RE: Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
तब मैंने उसके होंठो को कुछ देर तक चूसा. वह भी मेरे होंठो को चूसती रही फिर मैंने उसके कुर्ते को उतारा और ब्रा को अलग किया तो दिन मे जी भरकर चूसे गए दोनो मम्मे ऊपर को तने तने मुझे ललचाने लगे. मैंने दोनो हाथो से सिमरन के दोनो मम्मों को पकड़ा फिर धीरे धीरे सहलाने लगा. मैं मम्मों को सहलाते हुए सिमरन को देख रहा था. वह भी मुझे ही देख रही थी और मुस्करा भी रही थी.
मैंने उसके मम्मों को धीरे धीरे सहलाते हुए उसके होंठो को चूमा बोला, “सिमरन तुम्हारी मम्मे बहुत प्यारे है.”
वह मुस्काराई और मेरे हाथो पर अपना हाथ रख दबाव ज़्यादा करते हुए बोली, “भैया मेरे मम्मे आपके लिए है. लीजिए मज़ा अपनी बहन के मम्मों का, दबा दबाकर भैया.”
मैंने उसके मम्मों को 6-7 मिनट तक दबाया और वह बराबर मुझे देखती रही. फिर वह मेरा हाथ पकड़ बोली, “भैया अब बस भी करिए.”
“हाये बहुत अच्छा लग रहा है.”
“अब फिर दबा लीजिएगा, अब ज़रा इनको मुँह मे लेकर चूसिए ना.”
“तुमको चुसवाना अच्छा लगता है?”
“हां भैया बहुत मज़ा आया था दिन मे.”
“ठीक है जब मन हो तब चुस्वा लिया करना.”
फिर झुककर उसका एक चुची को जीभ से चाटने लगा. कुछ देर बाद दूसरी को भी चाटा और फिर एक को मुँह मे लेकर चूसने लगा. 4-5 मिनट बाद दूसरी को भी खूब चूसा. वह अब आँखें बंद कर सिसकते हुए मेरा सर अपने मम्मों पर दबा रही थी. कुछ देर बाद उसके निपल को मुँह मे लेकर जब पीना शुरू किया तो वह एकदम मस्त हो हाये हाये करने लगी. अब वह अपने मम्मों को अपने हाथ से दबा दबा मुझे पिला रही थी.
“हाये भैया हाये मेरे प्यारे भैया और और हाये बहुत मज़ा है पिलाने मे, पियो सारा रस पी जाओ.”
10 मिनट तक दोनो निपल चूसे फिर मुँह अलग कर उसकी बगल मे लेट गया. थोड़ी देर मस्ती की लौ मे रहने के बाद उसने आँखे खोल मुझे देखा और मुस्कराते हुए बोली, “शुक्रिया भैया.”
“मज़ा आया ना?”
“बहुत हाये आपको मज़ा आया मेरे मम्मों का रस पीने मे?”
“अरे यार तुझे मालूम नही कि जब बच्चा होता है तभी इनमे रस होता है.”
“ओह्ह भैया मुझे नही पता था. तो क्या आपको मज़ा नही आया?”
“अरे यार मुझे तो बहुत मज़ा आया, मैं तो रस के बारे मे बता रहा था, हां अभी तुम्हारी चूत मे रस ज़रूर होता है, अगर तुम मुझे अपनी चूत का रस पिला दो तो मुझे मज़ा आ जाए.”
वह मुझे देखने लगी फिर चुप हो गयी और कुछ सोचने लगी. कुछ देर बाद उसने मुझे देखा और मुस्काराकार बोली, “ठीक है भैया आप आज अपनी बहन की चूत चाट कर दिखाइए उसमे कितना मज़ा है.”
मैं खुश हो गया और उसे चूम नीचे उसकी कमर के पास गया. फिर धीरे धीरे उसकी पैंटी को उतारने लगा. उसने चूतड़ उठा पैंटी अलग करवाई तो उसकी चूत देख मस्त हो गया. एकदम चिकनी लग रही थी. शायद अभी क्रीम से थोड़े बहुत रोएँ भी साफ कर आई थी. मैंने उसे बेड पर टेक लगा बिठाया और उसकी गाँड के नीचे तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत उभर आई. फिर उसकी टाँगो के बीच लेटा और उसकी चूत के दोनो फाँक उंगली से खोल देख कर मुस्काराया तो वह भी मुस्करा दी.
“भैया क्या देख रहे हो?”
“देख रहा हूँ कितनी प्यारी है हाये इसको तो बस चाटने का मन कर रहा है.” “तो चाटिये ना भैया अब किस बात की देर है? लो चाटो.”
उसने अपनी कमर उचकाई तो मैंने उसकी चूत पर हाथ फिराया. चूत पर हाथ रखते ही मेरे बदन मे सनसनी दौड़ गयी. वह भी मचल सी गयी. उसके मुँह से एक आह निकल गयी. मैं उसकी चूत को हाथ लगा मस्त हो गया. मौसी की चूत से कहीं ज़्यादा खूबसूरत चूत थी सिमरन की. मन तो कर रहा था कि हाथ रखे चूत को देखता रहूं.
सिमरन की चूत को 4-5 बार सहलाया तो वह बोली, “भैया अच्छा लग रहा है.”
“हाये बहुत प्यारी चूत है, हाये छोटी सी फाँक वाली गुलाबी गुलाबी.” और फिर उंगली से दोनो फाँक खोलकर देखा तो छेद देख बोला, “और दोनो फाँक कितने मस्त है और हाये कितना प्यारा छेद है, हाये सिमरन मेरी जान ऐसी चूत तो बस रात भर चाटने के लिए होती है.”
“भैया हाये आपकी बहन आपके सामने ऐसे ही चूत खोले लेटी है और आप चाट क्यों नही रहे?”
“चाटूंगा चाटूंगा यार हाये देखने से ही इतना मज़ा आ रहा है.”
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