RE: Antarvasna Chudai विवाह
मूवी खतम हुई तो वह मुझसे नज़रें चुरा रही थी. मेरी ओर देखने को तैयार नही थी. गर्दन झुकाकर शरमाकर चल रही थी.
मैने एक दो इधर उधर की बातें कीं, उसे संभालने का मौका देने को. फिर हम एक होटल मे खाना खाने को गये. डिनर तक वह फिर मुझसे खुल कर बातें करने लगी थी. अब वह मुझसे आँखें मिलाने मे भी नही कतरा रही थी. शायद वह कुछ कुछ समझ गयी थी कि यह सब क्या चल रहा है. मैने मौके का फ़ायदा उठाकर उससे उसके छोटे भाई अक्षय के बारे मे पूछा कि तुम दोनों बहुत करीब लगते हो. पहले तो वह कुछ घबराई और बात टालने की कोशिश करने लगी. मैने फिर कहा कि तेरा भाई तो बड़ा भक्त लगता है अपनी दीदी का. सुनकर लीना ने मुझसे नज़र मिलाकर कहा कि हां दीदी, मुझसे बहुत प्यार करता है, बेचारा मुझसे बिछड़ने की बात सोच सोच कर ही रोने को आ जाता है. मैने कहा कि लीना, सब लड़कियाँ शादी के बाद अपने भाई से थोड़ी बहुत तो दूर चली ही जाती हैं.
लीना ने बड़े सधे अंदाज मे कहा कि दीदी, वह मेरा भाई ही नही, मित्र भी है, मेरा यार है. और ज़्यादा कुछ नही बोली पर मैं समझ गयी. मन ही मन उसकी इस ढिठाई पर मैने उसे मुबारकबाद भी दी. मैने भी सहजता से उसे कहा कि लीना, चिंता ना कर, बुला लिया कर उसे जब मान चाहे, उसे ये भी बता कि अब लीना दीदी जैसी एक और दीदी भी मिल जाएगी उसे याने मैं, नीलिमा दीदी. पहले वह मेरी ओर देखती रह गयी फिर हँसने लगी. इतनी हँसी कि उसकी हँसी रुक ही नही रही थी. किसी तरह हँसना रोक कर बोली कि हां दीदी, कह दून्गी, वह तो खुशी से उछल पड़ेगा. लीना को छोड़ने मैं उसके घर तक गयी. रात काफ़ी हो गयी थी. उसके घर के थोड़ा पहले ही मैने कार रोकी. लीना दरवाजा खोल कर उतरने लगी तो मैने कहा कि लीना, अगर अनिल होता मेरी जगह, तो ज़रूर तुझसे गुड नाइट किस मागता. अब मेरा यहा उल्लू का पठ्ठा भाई तो नही है पर उसकी जगह तू किस मुझे दे दे, मैं उसे दे दून्गी. पहले लीना कुछ देर मेरी ओर देखती रही, उसके गाल गुलाबी हो गये थे, फिर अचानक उसने मेरा सिर अपने हाथों मे लिया और मुझे एक पप्पी दी, सीधी सादी गाल वाली पप्पी नही, बल्कि मेरे होंठों पर होंठ रखकर एक गहरा चुंबन लिया. वह भी अच्छा एक मिनिट का चुंबन! फिर उतर कर भागी.
जाते जाते हंस कर मुझे कह गयी कि दीदी, अनिल को देकर मुझे बताना कि कैसा लगा मेरा यह चुंबन!
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