RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
मेरे आगे झुकने से वो कुछ और दब गये, और दर्द के मारे मैं फिर चीख पड़ी. अब की बार खलू रुके नही और खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगे, ये चुदाई मेरे ज़िंदगी की सब से तकलीफ़ देय चुदाई थी क्यूँ के ऐक तो खलू का लंड बोहत बड़ा और मोटा था और फिर वो जिस तरहा से मेरे उपर सवार थे ऐक तो उनका पूरा वज़न मेरे उपर था दोसरा उन्हो ने मेरे बूब्स को बोहत कस कर पकड़ रखा था और फिर झटके मारने के साथ साथ मेरे बूब्स इंतिहा हद तक दब रहे थे जिस से मुझे तीन तरफ से दर्द बर्दाश्त करना पड़ रहा था, ऐक दर्द मेरी चूत का दोसरा दर्द मेरी कमर का और तीसरा दर्द मेरे माखन जेसे मुलायम बूब्स का जिस को खलू बड़ी बेदर्दी से दबा रहे थे. मैं खलू के 10 वे झटके पर ही झाड़ चुकी थी, आज तक किसी से चुदवाते हुए मैं इतनी जल्दी नही झड़ी थी, मैं बुरी तरहा से चीख रही थी, और खलू मेरी चीखों की परवाह ना करते हुए बोहत बुरी तरहा से मेरी चुदाइ कर रहे थे, 5 मिनिट बाद मे फिर झाड़ गई, फिर खलू ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला तो मैं ने थोड़ा सूख का साँस लिया, मगर दोसरे ही लम्हे मैं बुरी तरहा से चीख पड़ी क्यूँ के खलू ने बड़ी बे दरदी से अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया था, अब वो कुत्तों की तरहा मेरी गंद मार रहे थे और मैं फिर से बुरी तरहा से चीख रही थी, मेरी गंद का सूराख मेरी चूत से ज़ियादा टाइट था और मुझे बोहत दर्द बर्दाश्त करना पड़ रहा था. मैं पसीने मे शराबोर हो चुक्की थी और खलू के वज़न से मेरी कमर दुखने लगी थी, शायद खलू को इतनी टाइट चूत और गंद कभी नही मिली थी इस लिए वो बोहत बुरी तरहा से मुझे चोद रहे थे, खलू 20 मिनिट तक मेरी गंद मारते रहे, इसी दोरान दोसरे कमरे से फोन की बेल बजने की आवाज़ आने लगी, पहले तो खलू ने बेल पर कोई तवज्जा नही दी, मगर जब बेल लगातार बजती रही तो खलू मेरे उपर से उतर गये और दोसरे कमरे मे फोन सुनने चले गये,
क्रमशः.......
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