RE: Biwi Chudai Kahani मैं क्या बीवी लगती हूँ तुम्हारी?
मैं नीचे आ कर कॅब में बैठा "चलो भाई जल्दी 08:30 से पहले रिपोर्ट करना है" मैने कहा "जी साहब" ड्राइवर ने कहा और कॅब एरपोर्ट की ओर चल पड़ी. गाड़ी के पहिए घूम रहे थे और मेरा मन मुझे अतीत की ओर ले गया. मुझे याद आया की कैसे राजन हमेशा बाहरी लोगों के सामने शिखा को जलील करता था और कैसे शिखा अकेले में आँसू बहाया करती. राजन को काम काज के आगे सोसाइटी में ज़यादा किसी से घुलता मिलता नही था , हालाँकि मेरे यहाँ कभी वीकेंड नाइट पर आ बैठता दरअसल हमारी दोस्ती "दारू" की वजह से हो गयी थी "दारू" भी बड़ी गजब की चीज़ है दो अलग टेंप्रमेंट के आदमियों को दोस्त बना देती है और दारू पी कर लोग बाग खुल कर बात करते हैं. शिखा को राजन का मेरे साथ बैठकर दारू पीना पसंद नही था , खास तौर से मेरे जैसे बॅच्लर्स के साथ. उसके मुताबिक बॅच्लर्स निहायत ही गैर ज़िम्मेदार होते हैं और पड़ोस में रहने वाली लॅडीस के साथ फ्लर्ट करते हैं. ऐसे ही एक दिन मैं ड्रॉयिंग रूम में बैठ कर शाम के वक़्त बियर पी रहा था , दरवाज़ा खुला हुआ था. मैं टीवी पर फुटबॉल का मॅच देख रहा था , की मैने दरवाज़े पेर राजन को खड़ा देखा "अरे राजन जी , प्लीज़ कम" मैने कहा "ओह अमन जी सॉरी.. आइ सॉ यू वाचिंग फुटबॉल मॅच" उसने मुस्कुराते कहा " सो आइ थॉट इफ़ आइ कॅन जाय्न यू" "ओह शुवर राजन जी , प्लीज़ कम इन" मैने हंसते हुए कहा "थॅंक यू" उसने कहा "लेट मी टेक अ वॉश आंड देन आइ विल जाय्न यू शॉर्ट्ली" "शुवर राजन जी टेक युवर टाइम" मैने कहा वह मूड कर फ्लॅट की ओर गया और बेल बजाई , मैने देखा उसकी पत्नी शिखा ने दरवाज़ा खोला और वह अंदर चली गयी उसने अपने जूते उतार कर रॅक में रखे और दरवाज़ा खुला ही छोड़ कर अंदर गया "अरे.. अरे... दरवाज़ा तो बंद करना था" अंदर से आती शिखा बोली "रूको.. मुझे पड़ोस में जाना है" अंदर बाथरूम से राजन की आवाज़ आई "अभी तो आएँ है अभी जाएँगे क्या?" शिखा परेशान होते बोली "हाँ..पड़ोस में अमन के घर जा रहा हूँ फुटबॉल मॅच देखने" राजन से मुँह धोते कहा "लेकिन आज गुरुवार है , हमे मंदिर जाना है" शिखा ने कहा "तुम चली जाओ , मुझे मॅच देखना है" राजन मना करते बोला "आज आपने मुझे वादा किया था कि मंदिर जाएँगे" शिखा उसे याद दिलाते बोली "देखो मुझे मंदिर वंडिर में इंटेरेस्ट नही , तुम्हे है तो तुम चली जाओ" राजन नाराज़ होते बोला उनके घर रोना धोना शुरू हो गया मैने बियर की बॉटल खोली और घूँट लेते हुए मॅच देखने लगा हालाँकि मेरे कान उन्ही के घर की तरफ थे. कुछ देर बाद राजन मेरे ड्रॉयिंग रूम में आते बोला "सॉरी , मुझे थोड़ी देर हो गयी आक्च्युयली वाइफ थोड़ी अपसेट हो गयी" "इट्स ओके" मैने कहा "एनितिंग सीरीयस?" "नो नो" वह बोला "शी गॉट अपसेट एज़ आइ चेंज्ड प्लान" वह हंसते बोला "ओह आइ सी" मैने पॉपकॉर्न खाते बोला "यॅ यू नो दीज़ वाइव्स" वह बोला "ड्रिंक?" मैने उसके सामने बियर की बॉटल बढ़ाते कहा उसने इधर उधर देखा दरवाज़ा खुला था वह बोला "लेट मी क्लोज़ डोर फर्स्ट" और दरवाज़े की तरफ बढ़ गया "थॅंक्स फॉर ड्रिंक" उसने कहा और दांतो से बॉटल की सील तोड़ते कहा "चियर्स" हमने बॉटल टकराई और सीप लिए "यॅ... गोल" वह चीखा , मॅच में गोल हो गया था और हाफ टाइम हो गया था "आप फुटबॉल काफ़ी एंजाय करते हैं राजन जी" मैने कहा "हाँ आइ एंजाय अलॉट" उसने कहा "आक्च्युयली मेरी वाइफ स्टुपिड टीवी सीरियल्स की वजह से मुझे मॅच देखने नही देती" उसने शिखा की शिकायत करते कहा "आब्वियस्ली" मैने पॉपकॉर्न मुँह में डालते कहा "टीवी का रिमोट तो लॅडीस के हाथ में ही होता है" "एग्ज़ॅक्ट्ली" उसने कहा और पॉपकॉर्न की ट्रे की तरफ हाथ बढ़ाया लेकिन वह ख़त्म हो गये थे "आइ आम सॉरी पोप कॉर्न ख़त्म हो गये , मैं कुछ ऑर्डर करता हूँ" कहते हुए मैने फोन हाथ में लिए "अरे अमन प्लीज़" उसने कहा की इतने में बेल बाजी "लेट मी सी कौन आया है" मैं उठते बोला "में देखता हूँ" उसने कहा और दरवाज़ा खोला बाहर पंजाबी सूट में उसकी बीवी शिखा खड़ी थी , उसने उसके हाथ चाभी थमाते कहा "मैं मंदिर जा रही हूँ" "सुनो बाहर से ज़रा पॉपकॉर्न , सॉल्टेड काजू और पीनिट्स ले आना" उसने हुकुम दिया "ये लो पैसे" उसने 1000 का नोट शिखा को दिया "ठीक है" कह कर वह अपनी चुन्नी संभालते हुए नीचे गयी "अमन मैने कुछ चखना मँगवाया है" उसने मेरी ओर मूड कर कहा "अरे राजन जी मेरे पास कुछ नमकीन है अपने क्यों तकलीफ़ की" मैने कहा "इट्स ओक यार" वह बोला "अब मॅच का माहौल है रत 10 बजे दूसरा मॅच है , इफ़ यू डॉन'त माइंड" "अरे राजन जी प्लीज़...मैं भी फुटबॉल का शौकीन हूँ" रात के 8 बाज चुके थे डोर बेल बाजी राजन ने दरवाज़ा खोला उसकी बीवी शिखा चखना ले आई थी "तुम घर जाओ में बाद में आता हूँ" उसने समान लेते कहा "खाना तो खा लीजिए" उसने कहा "खाना तुमने बना लिया क्या?" उसने सवाल किया "सुबह का है , गर्म कर देती हूँ" उसने कहा "तुम ही खाओ , सुबह का खाना" उसने नाराज़ होते कहा "मैं सब्जी बना देती हूँ.. थोड़ा रुकिये" उसने राजन को मनाते कहा "ठीक है जब खाना रेडी हो जाए मुझे आवाज़ दे देना , मैं यहीं मॅच देख रहा हूँ" उसने कहा "ठीक है" शिखा बोली और दरवाज़ा खोल कर अपने घर चली गयी. "ये सला राजन तो हरामी है , इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़ कर ये चूतिया मॅच देख रहा है" मैने सोचा राजन मेरे सामने बैठते हुए बोला "सॉरी अमन , ये बीवियाँ भी यू नो ज़रा भी प्राइवसी नही देती" "आइ कॅन अंडरस्टॅंड" मैने मुस्कुराते कहा "क्या बीवियाँ इतनी पस्सेसिव होती हैं?" मैने पूछा उसने मेरी और देखा "आइ आम सॉरी राजन" मैने बात को समहालते कहा "अरे डॉन'त बी फॉर्मल" उसने हंसते कहा "शादी के बाद तो बीवी जीना हराम कर देती है" "हा हा हा" मैने हंसते हुए कहा की मेरे फोन की रिंग बाजी "एक्सकूज़ मी" मैने कहा और फोन ले कर गॅलरी में आ गया मैने फोन पर बात करते हुए देखा , साइड के गॅलरी में शिखा भी फोन पर किसी से बात कर रही थी, मैने देखा उसकी साइड ही चाँदनी खिली थी , पूनम का चाँद आसमान में अपनी चाँदनी बिखेर रहा था. मैं कान दे कर उसकी बातें सुनने लगा "हां मा , मैं मंदिर जा कर आई ..नही राजन नही आए वो टीवी पर मॅच देख रहे थे...मा उनको क्या पता गुरु पूर्णिमा के बारे में" वह शायद अपनी मा से बात कर रही थी "हाँ मा मैं नवमी की दिन उपवास करूँगी और रात में राजन के साथ...." उसने मुझे बाल्कनी में उसकी ओर देखते हुए पाया , वह अंदर चली गयी "शिट साला " मैं अपने आप से बोला "उसको देखने का चान्स चला गया"
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