RE: Vasna Sex Kahani बदनाम रिश्ते
जवान बहन की चुदाई का मज़ा--1
दोस्तों, सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम राकेश है. मेरी उम्र 19 साल है. मैं पहली बार आप लोगों के सामने अपनी कहानी ला रहा हूँ. मुझे अपनी इस कहानी को बताते हुए थोड़ी शर्म भी आ रही है. पर जब मैंने देखा की मेरे जैसे कई भाई और बहन आपस में सेक्स कर चुके हैं तो मेरा भी हौसला बढ़ गया और मैंने भी सोचा की आप लोगों को सब कुछ बता दूँ जो की मेरे और मेरी सगी बहन के बीच में हुआ.
तो दोस्तों लीजिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ. मेरे घर पर मैं, मेरी बहन, मेरे मम्मी और डैडी चार लोग रहते हैं. मेरे मम्मी और डैडी दोनों सुबह काम पर चले जाते हैं और मैं और मेरी बहन कॉलेज और स्कूल. ओह ! मैं बताना भूल गया कि मैं बी ए फर्स्ट ईयर में हूँ और मेरी बहन नौवीं क्लास मैं पढ़ती है. मेरी बहन का नाम पूजा है. वो 16 साल की है. उसकी हाईट 5 फुट 1 इंच है. वो एकदम दूध की तरह गोरी और बहुत चिकनी है.
मेरा रंग भी गोरा चिट्टा है. मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच का है. जैसा की हर कहानी में होता है, मेरा भी अपनी बहन के बारे में कोई बुरा ख़याल नहीं था. पर एक दिन जैसे मेरी दुनिया ही बदल गयी. हुआ यूँ की मैं एक बार कॉलेज से जल्दी आ गया. मेरे पास घर की एक एक्स्ट्रा चाबी थी. मैं ताला खोल कर अंदर आ गया और देखा की घर पर कोई नहीं था. मेरे घर के पीछे एक लान था. वहां पर मैंने देखा की मेरी बहन पूजा और उसकी सहेली रेखा हँस हँस कर खेल रही थीं. लान की दीवारें ऊँची थीं और बाहर से कोई अंदर देख नहीं सकता था. रेखा के हाथ मैं पानी का पाईप था. वो पूजा पर पानी डाल रही थी. मेरी बहन बचने की कोशिश कर रही थी.
दोनों के बदन भीगे हुए थे और उन दोनों के मुम्मे साफ़ नज़र आ रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं छुप कर उन लोगों का खेल देखने लगा. कुछ देर के बाद वो एक दूसरे को किस करने लगीं और मुम्मे दबाने लगीं. थोड़ी देर के बाद पूजा ने रेखा के कपडे उतार दिए और उसके ऊपर चढ़ गयी. रेखा का रेशमी बदन देख कर मेरी सांस जहाँ की तहाँ अटक गई. मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था. उसका दूधिया बदन धूप में चमक रहा था. उसके मुम्मे बहुत कसे हुए थे और चूत पर एक भी बाल नहीं था. पूजा रेखा को लिप्स पर किस कर रही थी. उसका एक हाथ उसके मुम्मों पर था और दूसरे हाथ से वो उसकी चूत को मसल रही थी
अब रेखा नें मेरी बहन पूजा के कपडे उतारने शुरू किये. मैंने सोचा कि अब मुझे और नहीं देखना चाहिए पर वासना की आग में मैं ये भूल गया की वो मेरी छोटी बहन है और वो भी सगी. जैसे जैसे पूजा के कपडे उतरने शुरू हुए मेरा लंड और तन्नाता गया. पहले रेखा ने उसकी स्कर्ट उतारी और फिर उसकी टी शर्ट. मेरी बहना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. हाय ! उसके छोटे छोटे दूध देख कर में जैसे पागल सा हो गया. रेखा बेतहाशा उसके लिप्स को किस कर रही थी *और उसके मुम्मे दबा रही थी. अब रेखा का हाथ उसकी कछी की और बढ़ा.
मेरी बहन नें अपनी टाँगे सिकोड़ लीं. रेखा हँसते हुए बोली अरे यार मुझसे क्यों शर्माती है, चल नंगी हो जा. एक साथ मजे करेंगे. फिर मेरी बहन नें टांगें खोल दीं**च. रेखा नें पूजा की कछी उतार दी. मैं अपनी छोटी बहन को देख कर दंग रह गया. वो बला की खूबसूरत थी. मैं रेखा को छोड़ पूजा की और बड़े ध्यान से देखने लगा की आगे वो क्या करती है. अब दोनों लड़कियाँ पूरी तरह से नंगी थीं. मैं उन्हें देख कर मदमस्त हुआ जा रहा था. मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं अपनी बहन पूजा को देख कर मुठ मारने लगा. पूजा रेखा के ऊपर चढ़ी हुई थी और उसे किस कर रही थी. दोनों एक दूसरे के मुम्मों को दबा रही थीं. मेरी बहन के चूतड़ एकदम गोल और टाईट थे. पूजा की चूत पर छोटे छोटे बाल थे. उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा मन हुआ की अभी जाऊँ और उसे कस के चोद डालूँ. ऐसा सोचते ही मेरे लंड का पानी निकल गया और मैं बुरी तरह से झड़ गया.
उधर दोनों लड़कियां भी उत्तेजित हो चुकी थीं. उनकी हरकतें और सेक्सी होती चली गयीं. पूजा अपनी चूत से रेखा की चूत रगड़ रही थी. दोनों के चेहरे एकदम लाल हो चुके थे और दोनों बुरी तरह से हाँफ रही थीं. कुछ देर के बाद उन लोगों के कपडे पहने (जो की धूप होने की वजह से सूख गए थे) और घर की तरफ आने लगीं. मैं तुरंत घर से बाहर चला गया और दोनों को पता नहीं चला की मैं वहाँ पर था. थोड़ी देर के बाद मैं फिर वापस आया. रेखा और पूजा ड्रॉईंग रूम में बैठी थीं. मैंने आते ही रेखा को हेलो किया और उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा.
मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगा. रेखा ने भी मेरा पेंट के ऊपर उभार महसूस किया और वो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी. रेखा की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं. उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जान बूझ कर ऐसा किया था. पूजा बोली आप लोग बैठो मैं चाय बना कर लाती हूँ. पूजा के किचन में जाते ही रेखा नें एक मदमस्त अंगडाई ली. मेरा दिल बेकाबू हो गया और मैंने उसके सामने ही अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही मसल लिया. वो मुझको भईया कह के बुलाती थी. वो मुस्कुरा पड़ी और बोली, क्या बात है भईया, बड़े बेचैन लग रहे हो?मैंने कहा आजकल बहुत मन करता हैऔर ऐसा कहते हुए मैंने फिर से अपने लंड को मसल दिया. वो खिलखिला कर हँस पड़ी, क्या मन करता है? मैं बोला, इतनी भोली मत बनो, मैं जानता हूँ तुम लोग थोड़ी देर पहले क्या कर रहे थे. ये सुनते ही वो सकपका गई और कुछ बोल ही नहीं पाई.
मैं फुसफुसा कर बोला, मुझे अपना राजदार बना लो वरना तुम लोगों की पोल पट्टी खोल दूंगा वो घबरा गई और बोली, नहीं प्लीज यार, ऐसा मत करना. हम लोग तो सिर्फ मज़े कर रहे थे.फिर थोड़ी देर बाद उसने हैरानी से पुछा, तुम्हें कैसे पता चला? मैंने कहा, मैं पहले से ही घर मैं था जब तुम लोग लान मैं एक दूसरे के साथ मज़े कर रहे थेये सुनकर रेखा का चेहरा शर्म से लाल हो गया. मैंने मौका देख कर रेखा की चूची दबा दी. रेखा कुछ बोल पाती, तभी मेरी बहन पूजा चाय लेकर आ गयी. रेखा के चेहरे का रंग उड़ा हुआ देख कर उसने हैरानी से पूछा,
अरे तुझे क्या हुआ?मैंने जवाब दिया, कुछ नहीं ये हमारे आपस की बात है, वो तुझे कुछ नहीं बताएगीऐसा कह कर मैंने रेखा की तरफ इशारा किया कि वो मेरी बहन को कुछ ना बताये. जब रेखा कुछ नहीं बोली तो पूजा ने लापरवाही से अपने कंधे उचकाए और चाय सर्व करने लगी. मैं चाय की चुस्कियों के साथ मुस्कुराता हुआ रेखा के बदन को निहारता रहा. रेखा ने जल्दी से अपनी चाय खत्म की और चलने लगी. मैं उसे दरवाज़े तक छोड़ने आया और एक बार फिर फुसफुसाता हुआ बोला, किसी से मत कहना, और मुझे कल शाम को इंदिरा पार्क में मिलो. रेखा बिना कुछ कहे वहाँ से भाग गई. अब मेरे पूरा ध्यान अपनी प्यारी बहन पूजा पर गया. मेरा लंड पहले से ही गरम था. जब पूजा कप और प्लेट उठा रही थी तो उसके थोड़े से मुम्मे दिखाई दे रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बाथरूम में जाकर पूजा के नाम की मुठ मारी.
अब मैंने सोच लिया की चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपनी बहन को चोद कर रहूँगा. रात को हम लोग खाना खा कर सोने चले गए. ममी पापा एक कमरे में सोते थे और मैं और पूजा एक कमरे में पर हमारे बेड अलग अलग थे. रात को जब पूजा सो गयी तो मैं उठा. मेरे लंड को शांती नहीं मिल रही थी. मैं चुपके से पूजा के बेड के पास गया. पूजा गाउन पहन कर बेसुध सोयी हुई थी. मैंने डरते डरते उसका गाउन उपर की और खिसकाना शुरू किया. उसकी चिकनी जांघें दिखाई देने लगीं. मेरे लंड का आकार और बढ़ गया और पजामे में मचलने लगा.
मैंने अपनी प्यारी बहन पूजा का गाउन पेट तक उपर कर दिया जिस से उसकी पैंटी साफ़ दिखाई देने लगी. मैंने वासना से भर कर अपनी लाडली बहना को देखा और उसे चोदने के लिए ललचाने लगा. मैंने फिर जी भर कर उसकी टांगों को सहलाया और उसकी पैंटी पर भी हाथ फेरा. पूजा का गाउन उपर से काफी खुला हुआ था. मैंने उसके गाउन के दो तीन बटन खोल दिए उफ़....उसने नीचे से ब्रा नहीं पहनी हुई थी जिसके कारण उसकी छोटी छोटी दोनों चुचियाँ दिखाई देने लगीं
मैंने डरते डरते पूजा की एक चूची पर हाथ रख दिया. अह्हह्ह......मज़ा आ गया......बहुत नरम थी.....इतनी सौफ्ट कि क्या बतायूं. अब मैं धीरे धीरे उसकी दोनों चुचियाँ बारी बारी से दबाने लगा.
सच में बहुत मज़ा आ रहा था. एक हाथ से मैंने अपना लंड निकाला और पूजा का हाथ में दे कर उसकी मुठी में बंद कर दिया. अब पूजा का हाथ पकड कर मैं मुठ मारने लगा. इन सब के बावजूद पूजा गहरी नींद में सोयी हुई थी क्योंक उसके हल्के हल्के खर्राटे की आवाज से कमरा गूँज रहा था. मुठ मारते हुए मैं एक हाथ से उसकी चूची सहला रहा था. थोड़ी देर में ही मेरा लंड अपनी प्यारी बहन के हाथ में झड़ गया. मेरा वीर्य उसके गाउन और हाथ पर गिर गया. अपनी बहन को इसी हालत में अधनंगी छोड़ कर मैं अपने बेड पर आ गया. दिन में कई बार मुठ मार कर और इस बार पूजा के नाज़ुक हाथों से मुठ मरवा कर मैं बहुत थक चुका था. थोड़ी देर में मैं भी गहरी नींद में सो गया.
सुबह पूजा सो कर उठी उसी वक्त मेरी नींद भी खुल गयी. पर मैं सोने का नाटक करता रहा और देखने लगा कि पूजा की क्या रिएक्शन है. पूजा अपने गाउन को अस्त व्यस्त देख कर हडबडा गई और तेज़ी से अपने गाउन के बटन बंद करने लगी. वो हैरानी से अपना हाथ देख रही थी जिस पर मेरा माल सूख कर चिपका हुआ था. वो साथ साथ में मुझे भी देख रही थी कि मैं जाग रहा हूँ या सोया हुआ. मैं आँख बंद करके सोने का नाटक करता रहा. गाउन बंद करके पूजा उठ कर ब्रश करके चाय पीने चली गयी. इसके बाद मैं भी उठा. हम लोग एक साथ चाय पी रहे थे. सुबह का टाइम हडबडी वाला होता है. पापा ममी ऑफिस के लिए, पूजा स्कूल के लिए और मैं कोलेज जाने के लिए तैयार होने लगे. सुबह आठ बजे हम लोग अपने अपने गंतव्य की और निकल पड़ते थे. क्योंकी पूजा का स्कूल रस्ते में पड़ता था, मैं बाईक पर पूजा को छोड़ कर कॉलेज चला जाता था. बाईक पर बैठने के बाद जब हम घर से निकल गए तो मैंने पूजा से पूछा,
मैं: यार पूजा, एक बात सच सच बताएगी?
पूजा: क्या भय्या?
मैं: तेरा कोई बोयफ़्रेंड है?
पूजा (घबड़ा कर): नहीं तो? आप ऐसा क्यों पूछ रहे हो?
मैं (हँसते हुए): कुछ नहीं यार. बस ऐसे ही पूछ रहा हूँ.
पूजा: कुछ तो बात जरुर है, वरना आप अचानक आज ही क्यों पूछ रहे हो.
मैं: अरे यार बस यूँ ही मन में आया कि मेरी बहना बड़ी हो गयी है. उसका भी मन करता होगा बोयफ़्रेंड बनाने को.
पूजा: क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं (मन मसोस कर): नहीं यार. कोई पटती ही नहीं.
पूजा खिलखिलाकर हंस पडी और बोली: अरे भय्या आप इतने स्मार्ट और हैण्डसम हो. मैं होती तो आप को ही अपना बोयफ़्रेंड बना लेती.
मैं: तो बना ले यार.
पूजा: ओके आज से आप मेरे बोयफ़्रेंड हो.
तब तक स्कूल आ गया. मैंने पूजा को छोड़ते समय उसकी आँखों में झांककर कहा: बोयफ़्रेंड और गर्लफ्रेंड बहुत से ऐसे काम करते हैं जो हम भाई बहन नहीं कर सकते.
पूजा: कोई बात नहीं.
पूजा चली गयी. मैं उसे जाते हुए देखता रहा. उसके मस्त गोल गोल चूतड़ उपर नीचे हो रहे थे. मेरा लौड़ा पेंट में बुरी तरह तन गया. तभी पूजा पीछे मुड़ी. मैंने उसे देख कर फ्लाईंग किस मारा. वो मुस्कुरा कर टाटा करते हुए हँसते हुए चली गयी.
kramashah.....................
|