RE: Antarvasna Chudai विवाह
छोकरी अब फँस गयी है हमारे चंगुल मे, और खुद की इच्छा से फँसी है, बिना किसी ज़बरदस्ती के! वैसे बेचारी को अभी ममीके बारे मे कुछ नही बताया है. अब सुहागरात के दिन अपने आप पता चल जाएगा कि हमारी ममी क्या चीज़ है. मैने लीना को वैसे बता दिया है कि अनिल शादी के दो दिन बाद ही जर्मनी वापस जा रहा है इसलिए सुहागरात घर पर ही मानेगी. इसलिए दूल्हा दुल्हन को चाहिए वैसा एकांत नही मिल पाएगा क्योंकि ननद और सास भी घर पर ही रहेगी. मुझे लगा कि लीना शायद सुन कर बिचक जाएगी पर उसके चेहरे पर एक शिकन भी ना आई. उसे शायद यह लग रहा होगा कि कम से कम अनिल के बेडरूम मे तो उसे एकांत मिलेगा. बेचारी ... उसे यह नही पता अब तक कि उसकी सुहागरात कैसी अनोखी होने वाली है!
वैसे मुझे उस के लिए 'बेचारी' शब्द इस्तेमाल नही करना चाहिए क्योंकि उसकी सुहागरात कितनी मादक और उत्तेजक होने वाली है यह मैं जानती हूँ, उसे इतना सुख मिलेगा जिसकी उसने कल्पना भी नही की होगी. हां अनिल जाने के बाद जब सिर्फ़ मैं और ममी घर मे होंगे और हम अपने ख़ास खेल शुरू करेंगे तब शायद उसे बेचारी कहने की नौबत ज़रूर आ सकती है. ममी तो कितने ज़ोर शोर से तैयारी कर रही है उन दिनों की. कल ही रात को अपने सब वे खेल खिलौने, रबर वाले, निकाल कर बैठी थी और प्लान बना रही थी कि बहू के साथ क्या क्या करेंगे. मैने ममी से कहा कि मामी, अब से क्यों ये सब देख रही है, अभी तो शादी भी नही हुई है तो बोली कि ख़याली पुलाव पकाने मे क्या हर्ज है, बहू पर ये सब कैसे लगेंगे ये सोच रही हूँ. कल तक राह देखनी पड़ेगी. इतने दिन से अनिल की बहू ढूँढ रहे थे, अब मन सी बहू मिल गयी है तो चौबीस घंटे की तो और बात ही है.
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