Hindi Sex Porn खूनी हवेली की वासना
07-01-2018, 12:13 PM,
#27
RE: Hindi Sex Porn खूनी हवेली की वासना
खूनी हवेली की वासना पार्ट --27 

गतान्क से आगे........................

"ऐसे ही देखती रहोगी क्या?" कल्लो ने सवाल किया तो रूपाली का ध्यान टूटा.

उसने सवालिया नज़र से कल्लो की तरफ देखा.

"च्छुकर नही देखोगी?" कल्लो ने कहा तो रूपाली के दिल की धड़कन तेज़ हो चली. ये सच था के वो खुद ये मंज़र देखना चाहती थी पर उसने देखने से आगे कुच्छ भी नही सोचा था. हाथ लगाने के बारे में तो बिल्कुल भी

नही.

जब कल्लो ने देखा के रूपाली कुच्छ जवाब नही दे रही तो उसने खुद अपने हाथ से रूपाली का हाथ पकड़ा और अपनी छाती पर रख दिया.

रूपाली को समझ नही आया के एक दूसरी औरत की छाती को अपने हाथ में पकड़कर उसे कैसा लग रहा था. कल्लो की बड़ी मुलायम छाती उसके हाथ में थी या यूँ कह लो के उसने बस उसकी छाती पर हाथ रखा हुआ था. वो इतनी बड़ी थी एक उसके हाथ में मुश्किल से समा रही थी. वो बस अपना हाथ वैसे ही रखे खड़ी रही.

"कोई बात नही अच्छे से च्छुकर देख लो. बहुत मंन था ना आपका मेरी देखने का?"

कल्लो ने कहा तो रूपाली ने उसकी पूरी छाती पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. वो ऐसे हाथ फिरा रही थी जैसे किसी छ्होटे बच्चे के सामने कोई नयी अजब चीज़ आ गयी हो और वो उसको च्छुकर देख रहा था के ये क्या

है पर समझ नही पा रहा था के क्या करे.

उसका हाथ धीरे धीरे कल्लो की पूरी छाती पर फिरा. फिर उसका ध्यान उस बड़े से काले निपल की तरफ गया और उसने उसको अपनी अंगुलियों के बीच पकड़ लिया.

"आअहह रूपाली बीबी" निपल पकड़ते ही कल्लो के मुँह से आह निकल पड़ी "दबाओ"

"दबाओ?" उसकी बात सुनकर रूपाली ने सोचा "क्या दबाऊं?"

उसके चेहरे को देखकर कल्लो समझ गयी और उसने अपना हाथ रूपाली के हाथ पर रखकर खुद दबाना शुरू कर दिया.

रूपाली को बड़ा अजीब लगा पर वो कल्लो का इशारा समझ गयी. उसको समझ नही आया के दबाकर क्या होना था पर उन बड़ी बड़ी नरम छातियो को दबाने में उसको भी अजीब सा मज़ा आया. उसने अपने एक हाथ से छाती को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.

"ज़ोर से दबाओ"

कल्लो के कहने पर रूपाली ने अपने हाथ का दबाव बढ़ा दिया. अचानक कल्लो ने उसका दूसरा हाथ पकड़कर अपनी दूसरी छाती पर रख दिया.

"दोनो दबाओ"

अब रूपाली कल्लो के सामने खड़ी अपने दोनो हाथों से उसकी चूचियाँ दबा रही थी. अजीब सिचुयेशन हो गयी थी. कल्लो उसको और ज़ोर से दबाने को कह रही थी और रूपाली को समझ नही आ रहा था के क्यूँ पर एक अजीब सा मज़ा आ रहा था. उसके हाथ कल्लो की चूचियो में इस तरह जा रहे थे जैसे के वो आटा गूँध रही हो.

"आआहह" कल्लो ने फिर ज़ोर से आह भरी "चूसो"

रूपाली चौंक पड़ी. वो जानती थी के कल्लो क्या कह रही है पर इससे पहले के वो कुच्छ कहती या करती, कल्लो ने उसके सर के पिछे अपना हाथ और आगे को खींचते हुए उसका मुँह अपनी छाती पर दबा दिया.

वो बड़ा सा निपल सीधा रूपाली के मुँह में गया.

"छियीयीयियी" रूपाली फ़ौरन पिछे हटी और ज़ोर से चिल्लाई "छ्ह्ह्ह्हीइ छ्हीइ छ्ही"

वो अपने होंठ ऐसे अपने हाथ से सॉफ करने लगी जैसे कोई बहुत गंदी चीज़ मुँह में चली गयी हो.

उस दिन बात सिर्फ़ इतनी ही बढ़ पाई थी के कल्लो ने अपना निपल रूपाली के मुँह में दे दिया था जिसपर रूपाली को जैसे उल्टी सी आ गयी थी. वो खुद एक लड़की थी जो औरत बनने की कगार पर खड़ी थी और उसने कभी सपने में भी नही सोचा था के उसके मुँह में एक दूसरी औरत का निपल आएगा. हां वो कल्लो की चूचियाँ देखकर उत्तेजित ज़रूर होती थी पर ये शायद प्रक्रतिक था.

एक औरत को यूँ इस तरह से नंगी देखना उसमें सेक्स की भावनाएँ पैदा करता था पर इससे ज़्यादा कुच्छ और नही.

जब रूपाली छि छि करते हुए कल्लो से दूर हो गयी तो कल्लो भी खामोशी से कमरे से बाहर निकल गयी. फिर कुच्छ दिन तक ना तो और कुच्छ हुआ और ना ही कल्लो या रूपाली ने खुद एक दूसरे के करीब आने की कोशिश की. बात भी बस ज़रूरत के हिसाब से होती थी.

उस दिन रूपाली का जनमदिन था. वो 18 साल की हो गयी. 12थ क्लास की एक्षमन्स वो दे चुकी थी और अपने घरवालो को शहर जाकर कॉलेज में पढ़ने के लिए राज़ी भी कर चुकी थी. उसके जनमदिन की खुशी में उसके पिता ने एक पार्टी रखी थी जिसमें काफ़ी बड़ी बड़े लोग आए हुए थे. कुच्छ पॉलिटीशियन, कुच्छ पोलिसेवाले और कुच्छ आस पास के इलाक़े के ठाकुर घरानो के लोग.

उस पार्टी में खुद ठाकुर शौर्या सिंग भी शामिल था. उन्होने जब उस दिन रूपाली को उसका तोहफा दिया था तब रूपाली को कहीं ख्वाबों में भी इस बात का एहसास नही था के यही इंसान आगे चलकर उसका ससुर बनेगा.

सारी शाम पार्टी चलती रही. जब तक लोग धीरे धीरे गये, तब तक रात के 12 बज चुके थे. कल्लो भी उस दिन अपने घर नही गयी थी और पार्टी में मेहमानो के खाने पीने का ख्याल रख रही थी.

जब पार्टी ख़तम हुई तो रूपाली की माँ ने कल्लो को रात वहीं रुक जाने के लिए कहा. आधी रात को अकेले अपने घर जाना एक औरत के लिए ठीक नही था इसलिए कल्लो भी वहीं रुकी. वो पहले भी कई बार ऐसे रात में रुकी थी और किचन में ही चादर बिछाकर सो जाती थी. उस रात भी ऐसा ही हुआ. रूपाली काफ़ी थॅकी हुई थी इसलिए मेहमआनो के जाते ही अपने कमरे में जाकर सो गयी.

उस वक़्त उसकी माँ और कल्लो घर की सफाई में लगे हुए थे.

रात को अचानक एक आहट पर रूपाली की आँख खुली. उसको ऐसा लगा के दरवाज़ा खोलकर कोई उसके कमरे में दाखिल हुआ है. अंधेरा होने की वजह से उसको ये तो नज़र नही आया के कौन है पर कमरे में दीवार पर लगी घड़ी पर उसने नज़र डाली तो देखा के 3 बज रहे हैं. अंधेरे में सिर्फ़ घड़ी के काँटे चमक रहे थे, और कुच्छ नज़र नही आ रहा था.

"माँ?" उसकी मान अक्सर रात को उसके कमरे में आकर देखती के वो ठीक से तो सो रही है. उस रात भी शायद माँ ही आई होगी सोचकर रूपाली ने आवाज़ दी.

कोई जवाब नही आया पर एक साया धीरे से उसके बिस्तर के पास आकर खड़ा हो गया.

"कौन है?" रूपाली ने आँखें मलते हुए कहा

"मैं हूँ बीबी जी" आवाज़ कल्लो की थी.

"क्या हुआ?" रूपाली ने पुछा

"कुच्छ नही" कल्लो ने कहा और वो रूपाली के बिस्तर पर आकर बैठ गयी

रूपाली खुद भी उठकर बैठ गयी और अपने बिस्तर पर लगे स्विच को ढूँढने लगी ताकि बल्ब जला सके. तभी उसको अपने हाथ पर कल्लो का हाथ महसूस हुआ.

कल्लो ने उसका हाथ पकड़कर लाइट जलाने से रोक दिया.

"क्या हुआ?" रूपाली ने फिर पुचछा

"ष्ह" कल्लो ने चुप रहने का इशारा किया और रूपाली का हाथ पकड़कर अपने जिस्म पर रख लिया.

रूपाली को फ़ौरन एहसास हो गया के उसका हाथ कल्लो की छाती पर है.

"क्या कर रही है?" कहते हुए रूपाली ने अपना हाथ वापिस खींचे की कोशिश की पर कल्लो ने उसका हाथ मज़बूती से पकड़कर अपनी छाती पर रखा हुआ था.

"नींद आ रही है मुझे" रूपाली ने फिर अपना हाथ हटाने की कोशिश की.

"बस थोड़ी देर दबा दो बीबी जी" कहते हुए कल्लो ने खुद अपने हाथ से रूपाली के हाथ को अपनी छातियो पर दबाना शुरू कर दिया

"क्यूँ?" रूपाली ने पुछा

"मेरा बहुत दिल कर रहा था इसलिए आपके कमरे में चली आई. बस थोड़ी देर" कल्लो ने रूपाली के थोड़ा करीब आते हुए कहा

वो दोनो रूपाली के बिस्तर के बीच बैठे हुए थे. एक बार फिर कल्लो की छातियो पर अपना हाथ पड़ते ही रूपाली को थोड़ा अच्छा सा लगा. फिर वही बड़ी बड़ी छातियाँ जिन्हें देखकर वो उत्तेजित हो जाती थी उसके हाथ में थी. उसने अपना हाथ को थोड़ा सा छाती पर दबाया.

"आआहह" कल्लो के मुँह से आ निकल गयी "ऐसे ही.... थोड़ा ज़ोर से"

रूपाली ने एक हाथ से कल्लो की छाती को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया. लग रहा था जैसे किसी मुलायम सी चीज़ में उसकी अँगुलिया धस जाती थी.

"दबाती रहो मालकिन" कहते हुए कल्लो खिसक कर थोड़ा और उसके करीब आ गयी. अब वो बिस्तर पर बिल्कुल एक दूसरे के आमने सामने बैठी थी.

रूपाली अपने एक हाथ से अब पूरे ज़ोर से कल्लो की एक छाती को दबा रही थी. अजीब सा मंज़र था. कमरे में बिल्कुल अंधेरा था जिसमें वो एक दूसरे को देख नही सकती थी, बस जिस्म का साया सा ही नज़र आ रहा था. कल्लो ने सारी पहेन रखी थी जिसका पल्लू हटा हुआ था और ब्लाउस के उपेर से रूपाली छाती दबा रही थी. रूपाली ने अपनी एक नाइटी पहेन रखी थी.

थोड़ी देर बाद रूपाली ने खुद ही अपना दूसरा हाथ उठाया और कल्लो की दूसरी छाती पर रख दिया.

"आआहह मालकिन" कल्लो ने आह भारी "कितना मज़ा आ रहा है. जादू है आपके हाथों में, मसल डालो मेरी चूचियाँ"

रूपाली के दिमाग़ में फिर वही सवाल उठा के भला यूँ चूचियाँ डबवाने में क्या मज़ा आ रहा है कल्लो को पर उस वक़्त उसने इस बात पर इतना ध्यान नही दिया. हक़ीकत तो ये थी के यूँ किसी दूसरी औरत के जिस्म को च्छुना उसको अच्छा लग रहा था.

अचानक कल्लो ने अपने हाथ भी अपनी छातियो के करीब लाई और कुच्छ करने लगी. पहले तो रूपाली को समझ नही आया पर अगले पल ही अंदाज़ा हो गया के कल्लो अपना ब्लाउस खोल रही थी. रूपाली ने अपने हाथ पिछे हटा लिए और अंधेरे में कल्लो की तरफ देखने लगी. ज़्यादा कुच्छ नज़र नही आ रहा था पर जब एक सफेद रंग का ब्रा नज़र आया तो रूपाली समझ गयी के कल्लो ने अपना ब्लाउस उतार दिया है.

कमरे में घुप अंधेरा था और उपेर से कल्लो खुद भी बिल्कुल काली थी. रूपाली के सामने जैसे सिर्फ़ एक सफेद रंग की ब्रा ही थी, और कुच्छ दिखाई नही दे रहा था.

"मुझे काले रंग की पसंद नही हैं" उसको कल्लो की बात याद आई.

कुच्छ पल बाद ही वो ब्रा भी अपनी जगह से हटी और बिस्तर पर जा गिरी. रूपाली जानती थी के अब कल्लो उपेर से पूरी नंगी बैठी है.

उसके बिना कल्लो के कुच्छ कहने का इंतेज़ार किए अंदाज़े से अपने हाथ फिर कल्लो के सीने की तरफ बढ़ाए. इस बार उसके हाथ में पूरी तरह से नंगी चूचियाँ आई.

कल्लो की चूचियाँ ऐसे गरम थी जैसे उसको बुखार हो रखा हो. रूपाली के ठंडे हाथ पड़ते ही रूपाली और कल्लो दोनो के जिस्म में करेंट दौड़ गया.

"आआहह छोटी मालकिन" अपने गरम जिस्म पर ठंडे हाथों के पड़ते ही एक पल के लिए कल्लो का जिस्म काँपा "दबाओ"

रूपाली को बताने की ज़रूरत नही थी. वो कल्लो के कहने से पहले ही उसकी चूचियो को इस तरह दबा रही थी जैसे उनमें से पानी निचोड़ने की कोशिश कर र्है हो. अब तक कल्लो उसके काफ़ी करीब आ चुकी थी और उसकी उखड़ी हुई साँसें रूपाली को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी.

अब तक दोनो की आँखें अंधेरे की आदि हो चुकी थी और रूपाली को हल्का हल्का सा नज़र आने लगा था. कल्लो ने अब भी अपनी सारी पहनी हुई थी पर उपेर से पूरी तरह नंगी रूपाली के सामने बैठी हुई थी. उसके. दोनो चूचियाँ रूपाली के हाथों में स्पंज बॉल्स जैसी लग रही थी जिन्हें रूपाली पूरी जान से दबा रही थी.

उसकी चूचियाँ को अंधेरे में निहारती रूपाली का ध्यान फिर एक बार उन बड़े बड़े निपल्स की तरफ गया. पिच्छली बार जब कल्लो ने वो निपल उसके मुँह में डाला था तो रूपाली बुरी तरह बिदक गयी थी और अब भी अगर कल्लो फिर कोशिश करती तो रूपाली शायद फिर घबरा जाती. चूचियाँ दबाते दबाते उसने अपने हाथ निपल्स पर सहलाए तो हैरान हो उठी. कल्लो के दोनो निपल्स इस तरहा से उठे हुए थे जैसे उनके अंदर हवा भर गयी हो.

रूपाली ने कई बार नहाते हुए अपने निपल्स पर हाथ लगाया था पर जहाँ तक उसको पता था, निपल्स दबे हुए और सॉफ्ट होते थे पर उस वक़्त कल्लो के निपल्स एकदम कड़क थे. रूपाली ने दोनो निपल्स को अपनी अंगुलियों के बीच लेकर दबाया.

ऐसा करते ही उसके करीब बैठी कल्लो एकदम आकर उससे सॅट गयी. उसने अपना चेहरा रूपाली के कंधे पर रख दिया और अपने दोनो हाथों रूपाली के पीठ पर रख कर उसको पकड़ लिया.

"जादू है आपके हाथों में ... जादू .. कितनी बार दबवाई हैं मैने पर ऐसा मज़ा कभी नही आया" उसके कंधे पर सर रखे रखे कल्लो ने कहा

क्रमशः........................................
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Sex Porn खूनी हवेली की वासना - by sexstories - 07-01-2018, 12:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,463,451 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,090 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,216,737 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,247 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,631,388 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,062,949 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,920,556 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,956,681 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,992,918 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,284 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)