RE: Antarvasna Chudai विवाह
मुझे सच मे समझ मे नही आ रहा है कि ये सब क्या हो रहा है. पर इतना मालूम है कि इतनी खुश मैं पहले कभी नही थी. बस एक बात ख़टकती है कि ये सारी खुशी सिर्फ़ नीलिमा और माजी के बर्ताव के कारण है, मेरे होने वाले पति अनिल का इस मे कोई योगदान नही है. शादी के पहले ये हाल है तो शादी के बाद ना जाने क्या होगा. पर अभी तो अक्षय को ढूँढती हूँ और पकड़कर अपने कमरे मे ले आती हूँ. उस मूरख को भी अभी बाहर जाने की सूझी जब मामा मामी घर पर
नही है, अपनी प्यारी दीदी की सेवा करने का इतना सुनहरा मौका गवाना क्या ठीक है?
अनिल (दूल्हा)
शादी की तारीख पास आ गयी है. लीना पिछले हफ्ते हमारे घर आई थी. मैने कुछ देर गप्पें मारी, फिर सटक लिया. उसे शायद बुरा लगा होगा पर मैने सोचा कि फालतू मे उस सुंदर युवती के एक्सपेक्टेशन बढाना उचित नही है. वैसे वह दोपहर भर हमारे यहाँ थी और ममी और दीदी ने उसके साथ बड़े प्यार से बातें की. जाते समय लीना बहुत खुश थी ऐसा जब ममी ने कहा तो नीलिमा ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. बोली कि अरे अनिल, आज उसे पता चल गया कि उसकी होने वाली सास कितनी सुंदर है इसीलिए खुश होगी. ममी ने नीलिमा का कान पकड़कर उसे चुप कराया पर वह भी मुस्करा रही थी. हमारी ममी भी कुछ कम नही है, उसने ज़रूर कोई गुल खिलाया होगा लीना के साथ. अब तो बहू घर मे आने वाली है इसलिए उसका उत्साह दुगना हो गया है. शाम होते ही वह क्या फॉर्म मे आ जाती है मुझे मालूम है, मुझसे और नीलिमा दोनों मिलकर भी उसे नही संहाल पाते. मानो दस साल घट जाती है उसकी उमर रात को.
परसो दीदी नीलिमा को शॉपिंग को ले गयी थी. वापस आते ही गुस्से मे मुझपर बरस पड़ी. बोली कि कैसा मूर्ख है तू, इतनी सुंदर अप्सरा जैसी पत्नी को छोड़कर शादी के बाद वापस उस जेसन के पास जाने वाला है. मैने कहा कि दीदी, जाने के पहले अप्सरा का प्रसाद लेकर ही जाऊन्गा, बाद मे तुम मा बेटी मिलकर संभाल लेना उस अप्सरा को. मुझे अप्सरा नही चाहिए या अच्छी नही लगती ऐसा थोड़े ही है. जेसन के पहले मैं करता ही था ना अपनी दोनों अप्सराओं की ... मेरा मतलब है इन दो
देवियों की पूजा! अब ज़रा मामला बदल गया है, देवियों के साथ साथ देव की पूजा करने का भी मन होता है मेरा.
फिर दीदी ने बड़े डीटेल मे अपनी होने वाली भाभी के रूप का बखान किया. मा बड़ी तल्लीन होकर सुन रही थी. नीलिमा की बात सुनकर बोली कि 'अरे मैं कब से कह रही थी कि मुझे भी ले चल पर यह बदमाश नीलिमा माने तब ना, मुझे डाँट कर घर पर ही रहने को कहा.' दीदी ने मा को समझाया, वह बेचारी नयी नवेली होने वाली दुल्हन, अगर हम दोनों साथ हो लेते तो घबरा नही जाती! मैं अकेली थी इसलिए मैने संभाल लिया. अब मुझसे बहुत घुल मिल गयी है. अब घर आएगी शादी
के बाद तो अपनी सास से भी उतना ही घुल मिल जाएगी. लीना की सुंदरता का बखान सुनकर मेरा भी मन डोल गया. मैने
ममी से कहा कि अगर तुम दोनों कहो तो मैं भी जर्मनी जाना कॅन्सल कर देता हूँ. मा बोली कि नही बेटा, ऐसा मत कर, जेसन राह तकता होगा तेरी, तू जा और मौज मस्ती कर ले, फिर वापस आएगा तब रह लेना बहू के साथ. तेरी गैर हाज़िरी मे हम दोनों ख़याल रखेंगे तेरी पत्नी का, उसे ट्रैनिंग भी तो देनी पड़ेगी हमारे घर के रीति रिवाजों की. हमारा भी समय मज़े मे कटेगा, तू चिंता ना कर. नीलिमा बड़े नटखट अंदाज मे सुन रही थी और मुस्करा रही थी.
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