RE: Vasna Sex Kahani बदनाम रिश्ते
गतांक से आगे.....................
दोनों अब जम के उत्तेजित थे. वह बोला "मम्मी कच्छी भी उतार दे." वह उसकी ओर देख कर बोली "तू अपना लंड बाहर निकाल." वह बोला "ठीक है, तू मेरा लंड देख़" उसने फ़िर अपने पैंट की ज़िप खोली और अपना एक फ़ुट लंबा मोटा लंड बाहर निकाल लिया.
उसका मस्त लंड देखकर उसकी मां ने हाथ बढ़ाकर लंड हाथ में ले लिया और बोली "बड़ा भारी लौड़ा है तेरा. देख कैसा तोप की नाल की तरह खड़ा है" वह बोला "मम्मी इसको अपनी चूत तो दिखा." उसकी मां खड़ी हो गयी और अपनी पैंटी भी उतार दी. उसकी फ़ूली सूजी हुई चूत अब उसके बेटे की आंखों के सामने थी और वह उसे बड़ी भूखी नजर से देख रहा था. उसकी जांघों के बीच उसका लंड अब और तन्ना रहा था. मां ने उसके चेहरे की ओर देख कर कहा "हाय बेटे तेरा लंड खड़ा हो गया है."
उसने अपने मचलते लंड को देखा और फ़िर मां के चेहरे को तकने लगा. फ़िर बोला "मम्मी मेरे लंड को तेरी चूत चाहिये." मां की कलाई पकड़ कर खींच कर उसने अपनी मां को गोद में बिठा लिया और फ़िर उसका बांयां स्तन पकड़ कर दबाते हुए बोला "मम्मी मरवाएगी?" उसकी मां हल्के से बोली "अपनी मां की चूत मारेगा?" मेरे मित्र ने अपनी मां की बुर मे उंगली करनी शुरू कर दी. फ़िर उसे खाट पर पटक कर उसकी जांघें खोलीं और अपना मुंह मां की बुर पर रख दिया.
फ़िर मुंह खोल कर मां की चूत चूसने लगा. कुछ ही देर में मां मस्त हो गयी और उसे बोली "रुक बेटे, मैं तेरे लिये चूत ठीक से खोलती हूं, जरा खाट के किनारे मुझे बैठने दे." वह जमीन पर बैठ गया और मां खाट पर चढ़कर मूतने के अंदाज में जांघें फ़ैला कर बैठ गयी. फ़िर उसने अपने बेटे के कंधे सहारे के लिये पकड़ लिये और उसका मुंह खींच कर अपनी चूत पर दबा लिया. वह जोर जोर से मां की खुली हुई चूत चूसने लगा.
खुछ देर बाद बत्ती बंद हो गई. सब तरफ़ अंधेरा और सन्नाटा था. मैंने उसकी मां की धीमी आवाज सुनी. मां काफ़ी उत्तेजित लग रही थी. "बेटे मेरे साथ गांड खाने वाला काम करेगा?" वह मां की चूत रस ले लेकर चूसता रहा और कुछ न बोला. उसने फ़िर पूछा "हाय सुन मेरी गांड खा ना." वह धीरे से बोला "मां, पूरा खिलाएगी? या बीच में छोड़ देगी जैसा उस दिन किया था" उसने उत्तर दिया "हाय गांड पूरी खिलाऊंगी बेटा, खाएगा?"
वह अब मस्त होकर मुठ्ठ मार रहा था, बोला "मम्मी मौका है आज तुझे, पता है तान्त्रिक भी कह रहा था कि मां की गांड का माल खाने से आदमी पूरा मस्त हो जाता है. मां बता ना तूने तान्त्रिक के मुंह में टट्टी की थी ना."
वह बोली "हाय बेटे, वो तो साले सब गांड का माल खाते हैं. उनकी बात छोड़. तू खायेगा मां की गांड से?" मेरा मित्र बोला "मम्मी अपनी गांड आगे कर." उसकी मां ने टांगें फ़ैला कर अपना गुदाद्वार बेटे के मुंह के आगे कर दिया. वह मां की गांड चाटने लगा. उसका लंड बड़ा बुरी तरह से खड़ा था और मस्ती में वह मां की चूत भी चूस रहा था. "मां, खिला ना"
"सबर कर, सुबह खिला दूंगी, मेरे कमरे में आ जाना" उसकी मां बोली.
उन्हें चोदते हुए देख कर मैंने अपनी मां की चूत के बारे में सोचना शुरू किया. मैंने आज देखा था कि मां की बुर का छेद बड़ा है, जिसे भोसड़ा कहते हैं. मुझे मां का भोसड़ा आराम से ठीक से देखने की तीव्र लालसा थी. मैं भाग कर घर पहुंचा. दरवाजा खटखटाया तो मेरी प्यारी सुंदर छोटी बहन प्रीति ने दरवाजा खोला. वह आधी नींद में थी. मुझे दरवाजा खोल कर वह अपने कमरे की ओर सोने चल दी.
पीछे से मैंने उसके भरे हुए कसे कमसिन चूतड़ देखे तो मन ही मन धीरे से बोला "साली क्या मस्त गांड है तेरी मेरी प्यारी बहना. ठहर जा आज रात तेरी गांड में लंड दूंगा." मेरी बहन ने बड़े निर्दोष भाव से पीछे मुड़ कर पूछा "भैया कुछ कहा क्या."
मैं बोला "कुछ नहीं तू जा." मैं जानता था कि प्रीति को चोदने के लिये अभी वक्त था, पहले तो मुझे अपनी मां चोदना थी. मैंने अपनी बहन को पूछा "मम्मी कहां है?"
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