RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
कामी की बात सुनकर मेरी हँसी निकल गई और मैं उसे बेड तक ले आई और बड़े प्यार से बोली, मेरे चोदु राजा क्या तुम ने नही देखा के दिन भर मैं ने खाला के साथ काम करवाया है, अब तुम नाराज़ ना हो, ये पूरी रात हमारी है, रात भर मुझे खूब चोदो और अपनी शिकायत ख़तम कर दो. अब शिकायत करने का मोका भी नही था इस लिए कामी ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए, थोड़ी देर मे ही कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूँज रहा था क्यूँ के कामी ने मुझे कुत्तों की तरहा चोदना शुरू कर दिया था. फिर 2 दिन और गुज़र गये और नरेन की माइयों का दिन आगेया, माइयों के दिन कुछ मेहमान और भी रुक गये थे इस लिए कामी मुझे उस रात नही चोद पाया. माइयों के बाद मेहंदी भी गुज़र गई और मैं कामी के लंड के नीचे नही आसकी, कामी बोहत गुस्से मे था और मुझे चोदने के लिए पागल होरहा था पर ना वो कुछ कर सकता था और ना मैं. फिर बारात का दिन आगेया, सब घर वाले और मेहमान मॅरेज लॉन मे पहुँच चुक्के थे, मैं ने शरारे के साथ काफ़ी टाइट ब्लाउस पहना हुआ था जिस मेरे बड़े बड़े मम्मे साफ नुमाया होरहे थे, मैं बोहत से लोगों की निगाहों का केंद्र थी, लोग मुझे पलट पलट कर देखते थे और मैं मुस्करा कर गुज़र जाती थी. फिर जब पकवान हाउस से खाना लॉन मे डेलिवर होरहा था तो खलू अपनी निगरानी मे खाना किचन मे पहुच वा रहे थे, मैं किसी काम से खलू के पास आई तो मेरा पावं ऐक तार मे उलझ गया और मैं धदाम से खीर के तसलों पर गिर पड़ी, मुझे गिरने से चोट तो इतनी नही आई थी पर मेरे सारे कपड़े खीर से खराब हो चुक्के थे. मेरी हालत देख कर अब्बू और खाला भी मेरे पास आगाये, मसला मेरे कपड़ों का था इस लिए ये तय होवा के मैं खलू के साथ घर जाउन्गि और कपड़े चेंज कर के आ जाउन्गि , फिर जब मैं खलू के साथ जाने लगी तो मैं ने बोहत से लोगों के चेहरे पर मुस्कराहट देखी पर मैं ने उन सब को इग्नोर कर दिया. फिर जब मैं घर आकर नहाने के लिए घुस गई, अभी मैं ने अपने सारे बदन पर पानी डाल कर खीर को धोया ही था के ऐक दम से वॉशरूम का दरवाज़ा खुला और खलू बिल्कुल नंगे वॉशरूम मे घुस आए, खलू का नंगा बदन देख कर मेरा दिल ज़ोर से धड़का पर मैं नाटक करती हुई बोली, अरे आप यहा क्या कर रहे हैं और आप ने कपड़े क्यूँ नही पहने हैं? खलू ने मेरे करीब आकर मुझे पकड़ लिया और बोले, गाज़ल मैं भी तुम्हारे साथ नहाने आया हूँ. मैं अपने आप को छुड़ाती हुई बोली, प्लीज़ खलू क्या कर रहे हैं छोड़िए मुझे मैं आप की भांजी हूँ, कोई देख ले गा. खलू ने मुझे दीवार से लगा दिया और बोले, यहा कोई नही है जो देख ले सिर्फ़ मैं हूँ और तुम बस अब ज़ियादा नाटक ना करो. मैं ने फिर खुद को छुड़ाने की कोशिश करी और बोली, मैं नाटक नही कर रही हूँ, छोड़िए मुझे, मैं ऐसी लड़की नही हूँ. मेरी बात से खलू को थोड़ा गुस्सा आगया और उन्हो ने मेरे लंबे भीगे हो बॉल खींच लिए जिस की वजा से मेरे मुँह से आअहह निकल गई, वो बोले, साली हरामजादि मुझ से झूट बोल रही है, रंडी की बच्ची तू ने अपने ये बड़े बड़े मम्मे देखे हैं, 2 साल पहले जब मैं ने तुझे देखा था जब तो ये इतने बड़े नही थे, क्या तू ने इन मे हवा भर वाली है, साली मदारचोड़ क्या मुझे नही पता ये इतने बड़े क्यूँ होगये हैं, ये कह कर उन्हो ने फिर मेरे बालों को खींच कर मेरे बड़े बड़े मम्मो को दबाया तो मैं सिसकारी ले कर बोली, आआअहह खलू जान तकलीफ़ तो ना दे, मैं कही भागी तो नही जा रही, जो करना है प्यार से करो, अब मेरा नाटक करना बेकार था इस लिए मैं ने खलू को ग्रीन सिग्नल दे दिया. खलू मेरी बात सुनकर मुस्कुराए और बोले, अब आई है ना लाइन पर, ये कह कर उन्हो ने ज़ोर से मेरे मम्मो को दबा कर अपने होंटो को मेरे होंटो से मिला दिया, मैं ने भी अपनी बाहों को खलू के गले मे डाल दिया और उनको अपनी तरफ खींच कर उन के किस का साथ देने लगी. काफ़ी देर तक खलू मुझे वही खड़े मेरे मम्मो को दबा दबा कर किस करते रहे, फिर उन्हो ने मुझे अपनी गौद मे उठाया और मुझे लाकर कमरे मे बेड पर लिटा दिया. फिर खलू मेरे उपर लेट गये और मेरे होंटो को चूमने लगे, खलू का आकड़ा हुआ लंड मेरी नाभि के नीचे चुभ रहा था और मैं उसे पकड़ने के लिए बेताब होरही थी. खलू बड़े माहिराना स्टाइल मे मेरे होंटो का रस चूस रहे थे जिस मुझ पर मदहोशी छा रही थी, मेरे होंटो का सारा रस चूस लेने के बाद खलू मेरी गर्दन पर अपनी ज़ुबान फ़ीराने लगे तो मेरी बेकरारियाँ उँचाई पर पहुच गई, मेरी चूत पूरी गीली हो चुक्की थी और उनके लंड के लिए तड़प रही थी मगर खलू ज़ालिम बने मुझे तरसा रहे थे, फिर मुझ से बर्दाश्त नही हो सका तो मैं बोल पड़ी, आअहह खलू जान क्यूँ तडपा रहे हैं मुझे, मुझ से अब बर्दाश्त नही होरहा है प्लीज़ जल्दी से मुझे चोद दो, खलू पर मेरी बात का असर नही हुआ और वो मेरी गर्दन को ही चूमते रहे, फिर खलू मेरे मम्मो को दबाने लगे और मैं तड़पने लगी,
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