RE: Hindi Sex Porn खूनी हवेली की वासना
खूनी हवेली की वासना पार्ट --49
गतान्क से आगे........................
"ख़ास कुछ नही सर" चंदर ने तोते की तरह सब रटना शुरू कर दिया. कुच्छ वो काग़ज़ पर लिखता और कुच्छ इशारे से समझाता "मैं उधर गेट पर ही बैठा था शाम से. ख़ास कुच्छ हुआ नही और ना ही कोई आया. फिर रात को जै बाबू गाड़ी लेकर आए और उनके अंदर आने के थोड़ी देर बाद ही शोर उठा तो मैं भागता हुआ अंदर पहुँचा. वहाँ सब जै बाबू को मार पीट रहे थे. वो पूरे खून में सने हुए थे तो मैं समझ गया था के कुच्छ तो हुआ है"
"क्या हुआ था?" ख़ान ने ऐसे पुछा जैसे के कुच्छ जानता ही ना हो
"बड़े साहब के कमरे का दरवाज़ा खुला पड़ा था और वो नीचे ज़मीन पर पड़े हुए थे"
"ह्म्म्म्ममम" ख़ान ने कहा "फिर तूने क्या किया?"
"क्या करता साहब. नौकर आदमी हूँ. वहीं खड़ा देखता रहा बस"
ख़ान ने एक नज़र चंदर को उपेर से नीचे तक देखा. उसको देख कर कोई उमर का अंदाज़ा नही लगा सकता था. शकल सूरत से वो अब भी 16 साल का बच्चा ही लगता था. कद काठी भी किसी बच्चे के जैसी ही थी.
"देख चंदर" ख़ान आगे को झुकते हुए बोला "सब कुच्छ साफ साफ बता दे अगर कुच्छ जानता है तो वरना ठाकुर साहब के खून के इल्ज़ाम में मैं तुझे ही फसाने वाला हूं. काफ़ी सबूत हैं मेरे पास"
"मुझे क्यूँ?" चंदर ने इशारे से पुछा. उसकी आँखों में ख़ौफ्फ साफ दिखाई दे रहा था.
"तेरे माँ बाप" ख़ान ने मुस्कुराते हुए कहा "गाओं में हर कोई जानता है के वो ठाकुर की गोली का ही निशाना बने थे"
"वो जलकर मरे थे" चंदर ने काग़ज़ पर लिखा.
"मरे तो ठाकुर की वजह से ही थे ना. पूरे गाओं के ये बात पता है तो तुझसे बेहतर कौन हो सकता है जिसके पास ठाकुर को मारने की वजह हो? अपने मरे हुए माँ बाप का बदला लेने की खातिर घर के नौकर ने मालिक का खून कर दिया, हर कोई मान लेगा"
"मुझे देख कर आपको लगता है के कोई भी ये कहेगा के मैं किसी का खून कर सकता हूँ?" चंदर ने भी काग़ज़ पर लिखा. उसका इशारा अपने अपाहिज होने की तरफ था.
"तुझे देख कर तो बेहेन्चोद कोई ये भी नही कह सकता के तू अपनी माँ के जैसी औरत को चोद रहा है. उस औरत को जिसने तुझे माँ बनकर पाला" ख़ान ने सीधा वार किया.
चंदर के चेहरे का रंग साफ तौर पर उड़ गया. हैरत से उसकी आँखें फेल्ती चली गयी.
"किसने बताया आपको?" उसने इशारा किया
"बिंदिया और उसी ने मुझे बताया के तेरे माँ बाप को ठाकुर ने मारा था" ख़ान झूठ बोल गया और उसका झूठ काम कर गया.
"साली कुतिया" चंदर जैसे फॅट पड़ा और काग़ज़ पर ऐसे लिखने लगा जैसे एग्ज़ॅम में बैठा पेपर दे रहा हो और टाइम ख्तम होने वाला हो "मैने नही चोदा था उसको, मैं तो बच्चा था उस वक़्त. खुद आई थी मेरे पास. और फिर साली हवेली में जाकर ठाकुर से भी चुदी और खुद तो क्या अपनी बेटी को भी ठाकुर से चुदवा दिया"
और अगले ही पल चंदर को एहसाह हो गया के वो गुस्से में बहुत ज़्यादा कह गया गया.
"पायल?" ख़ान ने सवालिया अंदाज़ में उसकी तरफ देखा.
चंदर चुप रहा. ख़ान ने अपना सवाल फिर दोहराया पर चंदर ने फिर भी कोई हरकत नही की.
"शर्मा" ख़ान ने ऊँची आवाज़ में कहा "अंदर डाल दे इस साले को और चार्ज शीट बना ठाकुर साहब के खून के इल्ज़ाम में"
"हां साहब" चंदर ने फ़ौरन फिर से कलम पकड़ लिया "ठाकुर माँ बेटी दोनो को चोद्ता था. पहले बिंदिया को चोद रहा था और फिर जब उसकी नज़र जवान होती पायल पर पड़ी तो माँ ने खुद अपनी बेटी को उसके बिस्तर तक पहुँचा दिया. और आपको क्या पता साहब, साली ने ठाकुर पर एक जवान बच्ची घर में काम करने वाली लड़की को चोदने का दबाव डालकर थोड़ी प्रॉपर्टी भी पायल के नाम करा दी थी. हर रात पायल चाइ की ट्रे लेकर ठाकुर के कमरे में चुदने जाया करती थी और उस वक़्त उसकी माँ बाहर खड़ी पहरा देती थी. अगर किसी ने ठाकुर को मारा है साहब तो उन माँ बेटी ने ही मारा है"
ख़ान की आँखें चमक उठी. यानी बिंदिया प्रॉपर्टी में पायल के हिस्से के बारे में जानती थी और चंदर को भी ये बात बताई थी.
और ठाकुर, उस रात शर्तिया उसके साथ पायल ही सोई थी.
चंदर के जाने के बाद ख़ान ने सेंट्रल जैल फोन मिलाया.
"तुम्हारी गाड़ी कहाँ है?" जै फोन पर आया तो उसने पुछा
"आप भूल रहे हो ख़ान साहब के उस रात के बाद मैं सिर्फ़ पोलीस की गाड़ियों में घूम रहा हूँ. मेरी गाड़ी तो वहीं हवेली के बाहर ही खड़ी है"
"तुम्हें नही लगता के तुम्हें पुरुषोत्तम, पायल और कामिनी से भी बात करनी चाहिए?" किरण ने ख़ान से कहा. वो दोनो फोन पर बात कर रहे थे.
"नही उससे खेल बिगड़ सकता है. उनके खिलफ़्फ़ मेरे पास कुच्छ भी नही जिसको लेकर मैं उनपर दबाव डाल सकूँ और सीधा सीधा बात करने गया तो दबाव मेरे उपेर आएगा के मैं जल्द से जल्द केस ख़तम करूँ"
"ह्म्म्म्ममम" किरण बोली "तो किस पर शक है तुम्हें?"
ख़ान आराम से अपने बिस्तर में घुस कर लेट गया. रात के 11 बज रहे थे और अब ये उसका रोज़ का रुटीन था के सोने से पहले 2 घंटे कम से कम वो किरण से बात करता था. वो चंदर के साथ हुई बात के बारे में सब किरण को बता चुका था.
"इस वक़्त तो देखो सब पर है बट इट प्रेटी मच कम्ज़ डाउन टू दीज़ पीपल.
1. पुरुषोत्तम - इसके पास वजह है. अपनी माँ के साथ जो कुच्छ हुआ था वो देख कर इसने ठाकुर से कई साल तक बात नही की. वसीयत ठाकुर बदल रहा था और ऐसा बिल्कुल हो सकता है के पुरुषोत्तम को लगा हो के उसका नाम हटा दिया जाएगा. मौका उस वक़्त सही मिला हो तो इसने खून किया हो सकता है.
2. कुलदीप - घर की नौकरानी के साथ प्यार था और उससे शादी करना चाहता था. ठाकुर ऐसा बिल्कुल ना होने देता. और दूसरे उससे बड़ी बात ये के अगर इसको ये पता है के इसका बाप इसकी प्रेमिका के साथ सो रहा था तो गुस्से में ये सोच कर के ठाकुर ने बेचारी नौकरानी के साथ ज़बरदस्ती की इसने ये काम किया हो सकता है.
3. कामिनी - इंदर से प्यार करती है और भाग जाना चाहती थी. बाप ऐसा होने नही दे रहा था और आइ आम शुवर वो जानती थी के वो भाग कर कहीं भी जाए, ठाकुर जैसा दबंग और रसूख वाला आदमी इसको ढूँढ कर वापिस ज़रूर लाएगा. इंदर के साथ मिल कर इसने ये काम किया हो सकता है.
4. इंदर - वही वजह जो कामिनी के पास थी. प्रेमिका के साथ मिलकर उसके बाप का खून एक आसान रास्ता लगा हो सकता है इसे.
5. बिंदिया - ये चंदर कहता है के इसकी मर्ज़ी से पायल ठाकुर के साथ सो रही थी पर क्या अगर ये हुआ होता के इसको पता ही नही था के ठाकुर इसकी बेटी के साथ सो रहा है? क्या ये गुस्से में ऐसा कर सकती है? मैं इससे पुछ्ना चाहता था पर फिर मैने सोचा के कौन माँ इस बात पर हामी भर देगी के उसने अपनी मर्ज़ी से अपनी बेटी को अपने आशिक़ के बिस्तर पर पहुँचा दिया? ये तो ऑफ कोर्स मना ही करेगी.
6. चंदर - ठाकुर ने इसके माँ बाप को मारा, फिर उस औरत के साथ सोया जिसके साथ ये बचपन से सो रहा था. इससे ज़्यादा वजह क्या हो सकती है?
7. पायल - कुलदीप से शादी करना चाह रही थी पर ठाकुर के साथ भी सो रही थी. इसकी लाइफ में कॉंप्लिकेशन्स बहुत ज़्यादा थे और छुटकारा पाने के आसान रास्ता, ठाकुर का खून.
8. रूपाली - इसके पास सीधी वजह कोई नही है पर थियरीस में सबसे ज़्यादा इसी के पास हैं. अपने भाई की शादी के लिए खून किया हो सकता है, अपने पति की जायदाद के लिए किया हो सकता है और सबसे बड़ी बात, ठाकुर थर्कि था तो हो सकता है के अपनी बहू पर लाइन मारी हो जिसका नतीजा ये निकला.
"ह्म्म्म्मम" किरण समझते हुए बोली "और इन सब थियरीस के पिछे की थियरी?"
"गुलाबी सूट" ख़ान ने कहा
"गुलाबी सूट?"
"हां. 2 जोड़ी एक गुलाबी सूट जो एक दूसरे के जैसे ही दिखते हैं. एक रूपाली के पास था जो की उसने पायल को दिया था और दूसरा कामिनी के पास"
"ओके आंड वॉट अबौट इट?"
"पुरुषोत्तम को तो पता होगा ही के उसके बीवी के पास गुलाबी सूट है. उसने उस रात एक लड़की को उस सूट में ठाकुर के कमरे से बाहर आते देखा. सोचो अगर उसको ये लगा हो के कमरे से बाहर आने वाली उसकी बीवी थी"
"तो उसने अपने बाप को मारा हो सकता है" किरण समझते हुए बोली
"सोचो उस सूट में अगर कुलदीप ने पायल को कमरे से बाहर आते देखा हो?"
"ह्म्म्म लॉजिक है" किरण बोली "सो वाट्स नेक्स्ट?"
"मुझे एक आखरी चीज़ें पता करनी हैं. एक तो ठाकुर का बाथरूम आखरी बार देखना है और दूसरा पता करना है के हवेली में मौजूद 2 प्रेमी जोड़ो में से किसी ने शादी तो नही कर रखी"
"उससे क्या होगा?"
"अगर शादी ऑलरेडी कर रखी है तो डेस्परेशन में खून किए होने की वजह काफ़ी मज़बूत हो जाती है. अगर कुलदीप और पायल ने शादी कर रखी थी तो प्रॉपर्टी के लालच में दोनो माँ बेटी किसी ने भी खून किया हो सकता है. अगर इंदर और कामिनी ने शादी कर रखी थी और ठाकुर को ये बात पता लग गयी हो तो शायद उनमें से किसी ने कर दिया हो"
"और ठाकुर के बाथरूम में क्या देखने जा रहे हो?"
"बाथरूम का भी एक फंडा है. बताऊँगा बाद में" ख़ान हस पड़ा
"ओके" किरण हस्ते हुए बोली "अब खून और खूनियों को छ्चोड़कर हम अपने बारे में भी कुच्छ बात कर लें?"
"जी बिल्कुल" ख़ान ने फ़ौरन हामी भरी "आक्च्युयली मैं शर्मा के बारे में सोच रहा था. कम्बख़्त को सुबह शहर भेजा था मॅरेज ब्यूरो में पता करने के लिए और अब तक लौटके नही आया. फोन ट्राइ कर रहा हूँ पर वो भी नही लग रहा"
और अगले दिन सुबह जब ख़ान की आँख खुली तो उसके अपने सवाल का जवाब मिल गया. फोन बजा तो वो नींद से जगा. रिसीव किया तो हेडक्वॉर्टर्स से कॉल थी.
खबर शर्मा की मौत की थी.
उसकी लाश शहर में एक गार्डेन में मिली थी.
उसने अपने आपको गोली मारकर स्यूयिसाइड किया था.
शर्मा की मौत को एक हफ़्ता हो चुका थे और पोस्ट मॉर्टेम के बाद उसका क्रिया-करम भी किया जा चुका था. पोलीस ने उस केस को ख़ान के लाख हाथ पावं मारने पर भी स्यूयिसाइड मानकर बंद कर दिया था.
जै के केस की पहली डेट आ चुकी थी. ख़ान के पास ना तो अब वक़्त था और ना ही कोई ऐसा सुराग जिससे वो शर्तिया तौर पर किसी को अरेस्ट कर सके. सस्पेक्ट तो बहुत थे पर पुख़्ता तौर पर ये नही कहा जा सकता था के खून किसने किया.
इस पूरी पहेली में उसके पास एक आखरी सुराग ही बचा था और उसी की आस पर वो सुबह सुबह हवेली जा पहुँचा.
"इसन्त इट ए लिट्ल अर्ली टू विज़िट सम्वन?" पुरुषोत्तम के उसको देखते हुए कहा
"आइ आम नोट हियर टू विज़िट एनिवन" ख़ान उस वक़्त किसी ठाकुर के दबाव में आने के बिल्कुल मूड में नही था. शर्मा की मौत का उसको बहुत सख़्त अफ़सोस था.
"देन वाइ आर यू हियर?"
"इन्वेस्टिगेटिंग ए मर्डर" ख़ान ने सख़्त आवाज़ में जवाब दिया "युवर फादर'स मर्डर"
"मुझे समझ नही आता के खूनी ऑलरेडी पोलीस की हिरासत में है तो इस तरह से हमें परेशान करने का क्या मतलब बनता है?"
और ख़ान के सबर का बाँध जैसे टूट गया.
"लिसन" वो आगे बढ़ता हुआ पुरुषोत्तम के इतना करीब होकर खड़ा हो गया के दोनो एक दूसरे की साँस अपने चेहरे पर महसूस कर सकते थे "कोई तब तक खूनी नही है जब तक के अदालत का फ़ैसला नही आ जाता और अदालत के फ़ैसला सुनने में अभी काफ़ी वक़्त बाकी है. जब तक ऐसा हो, मुझे अपने काम करने दें"
अचानक दोनो के बीच एक तनाव सा आ गया. लग रहा था के कोई एक बस हाथ उठाने वाला ही है.
क्रमशः........................................
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