} को छ्चोड़ मेरी पूरी चूची को भोंपु
की तरह दबाने लग गया. मैं एकदम से गन्गना कर हाथ पावं सिकोड
ली. दूसरा वाला अब मेरे नितंबो[बट्स} को सहलाते हुए मेरी गंद के
छेद पर उंगली फिरा रहा था.
'चीज़े तो बड़ी उम्दा है यार', टाँग पकड़ कर मौज करने वाले ने
कहा .
'एकदम प्योर् देहाती माल है' दूसरे ने कहा
मैं थोडा हिली तो दूसरा वाला मेरी चूचियों को कस कर दबाते हुए
मेरे मूह से हाथ हटा कर ज़बरदस्ती मेरे होंटो पर अपने होन्ट रख
कर ज़ोर से चुंबन लिया कि मैं कसमसा उठी. फिर मेरे गालों को
मूह में भर कर इतनी ज़ोर से दन्तो से काटा कि मैं बूरी तरह से
छॅट्पाटा उठी. ऐसा लग रहा थी कि मेरी मस्त जवानी पा कर दोनो
बूरी तरहा से पागला गये थे. मैं बूरी तरह छॅट्पाटा रही थी
तभी दूसरे ने मेरी चूत में उंगली करते हुए कहा कि ' बड़ी
जालिम जवानी है, खूब मज़ा आएगा. कहो मेरी बुलबुल क्या नाम है
तुम्हारा?
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