RE: Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
क्या भैया किसका रस? वो घबराते हुये बोली.
मैं बात बदलता हुआ बोला, मेरा मतलब है पहले एक चाय ला दे फिर जो चाहे बना लो.
वो चली गई. मैं उसको जाते देखता रहा. 5 मिनिट बाद वो चाय लेकर आई तो मैने उससे कहा अपने लिये नही लाई.
मैं नही पीऊगी.
पीओं ना लो इसी मैं पी लो. एक साथ पीने से आपस मैं प्यार बढ़ता है.
वो मेरी बात सुन कर शरमाई फिर कुछ सोच कर मेरे पास बैठ गई तो मैने कप उसके होठों से लगाया तो उसने एक सिप लिया फिर मैंने एक सिप लिया. इस तरह से पूरी चाय ख़त्म हुई तो वो बोली, अब खाने का इंतज़ाम करती हूँ.
मैने उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुये कहा, अभी क्या जल्दी है थोड़ी देर रूको बहुत अच्छा प्रोग्राम आ रहा है देखो.
मेरे खींचने पर वो मेरे उपर आ गिरी थी. वो हटने की कोशिश कर रही थी पर मैने उसे हटने नही दिया तो वो बोली, हाय भैया हटिये क्या कर रहे हैं?
कुछ भी तो नही टी.वी देखो मैं भी देखता हूँ.
ठीक है पर छोड़िये तो ठीक से बैठकर देखूं.
ठीक से बैठी हो, सिमरन मेरी छोटी बहन अपने बड़े भाई की गोद मैं बैठकर देखो ना टी.वी. वो चुप रही और हम टी.वी देखने लगे.
थोड़ी देर बाद मैने उसके हाथो को अपने हाथो से इस तरह दबाया की उसकी कमीज़ सिकुड कर आगे को हुई और उसकी दोनो मम्मे दिखने लगे. उसकी नज़र अपने मम्मों पर पड़ी तो वो जल्दी से मेरी गोद से ऊतर गई और तभी मौसी ने उसे आवाज़ दी तो वो उठकर चली गयी.
मैं भी पहले की तरह पर्दे के पीछे छुप कर देखने लगा. वो अंदर गई तो मौसी ने पूछा, क्या हुआ बेटी राज ने बताया नही क्या खायेगा?
वो मम्मी भैया ने.. क्या भैया ने, बताओ ना बेटी क्या किया तेरे भाई ने?
वो भैया ने मुझे अपनी गोद मैं बिठा लिया था और फिर ओर फिर..
और फिर क्या?
और और कुछ नही. अरे अगर तेरे भाई ने तुझे अपनी गोद मै बिठा लिया तो क्या हुआ, आख़िर वो तेरा बड़ा भाई है. अच्छा यह बता उसने गोद मैं ही बिठाया था या कुछ और भी किया था?
और तो कुछ नही मम्मी भैया ने फिर मेरे इन दोनो को देख लिया था.
मुझे लग रहा है मेरे भांजे को अपनी बहन के दोनो रसीले मम्मे पसंद आ गए हैं तभी वो बार बार इनको देख रहा है. बेचारा मेरा भांजा, अपनी ही बहन की मम्मों को पसंद करता है. अगर बाहर की कोई लड़की होती तो देख लेता जी भर कर पर साथ में वो डरता होगा. अच्छा बेटी यह बता जब तुम्हारे भैया तेरे मम्मों को घूरता है तो तुमको कैसा लगता है?
ज्जज्ज जी मम्मी वो लगता तो अच्छा है पर…
पर क्या बेटी. अरे तुझे तो खुश होना चाहिये की तुम्हारा अपना भाई ही तुम्हारे मम्मों का दीवाना हो गया है.
अगर मैं तेरी जगह होती तो मैं तो बहाने बहाने से अपने भाई को दिखाती.
“मम्मी.”
हाँ बेटी सच कह रही हूँ. क्या तुझे अच्छा नही लगता की कोई तेरा दीवाना हो और हर वक़्त बस तेरे बारे मैं सोचे और तुझे देखना चाहे. तुझे चोदना चाहे.
मम्मी आप भी.
अरे बेटी कोई बात नही जा अपने भाई को बेचारे को दो चार बार अपनी दोनो मस्त जवानीयों की झलक दिखा दिया कर. वैसे उस बेचारे की ग़लती नही, तू है ही इतनी कड़क जवान की वो क्या करे. देख ना अपनी दोनो मम्मों को लग रहा है अभी कमीज़ फाड़कर बाहर आ जाएंगे. जा तू भाई के पास जाकर टी.वी देख और बेचारे को अपनी झलक दे मैं खाने का इंतज़ांम करती हूँ. खाना तैयार होने पर में तुम दोनो को बुला लूँगी.”
मैं मौसी की बात सुन वापस आ टीवी देखने लगा. थोड़ी देर बाद सिमरन आई तो मैंने कहा, “क्या हुआ सिमरन खाना रेडी है?”
“जी भैया खाना मम्मी बना रही हैं.”
“अच्छा तो आ तू टीवी देख.”
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