RE: Antarvasna Chudai विवाह
उन्हे ज़रूर पता चल गया होगा कि वह क्या सोच रहा है.खैर जाने दो. अब शादी की तैयारी करनी पड़ेगी मुझे. अनिल कह रहा था कि वीसा मिलने मे एक साल लग जाएगा, तब तक मुझे यहीं माजी और नीलिमा के साथ रहना पड़ेगा. वह बीच बीच मे एक दो चक्कर लगा जाएगा. चलो ठीक है, मुझे भी अक्षय का साथ मिल जाएगा और कुछ दिन.
मैं तो उसे दोपहर को बुला लिया करूँगी, ख़ास कर अकेले मे. ननद रानी तो नौकरी पर जाती है रोज, माजी भी जाती होंगी किटी पार्टी या सोशियल वर्क पर. मैं और मेरा प्यारा भैया अक्षय अकेले उस घर मे ... ओह अहह मा & ...
अनिल (दूल्हा)
लड़की अच्छी है, अच्छी क्या, एकदम माल है! मा और दीदी को भी बहुत पसंद हैं. वे तो दीवानी हो गयी हैं अपनी होने वाली बहू पर. मुझे भी अच्छी लगी पर मेरी पसंद नापसंद का कोई ख़ास मतलब नही है, हां मा और दीदी को पसंद हो बस और कुछ नही चाहिए. आख़िर वह इस घर की बहू बनने वाली है, और मेरे बजाय अपनी सास और ननद के साथ ही ज़्यादा रहना है उसे. मा ने भी क्या चीज़ ढूंढी है! जैसी उसे चाहिए थी वैसी ही.
दिखने मे सुंदर और थोड़ी कम आमदनी के परिवार की. याने मैके का ज़्यादा सपोर्ट ना हो और ससुराल मे ही ज़्यादा रहे ऐसी, चाहे कुछ भी हो जाए. नीलिमा दीदी ने पूरी जानकारी निकालकर मा को दी थी. फिर मा ने अपनी चचेरी बहन के ज़रिए संदेसा भिजवाया लीना के मामाजी के यहाँ कि रिश्ते का न्योता लेकर हमारे यहाँ आएँ.
दोनो बहुत एग्ज़ाइटेड हैं. होनी भी चाहिए, मेरी शादी की फिकर मुझसे ज़्यादा उन्हे है. मैं भी खुश हूँ, मेरा काम हो गया, अब मैं जर्मनी वापस जा सकता हूँ. वहाँ वो साला हॅंडसम जेसन मेरी राह तकता होगा. उसके साथ बिताए समय की याद आते ही रोमाच सा हो उठता है, रोम रोम मचल उठता है, और भी बहुत कुछ मचलने लगता है ....
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