RE: Vasna Sex Kahani बदनाम रिश्ते
वह तपाक से मुड़ कर बोली "बाथरूम में भोसड़ा खोल के मूत रही है." मैं उसे देखने लगा. प्रीति मेरी ओर देखकर शैतानी से मुस्कराई और अपनी चूत पर हाथ रखकर बोली "यह मेरा भोसड़ा है भैया, आज मम्मी का भोसड़ा मारा है आपने खेत में, मेरा भी मार दो." मैंने उसकी ओर मुस्कराकर कहा "पहले मम्मी की चोद लेने दे, फिर तेरी मारूंगा. और भोसड़ा तो ममी का है, तेरी तो बुर है"
मैंने फ़िर ज़िप खोल कर अपना लंबा तगड़ा लंड उसे दिखाया और कहा "यह मेरा लंड देख रही है ना, यह साला पूरा तेरी चूत में दूंगा आज रात को"
वह मेरे खड़े लंड को देखकर चुप हो गयी. मैंने कहा "बहन, फ़िकर मत कर, मम्मी को चोद लेने दे, फ़िर आ के तुझे चोदता हूं" तभी मैंने देखा कि मां दरवाजे पर खड़ी थी. अभी अभी मूत कर आयी थी. मेरे लंड को देखकर बोली "बेटे, अपनी छोटी बहन को अपना लौड़ा दिखा रहा है?"
फ़िर मां मेरी छोटी बहन की ओर मुड़ कर बोली "तू क्या कर रही है खड़ी खड़ी, चल अपने भाई को अपनी चूत खोल कर दिखा". प्रीति शरमा कर हिचकिचा रही थी तो मां ने उसे डांटा. "चूत जल्दी से नंगी कर ना ऽ अपनी" फ़िर मां हमें बोली. "जब मैं छोटी थी ना तब मैं अपने भाई को अपनी चूत पूरी नंगी करके दिखाती थी."
अब तक मेरी बहन ने अपनी सलवार निकाल दी थी और अब चड्डी उतार रही थी. चड्डी उतार कर वह खड़ी हो गयी पर मां ने उसे डांट कर अपनी जांघें खोलने को कहा जिससे मैं ठीक से उसकी चूत देख सकूं. जैसे ही मेरी बहन ने अपनी जांघें खोल कर अपनी गोरी कमसिन चूत मुझे दिखाई, मेरा तन्नाकर और खड़ा हो गया. जब मां ने मेरा खड़ा लंड देखा तो बोली "हाय, भाई का खड़ा ना हो अपनी बहन की चूत देखकर, ऐसा कभी नहीं हो सकता है"
फ़िर मां बोली "जो लड़के अपनी मां बहनों की चोदते हैं, उनके लंड हमेशा टाइट रहते हैं." फ़िर वह बोली कि सिर्फ़ मैं ही पीछे रह गया था नहीं तो हमारे इलाके में परिवार में चुदाई तो आम बात थी. बाहर कोई नहीं जानता पर सब परिवार के लोग आपस में एक दूसरे को खूब चोदते हैं.
मैंने पूछा "मां. सच बता, मामाजी चोदते हैं तुझे?"
"तू तो जानता है बेटा. मेरा भाई तब से मुझे चोदता है जब मैं इतनी सी थी." मां ने कहा.
फ़िर मां मेरे पास आ कर बोली "बेटा, अब तो अपनी मां बहन को नंगी करके नचा दे" मैं अब बहुत उत्तेजित था और उन दोनों को कलाई पकड़ कर बेडरूम की ओर घसीटते हुए बोला "अच्छा! क्या तुम दोनों मेरे लिये नंगी होकर नाचोगी?" मां ने मुड़कर कहा "ठहर मैं घर के सारे दरवाजे बंद करके आती हूं, फ़िर तेरे सामने नंगी होकर ऐसे नाचूंगी कि तू मुझे रंडी कहेगा"
मां जब दरवाजा बंद करने गयी तो मेरी बहन मेरी ओर मुड़कर बोली "भैया, मेरी सब सहेलियों के भाइयों ने उनकी चूतें मार मार के खोल दीं हैं, वो तो सब बैठ के अपने भाइयों के लंड के बारे में बोलती हैं. पर भैया आपने मेरी चूत पहले क्यों नहीं मारी? मामाजी कितना चोदते हैं मां को हर रात, मुझे सब सुनाई देता है. तुम नहीं चोदोगे तो मैं मामाजी से चुदा लूंगी"
मैंने उसे बाहों में लेकर कहा. "सुन, आज तेरी चूत खोल दूंगा." वह बोली "भैया आज मेरे साथ गंदी गंदी बातें करो." मैंने कहा "जरा मां को तो आने दे" हम पलंग पर बैठ कर मां का इंतजार करने लगे. मां वापस आकर हमारे पलंग पर बैठ गयी, मैं बहुत खुश था. आज मैं एक साथ अपनी मां और बहन को चोदने वाला था.
मां आयी और बोली "ऐसे ही बैठा है लंड पकड़कर? मुझे तो लगा था कि अब तक तू प्रीति की ले चुका होगा."
"पहले तेरी लूंगा मां, फ़िर तेरे सामने प्रीति की खोलूंगा" मैंने लंड हाथ में लेकर कहा.
"हाय आज ली तो थी बेटा तूने खेत में! फ़िर पीछे से गांड भी ले ली थी. चल फ़िर से चोद ले मुझे" मां अपनी बुर को सलवार पर से रगड़ते हुए बोली. मैं मां का हाथ पकड़कर अंदर ले गया.
"प्रीति तू भी आ, मेरे बाद तेरी बारी है" मां ने कहा.
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