RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
आरती के घर से जाने के कुछ ही देर के बाद रमण आ गया,उसने आते ही मनु से पूछा कि उसकी मम्मी कहाँ है,तब मनु ने बताया कि वो तो अपनी किसी सहेली के यहाँ गयी है,रमण भी समझ गया कि आरती किसलिए गयी है.
अब आगे क्या करना है ये उन दोनो को ही सोचना था इसलिए वो दोनो अंदर आ गये.
तब मनु ने रमण से पूछा कि आज असल मे हुआ क्या था जो उसकी मम्मी उसके साथ जो मूवी देखने जाने वाली थी वो प्रोग्राम कैसे कॅन्सल हो गया.
रमण ने मनु को कहा कि ये तो पक्का उसको भी नही पता कि क्या हुआ ही ,उसके पास तो बस सुबह फोन आया कि आज उसकी मम्मी की तबीयत ठीक नही है,इसलिए वो उसके साथ मूवी देखने नही जा सकेगी,इसके आगे कोई बात ही नही हुई और आरती ने फोन रख दिया,अब वो आरती को फोर्स तो नही कर सकता था ना कि वो उसके साथ पिक्चर के लिए ज़रूर चले.
मनु ने कहा कि इसका मतलब है कि मम्मी अभी भी थोड़ा सा जीझक रही है और उनको थोड़ी सी घबराहट है कि क्या होगा इसलिए वो नही गयी.
तब रमण ने कहा कि ऐसा ही मुझे लग रहा है,पर यार अब आगे क्या करना है,ये बहुत सोच समझ कर करना है.
मनु ने कहा कि भैया आप ही कोई तरकीब सोचो मैं तो हर तरह से आपके साथ हूँ.
रमण ने कहा कि अभी तो मुझे कोई तरकीब नही सूझ रही पर आगे कुछ सूझा तो मैं बताउन्गा,तब तक हमे घर मे तुम्हारी मम्मी को ये फील नही होने देना है कि मुझे उनके फिल्म के लिए ना जाने से कोई गिला शिकवा है.
अगले दिन जब रमण ट्यूशन के लिए आया तब आरती घर पर ही थी,आज वो घर पर तो थी,पर रमण से नज़रे नही मिलाना चाह रही थी,जबकि रमण सब कुछ नॉर्मल ही शो कर रहा था.
तो जब रमण और मनु के लिए आरती नाश्ता ले कर गयी तब रमण ने आरती को कहा भाभी जी नमस्ते और आप की तबीयत कैसी है.
आरती ने कहा कि ठीक है,और वो बाहर आ गयी ,रमण भी आगे कुछ नही बोला.
ऐसे ही 2-3 हफ्ते निकल गये,अब आरती नॉर्मल हो गयी थी और रमण भी आरती से हाय हेलो करता रहता था,कि उसको कोई बात अज्जीब ना लगे.
तब रमण ने आरती को भी अपने साथ नाश्ते के लिए कहा और बोला कि भाभी जी आज तो आप भी हमारे साथ बैठ जाओ,आरती भी कुछ अलग ना लगे इसलिए वहाँ पर बैठ गयी और वो सब वहीं नाश्ता करने लगे.
इस तरह से लाइफ दुबारा से पटरी पर आ गयी थी,अब फिर से रमण आरती से मज़ाक करने लगा था,और मनु भी उनकी बातों मे शामिल होता ही था,अब आरती ने दुबारा से कुछ भड़कीले कपड़े पहन-ने शुरू कर दिए थे,उसको ये तो पता ही था कि रमण की उस पर नज़र है,इस बात का वो भरपूर मज़ा लेती थी,पर मनु के कारण थोड़ा खुल नही पाती थी.
तब एक दिन अरविंद को ऑफीस के काम से 2-3 दिन के लिए टूर पर जाना था,और दिन भी थर्स्डे था,तो मनु ने ये बात रमण को बता ही दी थी.
रमण जब ट्यूशन के लिए आया तब उसने वैसे ही पढ़ाई के बीच आरती से बाते की और मनु से कहा कि यार आज कल काफ़ी दिन हो गये कही बाहर जा कर पार्टी वागरह किए हुए.
मनु ने कहा कि भैया पढ़ाई से टाइम ही नही मिल रहा,तो फिर क्या करें.ऐसा करते हैं कि सॅटर्डे को पापा यहाँ नही हैं कही मूवी के लिए चलते हैं.
रमण ने तब कहा कि ये भी ठीक है,तब उसने कहा कि भाभी जी आप भी चलोगि क्या परसूं रात को मूवी देख कर आते हैं,बहुत दिन हो गये हैं अब तो.
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