RE: Vasna Sex Kahani बदनाम रिश्ते
मां के कमरे में जाकर मैंने उससे कपड़े उतारने को कहा. मां ने सलवार का नाड़ा खोल दिया. उसकी सलवार नीचे गिर गयी. अंदर उसने कुछ नहीं पहना था.
"मां, कुरता भी निकाल दे, तेरे को नंगी देखूंगा" अपने लंड को पकड़कर मैं बोला.
मां मुझे तकती हुई बोली "हाय, बहन के सामने नंगी करेगा अपनी मां को"
"हां, मैं तो बहन के सामने मां को चोदूंगा. अब नखरे मत कर" प्रीति मेरे पीछे खड़ी थी. उसने अपनी कुरती उतार दी. मेरी छोटी बहन अब मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी थी.
"मां नखरा कर रही है भैया, तुम मेरी ले लो जल्दी से" मेरे लंड को पकड़कर वो बोली.
"प्रीति रुक, अभी देर है तुझे चुदने में" मां ने अपना कुरता उतार दिया. उसके भरे भरे मांसल स्तन अब मेरे सामने थे. उन्हें दबाते हुए मैंने मां को पूछा "बोल, गांड मरवायेगी या चुदवायेगी?"
"अभी तो चोद दे अपनी अम्मा को" मां ने कहा. अब तक गरमाकर वह अपनी फ़ुद्दी में उंगली कर रही थी.
भैया मां की चूत चाट लो. सब चाटते हैं अपनी मां बहन की चूत" प्रीति बोली. मां झल्ला कर बोली "अरे चोदने दे ना पहले, चाट तो कोई भी लेगा, तू कितना अच्छा चाटती है रोज"
मैंने प्रीति की ओर देखा "हां भैया, मां मुझसे फ़ुद्दी चुसवाती है, अब आप या मामाजी चोदने को नहीं रहोगे तो क्या करेगी? मुठ्ठ मारेगी?" प्रीति बोली.
मुझे तैश आ गया. लंड सनसना रहा था पर फ़ुद्दी चाटने की बात से मेरा सिर घूम रहा था. मां खाट पर बैठ गयी और अपनी बुर खोल दी. "ले देख ले, मरा जा रहा था ना अपनी अम्मा का भोसड़ा देखने को?"
मैंने मां की बुर को पास से देखा और फ़िर उसे लिटा कर मैंने अपना मुंह उसकी बुर के फ़ूले पपोटों पर लगा दिया और चाटने लगा.
"जायकेदार है ना भैया? मां की फ़ुद्दी का पानी मेरे को बहुत अच्छा लगता है ... सिर्फ़ चाटोगे या चूसोगे भी?" प्रीति मेरी ओर देखकर बोली.
"तू इधर आ प्रीति" मां ने उसे पास बुलाया, प्रीति को आगोश में लेकर वह उसे चूमने लगी "उसे मत सिखा प्रीति, मेरा बेटा है, मां की चूत अपने आप चाट लेगा. साला मादरचोद, कल को मां का मूत भी पीने बैठ जायेगा, ये बेटे सब जानते हैं, मां की बुर को खुश करने में इनको देर ना लगे बेटी"
"वो तो सब पीते हैं अम्मा, सुमन बता रही थी कि उसका भाई पानी नहीं पीता, खेत पर प्यास लगती है तो घर वापस आता है अपनी अम्मा का मूत पीने, उसने छुप कर देखा था" प्रीति अम्मा से चिपट कर उसकी चूंचियां दबा कर बोली.
"जो बेटे सच में अपनी अम्मा से प्यार करते हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं" कहकर मां मे मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा लिया.
मैं अपनी मां की फ़ुद्दी जीभ से चाट रहा था. प्रीति बोली "भैया, कितना चाटोगे, अब मुझे चोद दो ना"
"उसे परेशान न कर प्रीति. तू आ इधर" मां ने प्रीति को अपने मुंह पर बिठा लिया और उसकी चूत चूसने लगी. प्रीति मेरी ओर देखकर बोली "भैया, मां रोज चाट देती है मेरी. कहती थी कि जब तक भैया तुझे ना चोदने लगे, ऐसे ही चुसवा लिया कर मुझसे"
मैंने उठ कर प्रीति को अलग किया और मां की टांगों के बीच बैठ गया. अपना सुपाड़ा जब उसके पपोटों पर रखा तो मां बोली "हाय बेटा, ये तो सुबह से भी ज्यादा बड़ा हो गया है" मैंने मां की बुर में लंड घुसेड़ दिया और उसपर लेट गया. प्रीति उठकर गौर से देखने लगी.
"हाय अम्मा, तूने भैया का पूरा ले लिया ... इतना बड़ा"
"लंड की क्या बात है,इसको तो मैं पूरा ले लूं, यहीं से तो निकला था साला हरामी. अब चोद ना मेरे लाल!" मां ने सिसककर कहा. मैं मां को चोदने लगा. खाट चरमराने लगी. मां आंख बंद करके चुदवा रही थी. कूछ देर बाद आंखें खोलकर बोली "हां बेटा .... ऐसे ही ... और जोर से चोद ना" मैं जोर जोर से मां को चोदने लगा. मां ने मुझे अपने पैरों में जकड़ लिया. मैं झुक कर मां के होंठ चूमने लगा. प्रीति मां के बाजू में लेट गयी और उसके मम्मे दबाने लगी. बीच में मैंने उसका भी चुम्मा ले लिया.
दस मिनिट कस के चोदने के बाद मां की बुर ने पानी फ़ेक दिया. मैं उठ गया.
"अम्मा अब मैं." प्रीति मचल कर बोली.
"बेटी, तेरे भैया का लंड देख, कितना जम के खड़ा है, तू ऐसे मूसल से चुदवायेगी? तेरी पहली बार है, दरद होगा. एक बार झड़ जाने दे" अम्मा मुझे हाथ से पकड़कर खींचती हुई बोली.
"अम्मा, तू घोड़ी बन जा अब, पीछे से चोदूंगा तेरे को" मैं बोला.
"हां बेटा, चोद दे, गांड मारनी हो तो वो मार ले. प्रीति, तू मेरे सामने आ जा." मां बोली. प्रीति को पकड़कर उसका चुम्मा लिया और फ़िर नीचे बिठा कर कमर आगे कर दी.
"मां भोसड़ा और आगे कर ना, मेरी जीभ नहीं पहुंचती" प्रीति बोली.
"नखरे ना कर, चल हरामजादी, आज फ़ालतू बड़ बड़ कर रही है" कहके मां ने प्रीति का सिर अपनी चूत पर दबा लिया.
मैंने मां के चूतड़ एक हाथ की उंगलियों से फैलाये और फ़िर लंड अंदर डाल दिया. फ़िर खड़े खड़े मां की गांड मारने लगा. मां ने मेरे हाथ पकड़कर अपनी चूंचियों पर रख दिये और गर्दन मोड़ कर मेरे मुंह पर अपना मुंह रख दिया.
झड़ने के बाद मैंने लंड पुक्क से बाहर खींचा. प्रीति अब उठ कर खाट पर बैठ गयी थी और अपना मुंह पोछ रही थी.
अम्मा बोली "प्रीति मुंह खोल और तेरे भाई का लंड ले ले"
प्रीति देखने लगी.
"अरी चूस कर खड़ा कर दे जल्दी, तब तो चोदेगा तेरे को"
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