RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
आरती कमरे मे तो आ गयी पर वो दोनो तो अपने आप मे ही बीज़ी थे तब उसने आगे आ कर कहा कि अब बताओ तुम लोग कि मैं कैसे लग रही हूँ,वो दोनो आरती की आवाज़ सुन कर उसकी तरफ देखते हैं तो उन की ज़ुबान तो तालू से ही चिपक जाती है और मूह खुला रह जाता है साथ ही साथ आँखें जो हैं वो फॅट जाती हैं,इस टाइम उन दोनो की हालत देखने लायक थी वो दोनो तो आरती के इस सेक्सी रूप को देख कर हक्के बक्के ही हो जाते हैं .
जब वो दोनो कुछ भी नही बोलते और आरती को सिर्फ़ देखते ही रहते हैं तब आरती ने बोला कि क्या हुआ क्या मैं सुंदर नही लग रही,तब जा कर उन दोनो को होश आता है,तब रमण बोला कि आप तो सुंदर क्या पता नही उससे भी कही ज़्यादा लग रही हो,बल्कि आज तो आप आरती भाभी जी ही नही लग रही,किसी स्वर्ग लोक की अप्सरा की तरह से लग रही हो.
उधार मनु ने जब अपनी मा को इस सेक्सी रूप मे देखा तो उसका लंड एकदम से अपनी पॅंट मे खड़ा हो गया,उसको अपनी माँ के मोटे-2 मम्मे उसके टॉप से बिल्कुल ही बाहर नज़र आ रहे थे,उसका दिल कर रहा था कि इन मोटे-2 मम्मों को पकड़ के खूब दबाऊ और इनमे से दूध निकाल लूँ,पेर आरती क्यूंकी उसकी माँ थी इसलिए वो ऐसा कुछ नही कर सकता था,पर दिल की सोचों ने ही उसके लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर दिया था.
मनु बोला कि मा अब तो तुम जॅक्वलिन फर्नॅंडेज़.से भी कहीं ज़्यादा सुंदर और शानदार लग रही हो,वो तो तुम्हारे इस रूप के आगे कुछ भी नही है.
रमण का लंड भी आरती को ऐसे सेक्सी और नंगे रूप मे देख कर खड़ा हो गया था,और उसको ये विश्वास भी हो गया था कि आज की रात तो आरती की चूत का स्वाद उसके लंड को ज़रूर मिल ही जाएगा.
तब मनु ने आगे बढ़ कर अपनी माँ का हाथ पकड़ लिया और फिर उसके गालों पर एक चुम्मा ले लिया,ये देख कर रमण बोला कि ये तुम ने क्या किया,तब मनु बोला कि माँ आज इतनी सुंदर लग रही है कि मैं आपने आप को उसकी चुम्मि लेने से नही रोक सका,तब रमण ने कहा कि सुंदर तो भाभी जी मुझे भी लग रही हैं तो क्या मैं भी उनकी चुम्मि ले सकता हूँ,आरती ये सुन कर शरमा गयी पर मनु बोला कि ये तो आपकी मर्ज़ी है,मुझे तो जैसा लगा मैने किया.
अब ये तो रमण को खुला निमंत्रण था कि वो आगे बढ़े और आरती को किस करे और वो ऐसे मौके खोता नही था,इसलिए जैसे ही मनु ने ये कहा वो आगे बढ़ा और उसने आरती को कस के पकड़ लिया और उसके गरमा गरम लाल-2 होठों पर अपने सुलगते हुए होठ रख दिए और उसको किस करने लगा,आरती भी एकदम से समझ नही पाई कि ये क्या हुआ पर जब तक उसको समझ आता तब तक रमण के होंठ उसके होंठों से चिपक गये थे और वो उनको चूसने लगा था,आरती को इसमे मज़ा तो आ रहा था पर क्यूंकी उसका बेटा मनु भी सामने बैठा था इसलिए वो अपने आप को छुड़ाने की कोशिस करने लगी पर रमण ने उसको अपनी मजबूत बाजुओ के घेरे मे ले रखा था इसलिए वो छूट नही पाई,तभी रमण ने अपने होंठ आरती के होठों से हटा लिए और उसको अपनी बाहों की क़ैद से आज़ाद कर दिया.
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