RE: Incest Sex Kahani सौतेला बाप
और फिर नितिन ने अपने लंड के धक्के काव्या की चूत पर जोरों से दे मारे...और नीचे की तरफ़ लेटी हुई श्वेता उसकी चूत का बाहरी हिस्सा अपनी जीभ से चाट रही थी.....
काव्या भी झुकी हुई , श्वेता की चूत चुस्ती हुई , अपने मज़े को महसूस करती हुई , नितिन के लंड से चुदवा रही थी..
और फिर नितिन के लंड ने भी जवाब दे दिया, और उसने अपने लंड को जैसे ही बाहर खींचना चाहा, काव्या ने रोक दिया और बोली ''अंदर ही निकालो नितिन...अंदर ही निकालो.....मैने टेबलेट ली हुई है.....''
नितिन को और क्या चाहिए था, उसके तो मज़े हो गये , उसने उसके गोल मटोल कुल्हों पर हाथ रखकर जोरों से झटके मारे और अपनी मेहनत की एक-2 बूँद काव्या की नायाब चूत की गुल्लक में डाल दी...
और उसकी गुल्लक में भी वो मेहनत टिक नही पाई और बूँद-2 बनकर वो बाहर निकलने लगी, जिसे नीचे की तरफ लेटी हुई श्वेता ने अपनी जीभ पर ग्रहण कर लिया और फिर चूत के अंदर उंगलियाँ दे - देकर बाकी की बची हुई मलाई भी खुरच खाई...
और फिर नितिन भी वहीं गहरी साँसें लेता हुआ लेट गया...
तीनों के शरीर रंगे पड़े थे....इसलिए उसे भी सॉफ करना ज़रूरी था, और होली के बाद अगर एक दूसरे के शरीर को रगड़कर सॉफ किया जाए, तभी उसका असली मज़ा आता है, और यहाँ तो 2 नही बल्कि 3 जिस्म थे, ऐसे में मिलने वाला मज़ा भी ज़्यादा होने वाला था..
तीनो बाथरूम में गये और सभी ने मिलकर एक दूसरे के नंगे बदन को साबुन से रगड़ -2 कर धोया..
और धोते हुए जो किस्सेस और गुत्थम गुत्था चल रही थी वो भी देखते ही बनती थी..
और उसके बाद फिर से एक और राउंड चला चुदाई का...इस बार बाथरूंम में ही....शावर के नीचे, टांगे उठा-2 कर...कभी श्वेता की चूत और कभी काव्या की...पर लंड एक ही था जो उनकी चूत की सेवा कर रहा था...नितिन का.
और वो सिलसिला बाथरूम से होता हुआ,बेडरूम तक गया और बेड पर भी भयंकर चुदाई हुई...
और अंत में फिर से एक बार तीनो झड़ने के बाद वहीं ढेर हो गये...
सिर्फ़ 2 घंटे मे उन्होने 2 बार चुदाई कर ली थी...और अभी भी पूरा दिन पड़ा था...
आज की होली को वो अच्छी तरह से सेलेब्रेट करना चाहते थे..
रंगो की होली तो हर कोई खेलता है
चूत और लंड से खेली गयी होली ही असली मज़ा देती है..
और आज होली के दिन ये तीनो इसी मज़े को लेते हुए पूरा दिन चुदाई करते रहे..
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