RE: Sex Stories hindi मेरी मौसी और उसकी बेटी सिमरन
“अया ह आअहह आ ह्म्म्म्म म.” सिमरन के मुँह से बाक़ायदा सिसकियाँ निकलने लगी.
“अरे बेटी मज़ा आने पर ऐसे ही होता है. अभी तू आहिस्ता आहिस्ता सिसक रही है जब भाई का लंड अंदर जाकर तुझे चोदेगा तो मज़े से चिल्लाने लगेगी तू. मज़ा आ रहा है ना तुम दोनो को?” मौसी ने सिमरन की तरफ मुँह कर के कहा.
मैंने हां किया और सिमरन ने भी सर हिला दिया.
मे और सिमरन दोनो ही सरूर की दुनियाँ मे डूब चुके थे. मैं ज़रा सा अनबॅलेन्स हुआ और मेरा हार्ड लंड सिमरन की चूत के छेद मे घुस गया. सिमरन ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी चीख अपने होंठो मे दबाई लेकिन फिर भी ज़रा सी निकल ही गई. मौसी का हाथ भी मेरे लंड के साथ सिमरन की चूत को जा लगा था.
“बस इतनी सी बात थी बेटी. राज आहिस्ता आहिस्ता अब और नीचे जाओ, और अंदर करो अपना लंड अपनी बहन की चूत मे. लेकिन देखो आहिस्ता करना पहली बार है. क्यों बेटी आज पहली बार चुद्वा रही हो ना?” मौसी ने हाथ दोनो के बीच से हटा कर मेरे सिर पे फेरते हुए कहा.
“जी मम्मी आज पहली बार भैया का अंदर जा रहा है.” सिमरन ने अब खुलकर बिना शरम के कहा.
अब मैं आहिस्ता आहिस्ता अपने मोटे लंबे लंड को सिमरन की चूत मे अंदर केरने लगा. सिमरन अपना सिर इधेर उधेर मारने लगी. उस ने आँखे ज़ोर से बंद कर लीं थीं और टाँगो को बंद केरने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी टाँगों के बीच मे था.
“बाअस्स्स!!! अया आह अह्ह्ह्ह!!!” सिमरन के मुँह से निकला वो दर्द से मरी जा रही थी.
“रूको.” मौसी ने मुझ से कहा.
मे मौसी की बात सुन वहीं रुक गया. सिमरन तेज़ तेज़ साँसे ले रही थीं. उस के मम्मे उस के सीने पे पूरी तरहा फूल और पिचक रहे थे. मौसी उस के सिर मे हाथ फेरने लगी.
“मम्मी भैया से कहो अपना लंड मेरी चूत से निकाले नही तो मैं मर जाऊं गी. आ आ.” सिमरन ने मौसी की तरफ देखते हुए कहा.
“बेटी यही दर्द तो लड़कियों को वह मज़ा देता है जिसके लिए लड़कियाँ कुछ भी कर सकती हैं. तुम बहुत खुशनसीब हो जो तुमको तुम्हारा भाई ही तुम्हे यह पहला दर्द दे रहा है. अभी मज़ा आएगा. अब कुछ नही होगा. पहली बार होता है मुझे भी हुआ था. ये बर्दाश्त कर लो तो समझो बहुत मज़ा आए गा, ज़रा सी देर और.” मौसी ने सिमरन के बालो मे हाथ फेरते हुए उस समझाइया.
“नही, नही!!! बाकी फिर कभी इसे कहो निकाल ले,आह आह आहह!!” सिमरन ने सिर हिलाते हुए कहा.
“अरे बेटी क्या कर रही है. अभी जब मज़ा आएगा तब देखना.” मौसी ने उसके मम्मों को सहलाते कहा.
“नही मम्मी आपने कहा था कि आप भैया से चुदवाकर मुझे दिखाइंगी. अब आप ही चुद्वाइये भैया से, मुझे छोड़ो.” सिमरन तड़पते हुए बोली.
“अच्छा मैं कुछ केरती हूँ!” ये कहती हुई मौसी मेरे पास आई. मैं आधा लंड सिमरन की टाइट चूत मे फँसाए हुए वहीं झुका हुया था. मेरा अपना वज़न मेरे हाथो पर था जो सिमरन की साइड मे बेड पे रखे थे.
“बेटा जब मैं इस की किस्सिंग करने लगूँ तो तुम एक ही झटके से पूरा अंदर कर देना और वहीं रुके रहना समझे.” मौसी ने मेरे कान मे सरगोशी की और खुद जा कर सिमरन के होंठो को चूमने लगी.
इतने मे सिमरन का दर्द कुछ कम हो गया. उसे मम्मी की किस्सिंग का मज़ा आने लगा और अपनी चूत मे फँसे हुए मेरे लंड का भी मज़ा लेते उसने ज़रा सा अपनी गाँड को उठाया. मैं समझ गया कि यही टाइम है और मैंने ज़ोर का झटका दिया कि मेरा पूरा लंड सिमरन की चूत मे घुस गया और मेरी हल्की हल्की झांटें सिमरन के साफ सुथरे प्यूबिक एरिया से जा लगीं और मैं वहीं रुक गया. मुझे महसूस हो रहा था कि मेरा लंड किसी टाइट से शिकंजे मे फँस गया है. सिमरन के मुँह से निकली हुई चीख मौसी के मुँह मे ही रह गई. वह अपना सर ज़ोर से दाई बाईं करने लगी. उस की आँखों से आँसू निकलने लगे. उसे महसूस हो रहा था कि जैसे उस की चूत मे आग लग गई हो कोई दहकता हुआ लोहे का रोड उसकी चूत के अंदर घुसा दिया गया हो. मौसी उस को चूमे जा रही थी और हाथो से सिमरन के मम्मों को दबा भी रही थी
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