RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
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"साहिल सुन , उसे ज़्यादा तंग मत करना "
"क्य्ाआआआअ?????? '" विस्मय से साहिल की आँखे फैल गयी.
"अबे कुच्छ नही मज़ाक कर रहा था , चल ठीक ह फिर, टेक केर " दोनो गले मिलते हैं ,राहुल आरती को बाइ बोलता है.साहिल आरती के साथ अंदर की ओर चल देता है.
साहिल पिछे मूड कर देखता है तो राहुल अभी भी वही खड़ा था ..वो हँसकर हाथ हिला देता है. राहुल भी हाथ हिलाता है और तब तक देखता रहता है जब तक दोनो उसकी आँखो से ओझल नही हो जाते.
"जा मेरे दोस्त भगवान तेरे हिस्से मे दुनिया की हर ख़ुसी दे ..जितनी ख़ुसीया तूने बाटी हैं उसकी दुगनी ख़ुसी तुझे मिले. हे ईश्वर! अगर अब भी साहिल की ज़िंदगी मे तूने ख़ुसीयो के फूल ना खिलाए तो भरोसा टूट जाएगा मेरा तेरे पर से . 5 सालो का ये बनवास अकेले बिताया है उसने ..बिना कोई शिकवा किए .. . हमेशा चेहरे पर खुशी सज़ा कर दूसरो की तकलीफे दूर करने वाले इस इंसान के दिल मे कितना दर्द है ,मैं जानता हूँ..बस अब इसके आज़माशो के दिन ख़तम कर दे . इसकी फ़िज़ा के दिनो को बहार के दिनो मे बदल दे "
राहुल दिल ही दिल मे लाखों दुआए देता है उस इंसान को जिसका मकाम सबसे उँचा था उसके जीवन मे .
आरती और साहिल आज बरसो बाद साथ साथ चल रहे थे .आरती चोर नज़रो से साहिल की तरफ देखती है..कितना बदल गया था वो अब.. शरीर से कैसा गतिला और मजबूत लगने लगा था ..चौड़ा सीना , मजबूत बाहें ,और चमकता हुआ मस्तक......लेकिन चेहरे पर फैली मानो सदियो पुरानी उदासी...कैसा शोख हुआ करता था वो ,,आरती को देखते ही उसके चेहरे का रंग बदल जाता था ..लेकिन अब ..रंग तो अब भी बदल जाता था बस फ़र्क इतना था -- पहले वो चेहरा खिल जाता था उसे देखकर , अब वो चेहरा बुझ जाता था .
"
साहिल मैं फिर तुम्हे जीत लूँगी जान, "
आरती मानो खुद से ही वादा करती है.
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