RE: Muslim Sex Stories खाला के घर में
दूसरे दिन जब मे स्कूल गई तो सर राज शर्मा ने सब को बता दिया कि ग़ज़ल का बाप 1 वीक के लिए शहर से बाहर गया हुआ है अब ग़ज़ल की दिल खोल कर चुदाई होगी. प्रिन्सिपल साहब को जब पता चला कि मेरे अब्बू 1 वीक के लिए इस्लामाबाद गये हैं तो उन्हो ने मुझे उसी वक़्त 1 वीक की छुट्टी दे दी और कहा तुम 1 वीक तक छुट्टी करो और सब से खूब चुदवाओ. पर मसला ये था कि इतने दिनो तक इतने सारे लोगों का मेरे घर आना जाना मोहल्ले के लोगों को शक मे डाल सकता था इस लिए प्रिन्सिपल साहिब ने मेरे लिए एक दोसरि जगह का इंतज़ाम किया. प्रीसिपल साहिब ने एक स्टेट एजेन्सी से महीने भर तक के लिए एक फ्लॅट रेंट पर ले लिया और मुझे ले कर वाहा आ गये और फ्लॅट मे आते ही उन्हो ने मुझे चोद डाला. प्रिन्सिपल साहब मुझे दोपेहर 12 बजे तक चोद्ते रहे. 12 बजे की बाद स्कूल का पूरा स्टाफ चोकीदारों समेत उस फ्लॅट पर पहुच गया. अब मुझे अब्बू के आने तक यही रहना था इस लिए जब तक अब्बू वापिस ना आ गये मैं वाहा इन सब लोगों से सुबह शाम चुदवाति रही और मज़ा लेती रही.
अब्बू के वापिस आने के बाद भी मेरी चुदाईयाँ चलती रही. कभी मुझे स्कूल की छुट्टी के बाद स्कूल मे ही चोदा जाता कभी वो सब लोग मेरे घर आजाते या फिर मुझे उसी फ्लॅट मे ले जाते और शाम तक मेरी चुदाई करते. स्टेट एजेन्सी वाले को भी पता था कि हम लोगों ने फ्लॅट किस मक़सद के लिए रेंट पर लिया है इस लिए उस स्टेट एजेन्सी वाले ने भी कई बार मुझे चोद कर माज़ा लिया. अब मेरे पेपर्स शुरू होने वाले थे और जब पेपर्स शुरू हुए तो मुझे पेपर नही देने पड़े क्यूँ कि प्रीसिपल साहब की मेट्रिक बोर्ड मे जान पहचान थी इस लिए मैं बगैर पेपर्स दिए अच्छे नंबर्स से पास हो गई मगर मुझे पास होने के लिए मेट्रिक बोर्ड वालों से भी चुदवाना पड़ा. मेरे शानदार रिज़ल्ट पर अब्बू बहुत खुश थे और वो सर राज शर्मा की शूकर गुज़ार थे. पेपर्स के बाद भी मेरी चुदाईयाँ चलती रही पर ये ज़्यादा दिनो तक नही चल पाई क्यूँ अगले मंथ ही अब्बू का लाहोर मे ट्रान्स्फर हो गया और मैं अब्बू के साथ लाहोर आ गई. यहा मेरी कहानी ख़तम नही हुई है बल्कि ये तो मेरी चुदाइयो की शुरूवात थी लाहोर आकर मैं ने क्या गुल खिलाए मैं ये आप को अपनी अगली कहानी मे बताउन्गि मेरी अगली कहानी का इंतिज़ार की जिए गा.
समाप्त
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