RE: Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा
दिया ने भी एक जोरदार सिसकारी मारते हुए उसके लंड को एकदम से पकड़ा और ज़ोर से दबा लिया...गंगू को एकबार तो ऐसा लगा की वो उसे उखाड़ कर अपने घर ही ले जाएगी..उसकी गांड अपनी जगह से उपर उठ गयी..और उसका लाभ उठाते हुए दिया ने अपने तेल से सने हाथ उसकी गांड के नीचे लगा कर वहाँ भी तेल मल दिया.
उपर की तरफ मालिश कर रही प्राची भी अब अपने असली रंग मे आने लगी थी..वो जान बूझकर अपने मोटे मुम्मे उसके होंठों के उपर लटका रही थी, जैसे कोई दासी अपने राजा को अंगूर खिलाती है, गंगू ने भी बड़े ही राजसी अंदाज मे अपना मुँह खोला और उसकी छाती पर लगे अंगूर को अपने मुँह के अंदर लेकर ज़ोर से चुभला दिया..
उसके मुँह से भी एक जोरदार सिसकारी निकल आई..
''आआआाागगगगगगगगगगगगघह ...... उम्म्म्ममममममममम ''
अब गंगू का कब्जा दोनो के निप्पल्स पर था..नीचे उसने अपने दोनो पैरों की उंगलियों के बीच दिया के निप्पल फँसा रखे थे और उपर अपने मुँह के अंदर प्राची का और अपने हाथ से उसके दूसरे निप्पल को..
कुल मिलाकर माहौल अब काफ़ी गर्म हो चुका था..
गंगू ने फिर से पहल करने की सोची और दिया को अपने उपर खींचकर अपने लंड पर बिठाने की कोशिश करने लगा...
वो एक बार फिर से चीखी : "नही सर ...आप ऐसा नही कर सकते...ये एलाउ नही है...''
गंगू को बहुत गुस्सा आया...साली ये कैसी लड़कियाँ है...उसके सामने पूरी नंगी खड़ी है, उसके शरीर से खेल रही है, अपने शरीर से खेलने दे रही है, पर चुदाई का टाइम आते ही कहती है की ये एलाउ नही है...
पर उसका तो ये पहला टाइम था, शायद इन लड़कियो की लिमिट यहीं तक ही है..
वो अपने मन पर काबू करते हुए फिर से लेट गया.
प्राची बोली : "सॉरी सर ...पर फ़किंग एलाउ नही है...बाकी जो भी करना चाहे आप कर सकते हैं...''
भागते भूत की लंगोटी ही सही...ये सोचकर उसने चबर-2 बोल रही प्राची के मुँह के अंदर अपना लंड ठूस कर उसे चुप करा दिया...और दिया को अपने पास बुलाकर उसकी छोटी सी चूत के अंदर अपनी मोटी उंगली घुसेड दी..
दोनो सी-सी करती हुई मचलने लगी...
प्राची ने आजतक इतने बड़े लंड के दर्शन नही किए थे...उसे हेंडल करना उसके लिए काफ़ी मुश्किल हो रहा था..वो सही तरह से उसे अपने मुँह मे भी नही ले पा रही थी..
और दूसरी तरफ अपनी चूत के अंदर गंगू की उंगलियों की थिरकन से दिया किसी नर्तकी की तरह नाचने लगी...और गंगू के हल्के से झटके ने उसके चेहरे को उसके एकदम पास कर दिया...और अगले ही पल गंगू के खूंखार होंठों ने उस हिरनी के होंठों को अपने मुँह मे दबोचकर उसे चूसना शुरू कर दिया...
गंगू के दुर्गंध भरे मुँह से वो पीछा छुड़वाना चाहती थी, पर उसकी मजबूत पकड़ और अपनी चूत पर मिल रही मसाज की वजह से वो ऐसा नही कर पाई..और वहीं खड़ी होकर उसका साथ देने लगी.
गंगू ने आज तक एक साथ दो-2 लड़कियो से मज़े नही लिए थे...पर आज उसे ये एहसास हो गया था की ऐसी अय्याशी का भी अपना ही मज़ा है..
दिया भी अब गंगू से अलग हुई और वो भी उसके सामने बैठ कर प्राची की हेल्प करने लगी...दोनो बारी -2 से गंगू का लंड चूसने लगी...गंगू के लिए ये एहसास ऐसा था जैसे वो पूरी दुनिया का राजा है..और अपनी दासियों से वो अपने लंड को चुस्वा रहा है..
वो आराम से बैठकर अपने लंड को चुसवाने का मज़ा लेने लगा..
और उसे जल्द ही ये एहसास हो गया की उसके अंदर एक तूफान बनने लगा है, उसकी खिंच रही मांसपेशियो को देखकर वो दोनो भी समझ गयी की सावन की बारिश कभी भी हो सकती है..
प्राची ने अपने हाथ मे गंगू के लंड को पकड़कर जोरों से हिलाना शुरू कर दिया, और दोनो ने अपने-2 मुँह उसके सामने भूखी कुतिया की तरह खोल लिए..
और एक तेज गड़गड़ाहट के साथ गंगू लंड का बादल फट गया और उसके बीच से तेज बारिश की बूंदे निकलकर उनके चेहरे पर गिरने लगी और वो उसके मीठे रस को अपने -2 मुँह मे कैच करने की कोशिश करने लगी..
गंगू तब रुका जब उन दोनो के चेहरे पर अपने सफेद रस की पूरी परत बिछा चुका था वो...बारिश के साथ-2 स्नो फाल का एहसास हो रहा था उन दोनो को अब..
वो दोनो गंगू को लेकर फिर से बाथरूम मे चली गयी और उसे दोबारा रगड़ -2 कर नहलाया..वैसे तो कुछ ही देर मे गंगू का लंड दोबारा खड़ा हो गया, पर उसके बाद भी वो चुदवाने के लिए तैयार नही हुई..
उसको अच्छी तरह से नहलाने के बाद वो तीनो बाहर आ गये, और गंगू को वहीं छोड़कर दोनो ने अपने-2 कपड़े पहने और बाहर निकल गयी...
गंगू ने अपने निचले हिस्से पर टावल लपेटा और वहीं बैठा रहा ..
कुछ ही देर मे भूरे अंदर आया...
उसके चेहरे पर अजीब सी मुस्कान थी , वो बोला : "क्यो गंगू..कैसा लगा...''
गंगू भी मुस्कुरा दिया : "सही था भाई...ऐसा मज़ा तो आज तक नही मिला..''
भूरे भी मन ही मन सोचने लगा की साले छक्के से घर पर अपनी बीबी की गर्मी तो शांत नही की जाती और यहा पर डींगे हांक रहा है...इसने तो कुछ भी नही किया होगा..
पर बेचारा असलियत नही जानता था..जो जल्द ही उसके सामने आने वाली थी..
क्योंकि भूरे ने एक विदेशी लड़की का इंतज़ाम करवा लिया था..और दोनो एक ही कमरे मे मिलकर उसे चोदने वाले थे..
भूरे के हिसाब से तो गंगू के बस का कुछ नही था...इसलिए वो मन ही मन खुश हो रहा था की वो अकेला ही उस रशियन लड़की की चूत मारेगा...पर वो ग़लतफहमी भी जल्द ही दूर होने वाली थी उसकी.
भूरे अपने साथ गंगू के लिए नये कपड़े लेकर आया था...वो उसे देकर बाहर उसका इंतजार करने लगा.
जब नये कपड़े पहन कर गंगू बाहर निकला तो भूरे भी उसको पहचान नही सका..वो काफ़ी अच्छा लग रहा था..
कमी थी तो उसकी घनी दाढ़ी र उसकी लंगड़ाती चाल की...वरना वो किसी फिल्मी हीरो जैसा ही लगता..
वो उसे लेकर होटेल के कमरे की तरफ चल दिया...और साथ ही साथ ये भी बता दिया की अब असली मज़ा लेने की बारी है...और वो भी एक विदेशी चूत की..
गंगू सोच रहा था की कितना अच्छा दिन है उसकी जिंदगी का आज..पहली बार उसकी जेब मे बीस हज़ार रुपय थे, उसके बाद उसने मुम्मेथ ख़ान की भी अच्छी तरह से बजाई और फिर स्पा सेंटर मे उन दोनो लड़कियो ने उसे जन्नत का एहसास दिलाया और अब एक विदेशी लड़की की चूत भी मिलेगी..और उससे पहले महंगी शराब भी पीने को मिलेगी
वो भी जानता था की अभी-2 झड़ने के बाद जब वो चोदने पर आएगा तो उसका लंड कितनी दूर तक उसका साथ देगा..
एक तरफ गंगू मज़े ले रहा था और दूसरी तरफ बेचारी नेहा अपने जिस्म की आग मे सुलगकर गंगू का इंतजार कर रही थी..
पर उसे क्या पता था की गंगू आज किस दुनिया मे मगन है.
गंगू और भूरे एक आलीशान कमरे मे पहुँचे, दो कमरे थे वहाँ, एक मे तो सोफा ,टेबल और बार बनी हुई थी, दूसरे कमरे मे आलीशान बेड और बाल्कनी थी..जिसमे खड़े होकर पूरा शहर दिख रहा था.
गंगू और भूरे सोफे पर बैठ गये..तभी अंदर के कमरे से निकल कर एक रशियन लड़की बाहर आई..उसको देखकर एक पल के लिए गंगू तो अपनी पलकें झपकना भी भूल गया, इतनी गोरी लड़की, इतने मोटे मुम्मे , सुनहरे बाल, लाल सुर्ख होंठ..टी शर्ट और मिनी स्कर्ट , टी शर्ट मे से उसके मुम्मे बाहर निकलने के लिए जैसे मरे जा रहे थे, उसने अंदर ब्रा भी नही पहनी थी..जिसकी वजह से उसके दूधिया स्तनों के उपर लगे लाल निप्पल साफ़ दिख रहे थे..गंगू तो पागल हुए जा रहा था उसको देखकर..
भूरे : "कैसी लगी..."
गंगू बेचारा क्या बोलता, आज तो उसकी जिंदगी का ऐसा दिन था,जिसमे उसको ये पता चला था की खूबसूरत औरतें कैसी होती है...और अब ये विदेशी लड़की को देखकर और ये सोचकर की थोड़ी ही देर मे उसकी मारने को मिलेगी, उसका लंड फटा जा रहा था..और भूरे के प्रश्न का वो कोई जवाब भी नही दे पाया..
भूरे को उसकी हालत देखकर हँसी आ गयी..वो बोला : "हा हा ... देख ले गंगू, ये होती है असली जिंदगी...तुझे पता है, मैने इस लड़की की पहले भी दो बार बजाई है...साली को अँग्रेज़ी के सिवा कुछ समझ नही आता और हमे अँग्रेज़ी आती नही...पर चुदाई के मामले मे ये सब बातें समझती है...अब देखता जा तू, कैसे मज़े दिलवाता हू मैं तुझे..''
उस रशियन लड़की का नाम था मालविना, उम्र होगी सिर्फ़ 19 के आस पास ...कयामत थी सच मे..
इतना कहकर वो मालविना की तरफ मुड़ा और बोला : "मालविना....ड्रिंक ...ड्रिंक ....''
वो दारू की बोतलों की तरफ इशारा करते हुए उस लड़की से बोला...वो प्रोफेशनल थी..मुस्कुराते हुए वो मूडी और बार मे से एक 100 पाइपर की बोतल निकाल कर ले आई..
भूरे ने उसे पेग बनाने का इशारा किया...अब उसको अँग्रेज़ी तो आती नही थी..इसलिए टूटी फूटी अँग्रेज़ी और इशारों से काम चला रहा था..और कमाल की बात ये थी की वो सब समझ भी रही थी..
मालविना ने दो लार्ज ड्रिंक बना कर दिए..
भूरे ने उसको फिर से कहा : "नो ..नो ...ऐसे मत दो ....डिप ..डिप ..''
गंगू की समझ मे नही आया की ये क्या डिप करने के लिए कह रहा है..पर वो शायद पहले भी भूरे के साथ आई थी और वो सब कर चुकी थी, इसलिए उसका अर्थ वो फ़ौरन समझ गयी...और उसने एक झटके मे अपनी टी शर्ट उतार फेंकी..और उपर से नंगी हो गयी..उसके मोटे-2 सफेद खरबूजे दोनो की वहशी आँखों के सामने झूल गये..
गंगू तो उसका बेबाकपन देखकर हैरान था...और फिर जो उसने किया, उसे देखकर तो गंगू ने अपने लंड पर हाथ रखकर सहलाना शुरू कर दिया..
मालविना ने दोनो पेग उठाए...और थोड़ा झुक कर अपनी चुचियों को दोनो ग्लास मे डिप करा दिया...और फिर उन दोनो के सामने पहुँच कर उनके हाथ मे वो ग्लास थमा दिए..
दोनो ने चियर्स किया और एक ही घूँट मे दोनो ने पूरे ग्लास खाली कर दिए..
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