RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
रमण ने हिम्मत करके कहा कि अपनी गर्लफ्रेंड का हाथ अपने हाथ मे ले रहा हूँ,आरती ने कहा कि ऐसे मत करो,मनु देख लेगा रमन ने कहा कि वो नही देखे गा वो तो प्रिया के साथ बिजी है,और जब वो दोनो बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड हैं तो हाथ तो हाथ मे रख ही सकते हैं,ये सुन कर आरती ने अपने आप को ढीला छोड़ दिया,रमन ने सोच चलो आज एक और टारगेट अचिव हो गया,मनु के बाद अब आरती भी कुछ-2 चेंज हो रही है.
उस दिन के वाक़ये से मनु और प्रिया मे अंडरस्टॅंडिंग बढ़ ही गयी,और रमण भी आरती के करीब आ रहा था,अब मनु बहुत खुस था और वो रमण का बहुत अहसानमंद था,ये बात अगले दिन जब रमण ट्यूशन के लिए उसके घर आया तो उसने रमण को कही,रमण ने कहा कि दोस्ती मे ऐसा कुछ नही होता वो तो उसके लिए जो भी कर सकता है किया.
मनु ने कहा कि भैया पेर आप ने मुझे जो मौका दिया वो फिर कब मिलेगा,रमण ने कहा कि मेरे भाई ज़्यादा जल्दी मत करो,जो तुम कहते हो वो भी मिल जाएगा,बस थोड़ा सा तसल्ली करो,ज़्यादा जल्दी मे काम खराब ही होता है.
फिर वो पढ़ाई मे लग गये,इतने मे आरती कमरे मे आई,आज आरती घर के कॅषुयल कपड़ों मे ही थी,कल के वाक़ए के बाद वो रमण को कोई मौका नही देना कहती थी,इसलिए उसने नाश्ता रखा और चली गयी,पर रमण जब तक वो आँखों से ओझल नही हो गयी रमण आरती को ही देखता रहा.
रमण ने मनु से पूछा कि क्या उसकी मम्मी कुछ नाराज़ है क्या जो बिना कुछ बोले ही चली गयी,मनु ने कहा कि ऐसी तो कोई बात नही है,मम्मी तो मूवी से आने के बाद बहुत ही खुस थी,तो रमण ने कहा फिर आज क्या हुआ,मनु ने कहा कि मैं बाद मे मम्मी से पूछूँगा.
इसके बाद लाइफ रूटिन से चल रही थी,अब आरती रमण के आइ कॉंटॅक्ट से बचने की कोशिस करती थी.पर रमण अपना सारे का सारा कनसेन्रेशन आरती पर ही रखे हुए था,इसलिए वो कोशिस करता था कि कैसे आरती की कंपनी ज़्यादा से ज़्यादा एंजाय की जाए,पर अरविंद के डर की वजह से ज़्यादा कुछ नही कर सकता था.
इस बीच मनु का जनमदिन नज़दीक आ गया ,मनु ने रमण को उसका वादा याद दिलाया,रमण ने कहा कि तुम चिंता मत करो मुझे अपना वादा अच्छी तरह से याद है,तुम तो पार्टी की तैयारी करो,फिर क्या था वैसे भी ये मनु का 18अर्रहवाँ जनमदिन था इसलिए उसके पापा ने पार्टी तो देनी ही थी.
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