RE: Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
वह शरमाई तो मम्मी ने आगे कहा, “क्यों बेटी कॉलेज मे लड़के तुमको देखते होंगे.” वह फिर शरमाई तो मौसी ने उसका चेहरा पकड़ कहा, “अरे बेटी शरमा नही, मैं तुम्हारी सहेली भी हूँ, मैं ही तुमको सब कुछ समझाउंगी बताओ?”
“ज्जई मम्मी लड़के देखते तो है.”
“कुछ कहते या करते तो नही?”
“नही मम्मी मैं किसी से बात नही करती और ना ही देखती हूँ पर..”
“पर क्या?”
“वह लड़के उल्टा सीधा बोलते रहते हैं.”
“क्या कहते हैं?”
“जी यही कि कितनी खोबसूरत है और इसका माल कितना कसा है.”
“बहुत बुरे होते हैं वह लड़के, बेटी तुम कभी उनके चक्कर मे मत आना, जानती हो ऐसे लड़के लड़कियों को अपने जाल मे फँसाकर उनकी इज़्ज़त से खेलते हैं.”
“जी मम्मी.”
“बेटी तुम जवान हो और जवानी मे हर लड़की चाहती है कि कोई उसे खूब प्यार करे. अगर तुम्हारा मन करे तो तुम मुझे बताना.”
“ज्जजई.”
“हां बेटी, इस उमर मे ऐसा होता है यह कोई ग़लत बात नही. लेकिन बाहर के लड़के लड़कियों को बर्बाद कर देते है. बेटा तुम्हारा भाई तुमको बहुत प्यार करता है. वह तुमको छुप कर देखता भी है. तुम उसे ही दिखाओ ना अपना कसा माल.”
“मम्मी.”
“हां बेटी मैं सही कह रही हूँ, इस उमर मे अगर कोई लड़का लड़की को प्यार करता है तो उसे बहुत मज़ा आता है. अगर इस वक़्त कोई लड़का तुमको प्यार करे तो तुमको लगेगा कि तुम जन्नत मे हो. तुम रात मे अकेले सोती हो अगर कोई लड़का तुम्हारे साथ सोए तो तुम बहुत खुश होगी. इसीलिए कह रही हूँ कि बाहर के लड़को के साथ कभी मत मिलना जुलना.”
“जी मम्मी नही मिलूंगी.”
“तुम्हारा मन करता हो कि कोई लड़का तुम्हारे साथ सोए तो तुम अपने भाई को अपना कसा माल दिखाओ और अगर वह तुमको प्यार करेगा तो कोई डर नही होगा. इसमे बदनामी भी नही होती और कोई जान भी नही पाता.”
सिमरन मन मे बहुत खुश थी. मौसी तो उसके मन की बात कर रही थी. वह शरमाने की एक्टिंग करती बोली,
“मम्मी हाये नही.”
“जा अपनी कोई पुरानी छोटी कुरती पहन आ जिससे तुम्हारे ये दोनो कम से कम आधे बाहर निकल आए और अंदर ब्रा नही पहनना और नीचे मियानी फटी रखना जिससे तुम्हारे भाई को सब कुछ दिखे.”
“मम्मी! हाये नही भाई क्या सोचेगा?”
“पगली देख तू अगर घर से बाहर किसी के चक्कर मे पड़ी तो तेरे भाई की कितनी बदनामी होगी, इसीलिए कह रही हूँ. कोई बात नही देखो बेटी मुझसे मत शरमाओ. अगर तुम्हारा मन करता है कि कोई लड़का तुमको प्यार करे तुमको चाहे तो मुझे बताओ मैं घर पर ही तुम्हारे लिए लड़के का इंतज़ाम कर दूँगी. बोलो?”
“ज्जज्ज मम्मी ववव वह मन…”
“हां हां बोलो बेटी शरमाओ मत.”
“जी मम्मी मन तो करता है…”
“क्या मन करता है खुलकर पूरी बात बताओ.”
“जी मम्मी मन करता है कोई लड़का मुझे पकड़कर खूब चूमे और इनको..”
“हां बेटी बोलो.” मौसी ने हौसला दिया.
“मम्म मन करता है कोई इनको पकड़ कर दबाए और चूसे.” सिमरन ने अपने मम्मों को पकड़ कर शरमाते हुए कहा.
“पगली तो इसमे इतना शरमाने की क्या बात है. इस उमर मे तो यह मन करता ही है. तुम्हारे भले के लिए कह रही हूँ. तुम अपने भाई को अपने खूबसूरत बदन को दिखाओ तो अगर वह फँस गया तो तुमको कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नही होगी.”
“जी मम्मी क्या करना होगा?”
“पहले तो तुम जाओ और कोई छोटे कपड़े पहनो जिसमे कुछ दिखे.”
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