RE: Hindi Sex Porn खूनी हवेली की वासना
खूनी हवेली की वासना पार्ट --54
गतान्क से आगे........................
ख़ान ने भी मुस्कुराते हुए हां में सर हिलाया.
"तो ये रूपाली का क्या किस्सा है?" उसने जै से पुछा
"कॉलेज के ज़माने का किस्सा है" जै ने जवाब दिया
"ओह" ख़ान समझते हुए बोला "तो वो आप जनाब ही थे जिससे रूपाली का चक्कर चल रहा था शादी से पहले"
"यस" जै ने कहा "जब वो प्रेग्नेंट हुई तो उसके बाप को पता चल गया के बच्चे का बाप ठाकुर शौर्या सिंग का बेटा था, यानी की मैं, पता उन्हें लगा पुरुषोत्तम"
"और इसलिए उसकी शादी पुरुषोत्तम से हो गयी. दोनो के बाप ने एक दूसरे से बात करी और चुप चाप शादी करा दी. यानी के पुरुषोत्तम को आज तक नही पता के रूपाली से उसकी शादी इसलिए हुई थी क्यूंकी तुम उसके साथ इन्वॉल्व्ड थे. ऑफ कोर्स, प्रेग्नेन्सी वाली बात उठी ही नही, रूपाली के पिता को लगा के वो ठाकुर के बेटे के साथ इन्वॉल्व्ड थी इसलिए रिश्ता पुरुषोत्तम से करा दिया गया"
"यू आर राइट" जै बोला
"इसपर रूपाली ने क्या कहा?"
"क्या कह सकती थी" जै बोला "हम दोनो अपना मुँह खोल ही नही सकते थे इसलिए चुप रहे. सोचा के वो आ तो हवेली ही रही है तो मिलते रहेंगे. पर फिर मेरी शादी किरण के साथ करा दी गयी. पहले पहले तो मुझे किरण से नफ़रत ही थी बट देन आइ स्लोली फेल्ल फॉर हेर, माइ ओन वाइफ"
"वाउ" ख़ान ने कहा "सो लेट मी गेट दिस स्ट्रेट. तो हुआ कुच्छ यूँ था .....
"कॉलेज में तुम्हें रूपाली मिली" ख़ान के जै से कहना शुरू किया "तुम दोनो का चक्कर चला, वो प्रेग्नेंट हुई और कन्फ्यूज़ होकर उसके माँ बाप ने उसकी शादी तुम्हारी जगह पुरुषोत्तम से करा दी. फिर तुम्हारी शादी किरण से हो गयी"
"नही थोड़ा सा ग़लत हो गया" जै ने खुद ही बताना शुरू कर दिया "पहले मेरी शादी किरण से हुई, फिर ठाकुर को मेरे और अपनी बीवी के बारे में पता चल गया जिसके चलते मुझे हवेली से निकाल दिया गया और चाची को सीधी से धक्का दे दिया. फिर उसके बाद रूपाली और पुरुषोत्तम की शादी हुई"
"ओके" ख़ान ने कहा "बोलते रहो"
"दौलत तो मुझे मिली नही पर मैं और किरण शहर आ गये और नयी लाइफ शुरू की. कुच्छ पास्ट मेरा था, कुच्छ इसका और हम दोनो ने ही उसको भूलना बेहतर समझा. नयी लाइफ शुरू हुई आंड वी बोथ फेल्ल फॉर ईच अदर"
"नाइस" ख़ान ने ताना सा मारा
"अब आता हूँ उस शाम की बात पर जबकि खून हुआ था. मैं और किरण लोंग ड्राइव पर निकले थे. गाड़ी चलाते चलाते हम गाओं तक ही आ पहुँचे और ठीक उसी टाइम मेरे फोन पर रूपाली की कॉल आई. जिस वक़्त चाची ने चाचा पर स्क्रू ड्राइवर से वार किया था उस वक़्त रूपाली खिड़की पर ही खड़ी थी. उसने वो वार होते देख लिया था आंड फॉर सम रीज़न, सबसे पहले उसने कॉल मुझे की. यू नो मैं अब भी उससे कभी कभी बात कर लेता था. वो आज तक प्यार करती है मुझे"
"लकी मॅन" ख़ान ने फिर ताना मारा
"खैर, उसका फोन आया के चाची ने ठाकुर साहब का खून कर दिया है. मैं वहाँ सिर्फ़ मौत में शामिल होने गया था, और कोई वजह नही थी पर जब वहाँ मैं और किरण पहुँचे, तो माजरा ही कुच्छ और था. मौत तो हुई ही नही थी. चाची बाहर बैठी थी. मैने किरण को गाड़ी में ही छ्चोड़ा और चाचा के कमरे में पहुँचा"
"और वहाँ पहुँचकर तुमने देखा के वार तो उनपर किया गया था पर वो मरे नही थे" ख़ान ने बीच में कहा
"राइट पर काफ़ी खून बह गया था उनका. कमज़ोर लग रहे थे जिसका फायडा मैने उठाया. जानलेवा वार उनपर मैने किया था" जै ने कहा
"वहीं सबकी नाक के नीचे तुमने खून किया, जबकि हवेली में इतने लोग मौजूद थे. तुम्हें लगा था के खून करके तुम शोर मचा दोगे और ठकुराइन फस जाएगी क्यूंकी पहली चोट उन्होने दी थी"
"राइट" जै ने कहा
"और इसीलिए आप मोह्तर्मा" ख़ान किरण की तरफ घूमा "मुझे वो पट्टी पढ़ा रही थी के. वो खून के 4 फनडस वाली, मकसद, मौका, ताक़त और पता नही क्या क्या वाहियात. आप सिर्फ़ मेरा दिमाग़ घुमाने की कोशिश कर रही थी क्यूंकी खून आपके पति ने किया था और उसने सोच समझ कर नही, उस वक़्त बिना सोचे समझे एक कमज़ोर लम्हे में खून कर दिया था"
"आक्च्युयली शराब भी पी हुई थी मैने इसलिए काफ़ी नशे में था" जै ने बात जोड़ी
"एस. तुमने बिना सोचे समझे खून कर दिया जिसके चलते अगर मैं ना होता तो शायद तुम फस भी जाते. मेरा शक तुम्हारी तरफ ना जाए इसलिए किरण ने मेरे दिमाग़ में ये बात घुसाई के खून बहुत सोच समझकर की जाने वाली चीज़ है. आप यू ही किसी के घर में घुसके सबके बीच खून नही कर देते"
"यू आर राइट अगेन" जै फिर से एक पेग बनाता हुआ बोला "खैर, वार तो मैने कर दिया पर बात तब खराब हो गयी जब मुझसे पहले उस साली नौकरानी ने शोर मचा दिया. मैने खून खून कहके ठकुराइन की तरफ इशारा करना था पर उस साली रंडी ने चिल्ला चिल्ला कर मेरी तरफ इशारा कर दिया"
"और सबने तुम्हें मारना शुरू कर दिया" ख़ान ने आगे बात जोड़ी "किरण उस वक़्त भी बाहर कार में बैठी थी. इसने पोलीस स्टेशन के नंबर पर फोन मिलाया. फोन बजा पर क्यूंकी रात हो चुकी थी तो थाने में किसी ने उठाया नही. कॉल फॉर्वर्डिंग सर्विस ने वो कॉल मेरे नंबर पे फॉर्वर्ड कर दी. ऐसा ही हुआ था कुच्छ?"
"जब हम पोलीस स्टेशन के सामने से उस शाम गुज़रे थे तो बाहर वो बोर्ड लगा देख लिया था के 24 घंटे आप पोलीस की मदद के लिए इस नंबर पे फोन कर सकते हैं. वो नंबर मुझे याद था और वही मैने घुमा दिया" किरण ने कहा
"उसके बाद तू आया, मुझे बचाया और फिर अरेस्ट कर लिया. मुझे तो लगा था के फस गया मैं पर फिर पता नही क्यूँ तू मुझे बचाने आ गया" जै ने कहा
"और फिर जब तुमने ये बात अपनी बीवी को बताई तो उसने तुम्हें बताया के जो इनस्पेक्टर तुम्हें बचाना चाहता है वो तो आक्च्युयली उसका पुराना आशिक़ है. इसलिए तुमने उसे फिर मेरे पास भेज दिया ताकि मेरा शक़ तुम्हारी तरफ ना घूमे और तुम्हें पता चलता रहे के मैं क्या इन्वेस्टिगेट कर रहा हूँ"
"और इसलिए भी के किरण के ज़रिए मैं धीरे धीरे तेरी इन्वेस्टिगेशन में मदद भी करता रहूं" जै ने कहा "वैसे एक बात बता, तुझे पता कैसे चला के ये मेरी बीवी है?"
"शर्मा को मॅरेज ब्यूरो भेजा था मैने" ख़ान ने बताया "इस उम्मीद पर के कुलदीप और पायल या इंदर और कामिनी की शादी का पता चल जाए. शर्मा मुझसे एक कदम आगे निकला. उसने वहाँ जाकर ठाकुर के पूरे खानदान के शादी के रेकॉर्ड्स निकाल लिए. और वहाँ उसको तुम्हारी और किरण की शादी के रेकॉर्ड्स मिले. दूसरी बात जो उसको उस दिन पता चली वो ये थी के रूपाली और पुरुषोत्तम ने डाइवर्स क्लेम फाइल किया हुआ था. ये दोनो डॉक्युमेंट्स उसने मुझे उस दिन फॅक्स किए पर क्यूंकी मेरी फॅक्स मशीन बंद थी इसलिए ये मुझे आज मिले"
थोड़ी देर के लिए सब चुप रहे.
"तुमने मारा था उसे?" ख़ान ने किरण से पुछा
"किराए के गुंडे थे यार" जवाब जै ने दिया
"मैं उस दिन कुच्छ काम से मॅरेज ब्यूरो गयी थी और मुझे वहाँ शर्मा मिल गया. कुच्छ अजीब तरीके से रिक्ट कर रहा था. कुच्छ पेपर्स थे उसके हाथ में"
"जो कि हमारी शादी के पेपर्स थे. इसने मुझे फोन किया, मैने इसको एक किराए के गुंडे का नंबर दिया" जै ने कहा
"और इसने फोन करके वो गुंडे शर्मा के पिछे लगा दिए जिन्होने उसको इस तरह से मारा के स्यूयिसाइड लगे. और क्यूंकी तुम उसके साथ थी, इसीलिए शर्मा मुझे फोन पर सब कुच्छ नही बता सकता था, बस ये डॉक्युमेंट्स फॅक्स कर दिए जो अफ़सोस के मुझे टाइम पर नही मिले"
"राइट अगेन" जै ने कहा
"तुमने रूपाली को भी ऐसी ही कोई कहानी सुना रखी है? के तुम शादी करोगे उससे?" ख़ान ने पुछा
"बिल्कुल" जै ने कहा "आक्च्युयली तेज को मारने का प्लान तो मेरा और रूपाली का बहुत पहले का था. वो साला थर्कि जानता था के पुरुषोत्तम अपनी बीवी को बिस्तर पर खुश नही कर सकता इसलिए वो खुद अपनी भाभी के चक्कर में था. रूपाली घास नही डालती थी"
"और फिर वो उस दिन जैल में तुमसे मिलने पहुँची. जान कर वो गाड़ी कामिनी की लाई थी जिससे किसी को उसपर शक ना हो और हुआ भी ऐसा ही. मैने उसको दूर से देखा और गाड़ी कामिनी की देखी तो मुझे लगा के कामिनी तुमसे मिलने आई है"
"बिल्कुल" जै ने कहा "प्लान मेरा और रूपाली का बहुत लंबा था पर सही मौका नही मिल पा रहा था. उस दिन रूपाली घूमने के बहाने तेज के साथ बाहर निकली, नशे की हालत में उससे वसीयत पर साइन कराए और नहर में धक्का देकर वापिस आ गयी"
"स्वीट" ख़ान बोला "तो ये तुम्हारा ओरिजिनल प्लान था दौलत हासिल करने का. इरादा तेज को मारने का था तो उस दिन ठाकुर को क्यूँ टीका दिया?"
"साफ सी बात है यार. अगर तेज दौलत मेरे नाम करके मर जाता तो तुम्हें लगता है के वो बुड्ढ़ा ठाकुर अगर ज़िंदा होता तो ऐसा होने देता? उसका मरना तो बहुत ज़रूरी था"
"यस. यू आर राइट"
"फिर से आते हैं उस शाम की बात पे. जब पायल ने शोर मचाया तो तू फस गया. किरण ने मुझे फोन किया और मैं वहाँ पहुँचा. तो तूने उस वक़्त क्यूँ नही बताया के ठाकुर पर पहला वार ठकुराइन ने किया था?"
"अगर बता देता तो 10 सवाल और उठ जाते के मुझे कैसे पता, अगर मुझे पता था तो मैं वहाँ क्या करने गया था, किसने बताया था मुझे और सबसे बड़ी बात, ठकुराइन व्हील चेर पर बैठी एक कमज़ोर औरत थी. कौन मानता मेरी बात? और फिर बुढ़िया भी तो साली स्यानी निकली. खुद भी अपने मुँह से बोली नही के उसने भी ठाकुर पे वार किया था"
"शुरू मैं अगर तू मुझे बताता तो शायद मैं भी नही मानता" ख़ान बोला "पर हां, आख़िर में उसने चुप चाप अपना जुर्म मान लिया ये सोच कर के ठाकुर को उसने मारा है. उस बेचारी को क्या पता के मारा तो असल में उसके बाद तुमने था. वैसे चंदू और बिंदिया के बारे में तुझे रूपाली ने बताया था ना? जो बाद में तूने मुझे ये कहकर बताया था के तूने खुद कई बार उन्हें साथ देखा है?"
जै ने हां में सर हिलाया. तब तक ख़ान ने अपनी जेब में हाथ डाला और रेवोल्वेर बाहर निकली.
"लेट्स गो देन" उसना दरवाज़े की तरफ इशारा किया
"वेर?" जै बोला
"टू दा जैल" ख़ान ने कहा "जहाँ से तुझे मैने निकाला था"
"और तुझे ऐसा क्यूँ लगता है के मैं तेरे साथ चल भी लूँगा?"
"देख कुच्छ करना मत जै वरना तुझे गोली मारने में मुझे ज़रा भी अफ़सोस नही होगा. इस फार्महाउस को चारों तरफ से पोलिसेवालो ने घेर रखा है. अब तक कुच्छ पोलिसेवालो ने रूपाली को भी तेज के मर्डर केस में अरेस्ट कर लिया होगा क्यूंकी यहाँ आने से पहले कुच्छ को भेज कर आया था मैं"
जै के चेहरे पर गुस्सा धीरे धीरे नज़र आने लगा था
"तेरा खेल ख़तम हो गया जै. जैल के अंदर बैठ कर जो खेल तू खेल रहा था वो था तो बहुत खूब पर उसमें ग़लती से मैं शामिल हो गया. तू था खेल का मास्टर माइंड और हम तो बस तेरे हाथों की कठपुतलियाँ थे जो तेरी ही सोच के अनुसार चल रहे थे. पर अब और नही ......"
अचानक अब तक चुप चाप खड़ी किरण ने कुच्छ हरकत की. उसके हाथ में पिस्टल जैसी कोई चीज़ ख़ान को नज़र आई. फ़ौरन ही जिस गन का निशाना जै की तरफ था, वो किरण की तरफ घूमी, एक गोली की आवाज़ गूँजी और अगले ही पल किरण ज़मीन पर पड़ी थी.
"किरण" ख़ान ज़ोर से चिल्लाया और फ़ौरन आगे बढ़कर किरण को थाम लिया.
मौका देख कर जै गेट की तरफ भागा पर ख़ान ने उसको रोकने की कोई कोसिश नही की क्यूंकी बाहर खड़े 10 पोलिसेवाले जै के बाहर आने का ही इंतेज़ार कर रहे थे.
"किरण ... किरण" ख़ान ने नीचे बैठते हुए उसके गाल को धीरे से थपथपाया पर उसकी किरण की आँखों से ज़िंदगी की रोशनी कब की ख़तम हो चुकी थी.
बाहर से कुच्छ गोलियाँ चलने की आवाज़ आई. और फिर जाई की दर्द भारी चीख सुनाई दी.
दोस्तो इस तरह खूनी हवेली की वासना से भरी हुई इस मिस्ट्री के सारे राज खुल गये दोस्तो आप को कहानी कैसी लगी ज़रूर लिखना आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
दा एंड
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