RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
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"आरती ईश्वर तुम्हें मेरी भी उमर लगा दे , तुम हज़ार साल जियो, और हर पल ख़ुसीयो के साए मे गुज़रे.आज तुम्हारा बर्थ,डे है और आज मैं तुम्हारे पास नही हूँ ,सॉरी यार तुम्हे तो सब पता ही है ,मैं अपने मैंस के एग्ज़ॅम मे उलझा हुआ हूँ....,बस एक बार आइएएस बन जाउ फिर कभी तुम्हे अकेला नही छोड़ूँगा. तुम्हारे लिए एक छोटा सा गिफ्ट है,,मुझे पता है तुम्हे बहुत पसंद आएग. चलो खुशी खुशी अपना बर्थडे मनाओ आंड प्लीज़ डॉन,ट मिस मी मच. लव यू."
और आरती के हाथ मे आ जाता है वो छोटा सा लॉकेट. लॉकेट हार्ट की शेप का था जो दो हिस्सो मे खुल जाता ..उसके एक तरफ साहिल की तस्वीर लगी थी और दूसरी तरफ आरती की
आरती को साहिल पर बहुत प्यार आता है, : कितना प्यार करते थे तुम मुझे साहिल, शायद जितना इस दुनिया मे किसी ने किसी से ना किया होगा,,और मैने बदले मे तुम्हे क्या दिया ..सिर्फ़ दर्द ,आँसू और तन्हाई,,,4 साल ..4 साल मैने तुमसे बात नही की और तुमने कभी वजह नही पुछि,बहुत ज़्यादती की है मैने तुम्हारे साथ, लेकिन अब नही .....मैं सब ठीक कर दूँगी जान ,,अब मुझे किसी का डर नही है ..ना परिवार का ना समाज का
"
एक दृढ़ निश्चय चमक रहा था आरती की आँखो मे .
सुबह साहिल की आँखे थोड़ी देर से खुलती हैं ..वो रूम से बाहर आता है तो राहुल जॉगिंग से आता दिखाई देता है...राहुल " कैसे हैं एसडीएम साहब "
"अबे क्यू सुबह सुबह खिच रहा है ,,आ बैठ"
दोनो लॉन मे लगी चेर्स पर बैठ जाते है. इतने बड़े ऑफीसर बन जाने के बाद भी आज भी दोनो की दोस्ती मे कोई फॉरमॅलिटी नही आई थी , जान छिडकते थे दोनों एक दूसरे पर .
"अच्छा ये बता ये लड़की और शादी का क्या चक्कर है , अबे मैं ज़रा अपनी ड्यूटी मे बिज़ी हो गया और तूने इतना कुच्छ कर दिया.अच्छा कौन है जिसने हमारे यार का दिल लूटा ,कब मिलवा रहा है.."
थोड़ा गंभीर हो गया राहुल का चेहरा;
"वो सब छोड़ तू सब कुच्छ भूल कर जा और आरती के साथ अपनी ट्रिप" एंजाय" कर , वापस आने पर सब बता दूँगा"- एंजाय पर ज़्यादा ज़ोर दिया राहुल ने .साहिल ने महसूस तो किया पर इग्नोर कर गया.
"अच्छा बेटा अब हमसे भी बाते छुपाइ जा रही है ..देख ले अंजाम बुरा होगा"
साहिल ने प्यार भरी धमकी दी.
"नही यार , तेरे सिवा है ही कौन मेरा , बस तू वापस आजा एक दम फिट आंड फाइन होकर फिर ढेर सारी बाते करनी है तुझसे.. अच्छा सुन एक बात पुच्छू?"
नही पहले अपनी बता ...अच्छा चल पुच्छ "
जब तू आक्सिडेंट के बाद आंब्युलेन्स मे था तो तूने कहा यार मैं जीना नही चाहता ..और दूसरी बार जब होश मे आता है तो बोलता है मुझे बचा ले ना यार..ऐसा क्या बदलाव आ गया था उन तीन दिनो मे जबकि तू पूरे टाइम बेहोश था " राहुल उसे गहरी नज़रों से देखते हुए पुछ्ता है
"उसके आँसू" अनायास ही साहिल के होंटो से निकल जाता है
साहिल चौंक जाता है ये क्या बोल दिया उसने , पर राहुल के चेहरे पर आश्चर्य के कोई भाव नही थे , बस थी तो एक गहरी मुस्कुराहट.
"मेरा मतलब था सबके आँसू, सबका दर्द और सबका प्यार देखकर मैं एमोशनल हो गया " साहिल ने पूरी कोसिस की बात संभालने की लेकिन राहुल भी पोलीस ऑफीसर था ,सबकुच्छ जान तो वो पहले ही चुका था बस साहिल से कबूल करवाना चाह रहा था . साहिल को गोल मोल सा जवाब देते देखकर उसने अभी उसे और कुरेदना ठीक नही समझा
'चल तेरी फ्लाइट का टाइम हो रहा है,फटा फट तैयार हो जा "
"ओके,,आजा अंदर चलते है "
राहुल साहिल और आरती को छोड़ने एरपोर्ट आया होता है,घर के बाकी लोग चाहते तो थे आना पर साहिल सबको मना कर देता है ,पर राहुल आता ही है.
"हेलो साहिल मैं आपसे मिलने आ रही हूँ पर ट्रेन लेट है..प्लीज़ आप थोड़ी देर और रुक जाओ ना " साहिल की बहेंन रेणु का कॉल था
"
रेणु 15 मिनट बाद मेरी फ्लाइट है ,,तू टेन्षन मत ले मैं अब बिल्कुल ठीक हूँ ,तू आराम से घर जा मैं कुच्छ दिनो मे वापस आ जाउन्गा"
"मैं सबसे बहुत नाराज़ हूँ , क्या मैं घर का हिस्सा नही हूँ,,मुझे कुच्छ क्यू नही बताया गया, जब से मुझे पता चला है ,, तुमसे मिलने को दिल तड़प गया है"
"अरे यार ऐसा कुच्छ नही है,,तू तो सबकी लड़ली है और मुझे कुच्छ नही होगा ....अच्छा अब मैं फ़ोन रखता हूँ ,,तू सबका ख्याल रखना .चल बाइ "
"ओके साहिल तू भी अपना ख्याल रखना , पहुच कर फोन करना , ओके ..बाइ "
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