RE: Antarvasna Chudai विवाह
पिछले साल जेसन से मिलने के बाद मेरी जिंदगी ही बदल गयी. मा और दीदी ने भी कितनी समझदारी दिखाई, ज़्यादा झगड़ा नही किया और मेरे और जेसन के संबंध को मन्जूरी दे दी. वैसे मैने उनकी काफ़ी सेवा की है बचपन से. मा और दीदी दोनो के प्रति मैने अपना कर्तव्य निभाया है, उन्हे अपनी तरफ से पूरा सुख देने की कोशिश की है. उन्होने भी मुझे वह सुख दिया है जो शायद ही किसी को मिलता होगा. इसलिए अब उनके सुख के लिए थोड़ा नाटक भी करना पड़े तो मैं करूँगा.
मुझे बस लीना के बारे मे सोच कर कभी कभी थोड़ा बुरा लगता है. उसे मैं फँसा रहा हूँ ऐसा लगता है. उस बेचारी पर ज़्यादती तो नही हो रही है ऐसा लगता है. मा और नीलिमा दीदी जैसे प्लान बना रहे हैं बहू की खातिर कि उन्हे सुनकर कभी कभी मुझे लगता है कि ये दोनो मिलकर बहू पर प्रेम करने वाली हैं या उसकी हालत खराब करने वाली हैं. पर लीना की हालत खराब ही होगी यह भी मैं पक्का नही कह सकता. हो सकता है लीना को भी उसमे बहुत आनंद आए! वह फँस भले ही रही हो पर उसे बहुत सुख भी मिलने वाला है यह निश्चित है. भले ही यह सुख अलग तरह का होगा. मा को मैं जानता हूँ कि इस काम मे वह कितनी कुशल है. मैं और दीदी बचपन से उसका स्वाद ले चुके हैं.
इसीलिए मैं मन को समझा लेता हूँ कि लीना के लिए ज़्यादा फिकर करने की ज़रूरत नही है. लीना भी कोई कम नही है. जिस तरह से वह अपने छोटे भाई की ओर देख रही थी, मैं सब समझ गया. वह छोकरा भी मा और दीदी की ओर देख रहा था. नीलिमा दीदी भी ग्रेट है! क्या तकलीफ़ दे रही थी बेचारे को. बार बार अपनी ओढनी खिसक जाने देती थी. अक्षय भले ही छोटा हो पर असली लावण्य की पहचान है साले को! मैने अनजाने मे प्यार से गाली दी, वैसे अब वह मेरा साला होने ही वाला है. यह छोकरा भी मस्त है. क्या चिकना है, लगता है भगवान ने ग़लती से लड़का बना दिया. जेसन देखेगा तो चढ बैठेगा. मुझे भी उसे देख देख कर लगाने लगा कि अभी .... पर पहली मुलाकात थी, वो भी उसकी बड़ी बहन को देखने की रश्म. वैसे मुझे वीसा के बहाने आना ही है दो महने बाद. तब तक लीना बेचारी अपनी सास और ननद की ठीक से सेवा करना सीख जाएगी. तभी मेरे इस प्यारे साले को बुला लेंगे सेवा करने को. बेचारे को बहुत लोगों की सेवा करना पड़ेगी. एक
तो उमर मे सब से छोटा है, दूसरा लड़की वाला है, लड़के वाले जो बोलेंगे करना पड़ेगा. वैसे मा और दीदी की सेवा करने मे उसे खुद भी बहुत मज़ा आएगा. मुझे तो लगता है कि साला आज कल अपनी बड़ी बहन की सेवा करता है रोज, कैसे देख रहा था लीना की ओर. आदत है उसे. अब मैं अपनी खातिर करवाऊन्गा.... आख़िर उसका जीजा हूँ. मेरा हुकम मानना ही पड़ेगा. कुछ नही तो लीना से कहकर ज़बरदस्ती करवाऊन्गा.
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