RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
आरती ने भी देखा कि मनु का लंड तन गया है,और चुदाई के लिए तैयार हो गया है,पर अभी वो उसका लंड गान्ड मे लेने के मूड मे नही थी,तो वो मनु से बोली कि तुम्हारा तो ये तैयार है आ जाओ और इसको मेरी चूत मे डाल कर मेरी चुदाई करो,मेरी चूत में भी खुजली हो रही है.
मनु अपनी माँ की ये बात सुन कर थोड़ा सा निराश हो गया,वो तो आज अपनी माँ की नयी-2 गान्ड मारने की फिराक में था.
ये बात आरती को भी समझ मे आ रही थी,पर वो अभी अपनी गान्ड दुबारा नही मरवा सकती थी,इसलिए वो मनु को बोली कि बेटा अभी ऐसे निराश होने की क्या ज़रूरत है मैं या मेरी गान्ड कहीं भागी नही जा रही हैं,आज-2 रहने दो इसमे दर्द है,कल से तुम भी इसको खूब मारना मैं तुमको नही रोकूंगी.
ये सुन कर मनु खुश हो गया कि आज नही तो कल तो उसको अपनी माँ की गान्ड मारने को मिलने ही वाली है,और फिर उसने अपनी माँ की नाइटी उतार दी,नाइटी के नीचे तो आरती ने कुछ पहना ही नही था और वो नाइटी उतरते ही बिल्कुल नंगी हो गयी,जब से ये दोनो उसको चोदने लगे थे,उसको नंगे रहने मे बहुत मज़ा आने लगा था,और वो घर मे हर समय नंगा ही रहना चाहती थी,अब कपड़े तो वो किसी के आने पर या बाहर जाने पर ही पहनती थी,नही तो घर मे सिर्फ़ नाइटी मे ही घूमती रहती थी.
मनु को भी अपनी माँ के इस नंगे पन में बहुत मज़ा आता था,और वो रात दिन अपनी माँ को ऐसे ही देखना चाहता था,वो तो उसका बाप घर पर आता था,नही तो वो अपनी माँ को घर में हर समय ऐसे ही पसंद करता था.
आरती के नंगे होते ही मनु सबसे पहले उसकी गोद मे लेट गया और उसके मम्मों को चूसने लगा,आरती भी उसके सिर पर हाथ फेरने लगी और एक चुचि को प्कड़ कर उसके मूह में दे दिया ,जिस-से मनु को और मज़ा आने लगा,आरती की गोद में लेटे -2 ही मनु अपनी एक उंगली उसकी नंगी चूत में डाल देता है,तो आरती की सिसकारी निकल गयी और वो मदहोश होने लगी.
फिर आरती बोली कि ले बेटा आज अपनी माँ की चुचियो का सारा दूध पी जा,मैं कब से तुझको अपना दूध ऐसे ही गोद मे पिलाना चाहती थी,आज इनको निचोड़ ले ,हाई ये तू क्या कर रहा है,अपनी नंगी माँ की चूत में भी अपनी उंगली डाल रहा है और चुचि भी चूस रहा है,हाई बेटा आज तो मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा है.
कुछ ही देर मे मनु ने आरती की दोनो चुचियो को बुरी तरह से चूस लिया और वो उन पर अपने दाँत भी गढ़ा रहा था,जब भी वो उसकी चुचि को अपने दाँत से काट-ता था आरती की तेज़ सिसकारी निकल जाती थी.फिर वो थोड़ा सा घुमा और उसने अपना मूह वैसे ही हालत में अपनी माँ की चूत पर लगा दिया,अब तो आरती के आनंद का कोई हिसाब ही नही रहा था,और वो आनंद के सागर में घूम रही थी,जब मनु उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था,तो उसने अपने पाँव थोडा खोल दिए जिस-से कि मनु को उसकी चूत चाटने में परेशानी ना हो.
मनु अपनी माँ की चूत को अब अपनी जीभ से अच्छी तरह से चाट रहा था,फिर वो उसकी चूत की दोनो पुट्टियो को अपने दाँतों से काटने लगा जब उसने आरती की चूत को ऐसे काटा तो आरती ने अपने पाँव बिल्कुल ही खोल दिए और वो अपना सिर इधर-उधर पटाकने लगी,और बड़बड़ाने लगी-साले आज क्या मेरी चूत को खा ही जाएगा क्या ,इसको अपने मूह मे भर ले और इसको ऐसे ही काट -2 कर खा जा,अब आरती को बहुत ही मज़ा आ रहा था,और उसकी चूत बहुत ज़्यादा पानी छोड़ने लगी थी,ऐसे ही करते-2 और पानी छोड़ते -2 ही मज़े -2 मे आरती का थोड़ा सा पिशाब भी निकल गया,जब ऐसा हुआ तो उसका अलग ही नमकीन स्वाद मनु को आया,और उसने उसको भी चूस लिया पर वो बहुत ही गरम लगा तो उसने अपना मूह हटा लिया पर आरती अब अपना मूत रोक नही सकी और उसने मनु का सिर पकड़ा और फिर से अपनी चूत पर लगा दिया.
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