RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
तभी आरती कपड़े पहन कर आ गयी,उसने देखा कि वो दोनो आपस मे बातें कर रहें हैं तो उसने कहा क्या बाते चल रही हैं.आरती की आवाज़ सुन कर दोनो ने आरती की तरफ देखा आरती ने अब गाउन पहन लिया था,और वो नहा कर और भी सुंदर लग रही थी,पर उन दोनो को तो ये देख कर शॉक लगा कि आरती ने उनकी बात ना मान कर गाउन के साथ-2 अंडरगार्मेंट्स भी पहन लिए थे,जबकि वो ये चाहते थे कि अब आरती उनके सामने कम से कम कपड़ों मे रहे.
तो रमण ने कहा कि तुम्हारी ही बातें हो रही थी जान पर ये क्या तुम तो इतने सारे कपड़े डाल कर आ गयी अब अगर हमारा मन करेगा तो इतने कपड़े उतारने पड़ेंगे.
आरती-इसलिए ही तो मैं ने कपड़े कम नही पहने तुम लोगों का क्या है कहीं भी मुझे देखा तो तुम्हारा तो हमेशा खड़ा रहता है वहीं पर डाल दोगे.
मनु-पर मम्मी अभी तो आप कह रही थी कि ऐसा नही करोगी.
आरती-मेरे बेटे रमण तुम नही समझोगे अभी काम वाली आएगी तो अगर उसने देखा कि मैं ऐसे कपड़ों मे घर मे हूँ तो अच्छा नही रहेगा,एक बार वो काम करके चली जाए तो तुम जैसे कहोगे वैसे ही रहूंगी.
मनु-वाउ मोम ये हुई ना बात.
आरती-अच्छा चलो अब आज तो मेरे बस की और करवाना नही है,अब मैं नाश्ता तैयार कर रही हूँ तुम लोग कर लेना,फिर आज जो तुमने मेरे साथ किया है उसके कारण मुझे आराम करना पड़ेगा.
ये कह कर आरती मनु के रूम से निकल गयी,तब रमण ने कहा कि अच्छा अब मे चलता हूँ जब तुम्हारी मम्मी ने कह ही दिया कि आज और कुछ नही होगा तो मैं रुक कर क्या करूँगा,और ये कह कर रमण वहाँ से निकल गया.
रमण के जाने का बाद मनु किचेन मैं आपनी माँ के पास आया और बोला मम्मी क्या बना रही हो,और पीछे से आरती से चिपक गया.
आरती नेपीछे मूड कर कहा कि ये क्या कर रहे हो,मैने अभी-2 तुम को क्या कहा था.
मनु-पर पहले काम वाली को आने तो दो,जब तक वो नही आती मैं ऐसे ही आप से चिपक के कुछ तो मज़े कर ही लूँ.
आरती-नही ऐसे मत करो अच्छा नही है फिर रमण क्या सोचगा कि अभी तो मैने उसके सामने मना किया और अब तुम ऐसे कर रहे हो.
मनु-पर रमण भैया तो चले गये.
आरती-अच्छा कब गया रमण
मनु-अभी-2 कह रहे थे कि आज तो आपने मना कर दिया फिर रुक कर क्या करेंगे.
तभी बाहर की बेल बजी और मनु ने जा कर दरवाजा खोला तो काम वाली आई थी,फिर मनु अपने रूम में चला गया.
जब काम वाली काम निपटा कर गयी और गेट बंद होने की आवाज़ आई मनु तुरंत बाहर आया,तो उसने देखा कि आरती अपने कमरे मैं सोई हुई थी,वो समझ गया कि अब उसकी मम्मी रात भर की चुदाई की थकान उतार रही है और वो भी अपने कमरे में जा कर सो गया.
शाम को आरती मनु को उठाने उसके कमरे मैं आई तो मनु बेसूध पड़ा सो रहा था,तब तक आरती की थकान और शरीर का दर्द कुछ कम हो गया था,जब उसने मनु को ऐसे सोते हुए देखा तो उसके शरीर मैं फिर से खुमारी चढ़ने लगी,कहते हैं ना कि एक बार जिसको बाहर का खाने की आदत पड़ जाए वो हमेशा उसी चक्कर में ही रहता है,तो फिर आरती को एक शरारत सूझी वो अपने कमरे मैं गयी और जा कर नाइटी के नीचे से अपने अंडर गारमेंट्स निकाल दिए और अपने नंगे जिस्म पर सिर्फ़ एक पतली सी नाइटी डाल कर मनु के रूम में उसको जगाने के लिए आई.
आरती ने अब मनु के रूम में आ कर धीरे से मनु को कहा कि मनु बेटा उठो ना अब उठना नही क्या,कब से सो रहे हो.अपनी मा की आवाज़ सुन कर मनु की नींद खुली तो उसने अपनी आँखें खोल कर देखा और जैसे ही उसकी नज़र अपनी माँ के आध नंगे जिस्म पर पड़ी उसकी तो नींद ही उड़ गयी,आरती इस टाइम एक पतली सी नाइटी में उसके सामने खड़ी थी,जिसमें से उसके मोटे -2 मम्मे बाहर आने को तैयार हो रहे थे और नीचे उसकी सुडौल भारी-2 जंघें भी नंगी नज़र आ रही थी,वो नाइटी कुछ शॉर्ट थी,और वो किसी को भी सिड्यूस करने में समर्थ थी.
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