RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
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"एक बात पुच्छू " साहिल ने कहा
" तुम्हे मुझसे इजाज़त लेने की ज़रूरत है ????
" पुछो"
" तुम मेरे लिए ये सब क्यू कर रही हो"
"साहिल !!!!!!"
आँखे डब-डबा गयी आरती की..क्या साहिल मुझसे ये सवाल नही कर सकता है. .. क्या हमारे बीच इतनी दूरी हो गई है , क्या मैं अब इनकी कुच्छ भी नही.
आरती साहिल की आँखो मे एकटक देखती है..मानो उसकी नज़रो से सवाल कर रही हो कि क्या ये सवाल सच मे उसके साहिल ने पुछा था ..
साहिल नज़रे चुरा जाता है.
"बताओ ना "
"तुम्हारे लिए नही अपने लिए कर रही हूँ, इस से ज़्यादा मुझसे कुच्छ मत पुछ्ना ."
साहिल उठा और डाइनिंग रूम मे आ जाता है और वहाँ रखे बड़े से सोफे पर बैठकर चॅनेल बदल कर टी.वी देखने लगता है .
आरती साहिल के कपड़े निकालकर रखने लगती है...
और फिर कुच्छ गरम कपड़े लेकर साहिल की ओर चल देती है .
" ये कपड़े पहेन लीजिए ..पहाड़ो की सर्दी रात को बहुत बढ़ जाती है " वो कहते हुए उसके पास जाती है .
साहिल के चेहरे पर दर्द के भाव थे ...और वो अपने माथे को हल्का हल्का दबा रहा था .
"क्या हुआ सर दर्द हो रहा है "
साहिल चुप रहता है.
"चलिए अंदर यहाँ हवा लग रही है..मैं सर दबा देती हूँ "
"नही मैं ठीक हूँ"
"साहिल अगर आपने यही मान लिया है कि मैं आपकी कुच्छ नही लगती तो ठीक है ..एक डॉक्टर के नाते मेरा फ़र्ज़ है अपने पेशेंट की देख भाल करना ..सो प्लीज़ मेरा कहा मानिए ..और अंदर चलिए "
साहिल एक नज़र आरती पर डालता है जो बड़े गुस्से मे लग रही थी...वो चुप चाप कंबल लपेटे अंदर की ओर चल देता है.
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