RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
अब तो मनु को बहुत ही मज़ा आ रहा था,अब तो उसकी माँ उसके हर तरह के इशारे को समझ कर जैसे वो चाहता था वैसे ही कर रही थी,फिर मनु वहीं पर नीचे बैठ गया और उसने अपना मूह अपनी माँ की चुदि हुई चूत पर रख दिया और वो उसमे भरे हुए रस को चूसने लगा,आरती को भी अपनी चूत चुसवाने में मज़ा आ रहा था.
अब आरती के लिए खड़ा होना मुश्किल हो गया था,तो वो मनु से बोली कि मनु अब मेरे से खड़ा नही हुआ जा रहा.
तो मनु ने कहा कि कोई बात नही तुम यहीं पर लेट जाओ और ये कह कर उसने अपनी माँ को वहीं पर लिटा दिया,और फिर से उसकी चूत में मूह घुसा दिया और उसको चूसने लगा,आरती अब मनु की चुसाइ से बुरी तरह से सीसीयाने लगी थी,और अपनी कमर को उपर उछालने लगी थी.
फिर कुछ ही देर में आरती की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया,और उसकी चूत का पानी मनु ने सारे का सारा चूस लिया.
आरती कुछ ही देर में दो बार झाड़ चुकी थी अब उसकी टाँगों में इतनी ताक़त नही थी कि वो खड़ी हो सके तो उसने मनु से कहा कि अब मैं खाना नही बना सकती तुम बाहर से ही कुछ मॅंगा लो,मनु ने कहा कि ठीक है और उसने फिर बाहर से पिज़ा का ऑर्डर दे दिया,और फिर से किचन में आ गया वहाँ आरती वैसे ही नंगी हालत में फर्श पर लेटी हुई थी,ये सीन मनु को बहुत ही इरोटिक लगा और उसने अपनी माँ की इस हालत में फोटो खींच ली.
आरती की आँख खुली तो उसने देखा की मनु उसको देखे जा रहा है,तो वो बोली कि ऐसे क्या देख रहा है,मनु बोला माँ तुम ऐसे नंगी लेटी हुई बहुत सुंदर लग रही हो,तो इसलिए ही तुमको निहार रहा था.
आरती बोली अब बस भी करो और वो उठने लगी तो मनु ने उसको अपनी गोद मैं उठा लिया और उसको ले जा कर उसके बेड पर लिटा दिया.कुछ ही देर में वो सो गयी.
इस तरह से अब मनु की तो लॉटरी लग गयी थी,वो अब स्कूल से आने के बाद ज़्यादा समय अपनी माँ के साथ ही गुज़ारता था,और ऐसे ही रमण भी जब भी मनु को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आता था तो कम से कम एक बार तो आरती को ज़रूर ही चोद्ता था,अब आरती को भी चुदाई की इतनी आदत हो गयी थी कि वो घर में हर समय कम कपड़ों में ही रहती थी और ब्रा और पैंटी पहन-ना तो उसने तक़रीबान बंद ही कर दिया था.
जैसे ही उन दोनो जनो में से कोई भी उसको चोदना चाहता था वो हर समय तैयार ही रहती थी,एक तरह से हर टाइम उसकी चूत में किसी ना किसी के लंड का पानी बहता ही रहता था,क्यूंकी वो उसको सॉफ नही करती थी,उसको लंड के पानी को अपनी चूत में महसूस करके बहुत मज़ा आता था,अगर कभी भी उसको पैंटी पहननि पड़ती थी तो वो वैसे ही हालत में ही पैंटी पहन लेती थी और उसको बहुत मज़ा आता था.
रमण जब मनु को ट्यूशन पढ़ाने आता था तो वो आ कर उसकी गोद में बैठ जाती और फिर वहीं से उनकी मस्ती शुरू हो जाती थी और चुदाई पर जा कर ही रुकती थी,पर इस बीच में रमण मनु को वहीं पढ़ने की हिदायात दे कर दूसरे कमरे में ले जा कर आरती की चूत को अपने लंड की खुराक देता था.
इस तरह से अब आरती की चुदाई और मनु की पढ़ाई दोनो साथ-2 चल रही थी,पर कुछ दिनो से रमण को इसमे कुछ बदलाव करने की चाहत हो रही थी
और एक दिन जब रमण हमेशा की तरह से आरती की चूत मार रहा था,तो वो बोला कि जान आज तो कुछ अलग करने का दिल है.
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