Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा
07-17-2018, 12:29 PM,
#36
RE: Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा
उसके बाद मुम्मेथ ने उसको अपनी थूक से भिगो-2 कर ऐसा चिकना किया की एक ही बार मे वो किसी भी संकरी से संकरी चूत मे उतर जाए...और फिर उछलकर वो उसपर जा चढ़ी ...जैसे घोड़े पर चड़ते है, ठीक वैसे ही..और जैसे ही उसने गंगू के लॅंड को अपनी चूत पर रखा..गंगू ने अपने हाथ से अपने लॅंड को पकड़कर वही रोक दिया..और बोला : "तुम्हे मैने कहा था ना..मुझे कुछ जानकारी चाहिए..''

ऐसे मौके पर अगर कोई रोक ले तो क्या हाल होता है, ये तो वही जानता है जिसपर ये बीती है..और ये हाल अब मुम्मेथ का भी हो रहा था..वो तो पहले से ही कुछ भी बताने के लिए राज़ी थी..पर गंगू जानता था की जो जानकारी वो चाहता है, वो मुम्मेथ बाद मे शायद ना दे पाए, इसलिए पूरी तस्सल्ली कर लेना चाहता था.

मुम्मेथ : "अहह .....साले ......ऐसे मौके पर क्यो बोल रहा है.........जल्दी कर ........अंदर डाल.........जो बोलेगा बता दूँगी..........अभी मत तड़पा मुझे.............जल्दी से इसको अंदर डाल और चोद मुझे ......... उम्म्म्मममममममममममम...''

और गंगू ने उसकी बात मानते हुए अपने हाथ को पीछे खींच लिया...और मुम्मेथ सीधा उसके उपर बैठती चली गयी....उसकी आँखे बंद थी..पर चेहरे पर आ रहे संतुष्टि के भाव बता रहे थे की अंदर जाता हुआ लंबा खंबा कितने मज़े दे रहा है उसको...वो नीचे झुक गयी और गंगू के चेहरे पर किस्सेस की झड़ी लगा डाली...गंगू ने भी अपने दोनो हाथ उसके मुम्मों पर जमा दिए और नीचे से धक्के मारने लगा..

''अहह ......गंगू ................क्या लंड है तेरा.........साले ..........ऐसा मज़ा तो आज तक किसी ने नही दिया...........अहह ....उम्म्म्ममममममममम ..... ज़ोर से मार मेरी ..........आज फाड़ डाल मेरी चूत को ............ ज़ोर से झटके मार.... ज़ोर से. ....मुझे ज़ोर-2 से करना ही पसंद है...... कर ना साले . .........मार मेरी चूत ..''

गंगू ने अपने दोनो हाथ उसकी गांड पर रखे और उसे अपनी तरफ भींचकर नीचे से उसकी चूत मे अपने लॅंड को पिस्टन बनाकर लॅंड पेलने लगा...

गंगू का चेहरा उसके मादकता से भरे मुम्मों के बीच फँसा हुआ था...और वो एक तरह से उसके फेस की मसाज कर रहे थे...वो कभी उनपर दाँत मारता, कभी उसका दूध पीने लग जाता..कभी जीभ से चाट्ता...और कभी दांतो से निशान बनाता...

और फिर एक जोरदार चीत्कार के साथ मुम्मैत ख़ान झड़ने लगी...ऐसा झड़ना भी गंगू ने पहली बार देखा था....ऐसा लगा की उसके लॅंड पर किसी ने गर्म पानी की टंकी चला दी हो...उसकी चूत का रस पिघलकर बाहर आया और चादर को भिगो दिया..

अब बारी थी गंगू की...उसने मुम्मेथ को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत मे लॅंड पेल दिया...मुम्मेथ का सिर हर झटके से नीचे की तरफ होता चला गया...और आख़िर मे जाकर उसका चेहरा नीचे की गीली चादर पर जा टिका , जहाँ उसकी चूत के रस ने कीचड़ मचा रखा था...

गंगू ने उसकी गांड को अपने दोनो हाथों मे थाम कर ऐसे झटके दिए की जब आख़िर मे जाकर वो झड़ने लगा तो उसके लंड से ज़्यादा घर्षण की वजह से आग सी निकल रही थी...जिसकी वजह से उसका लॅंड सुलग सा रहा था...

और आख़िर मे गंगू के लंड से जब प्रेशर के साथ रस बाहर निकालने लगा तो उसने वो मुम्मेथ की चूत के अंदर ही निकाल दिया...ये भी नहीं पूछा की वो प्रेगञेन्ट होना चाहती है या नही...अपनी तरफ से उसने अपना योगदान करते हुए उसकी चूत को अपने रस से भर दिया..

''अहहssssssssssssssssssssssssssssss ...... ले साली...............सारा माल अपनी चूत के अंदर ही ले आज................अहह .....ओहssssssssssssssssssssssssssssssss .........''

और फिर वो भी हांफता हुआ सा उसके उपर गिर पड़ा..

कुछ देर मे दोनो सामान्य हुए...मुम्मेथ ने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और बोली : "चिंता मत करो...मैने टेबलेट ले रखी है...''

गंगू को क्या फ़र्क पड़ रहा था..वो तो बस उससे अपनी जानकारी निकलवाने के लिए उतावला हो रहा था..

गंगू : "तुमने कहा था की मुझे कुछ भी बताओगी ..जो मैं जानना चाहता हू..''

मुम्मेथ : "हाँ ....बोलो.....''

गंगू : "मुझे इक़बाल भाई के बारे मे सब कुछ बताओ...वो कहाँ रहता है...कहाँ जाता है, किससे मिलता है...क्या-2 धंदे है उसके...सब जानना है मुझे..''

उसकी बात सुनकर एक पल के लिए तो मुम्मेथ की आँखे फैल गयी...और फिर वो ज़ोर से ठहाका मारकर हँसती हुई बोली : "हा हा हा......तुझे क्या लगता है...मैं तुझे ये सब बता दूँगी...''

गंगू ने साईड मे रखी अपनी पेंट मे से पिस्टल निकाल कर उसके सिर पर लगा दी..

मुम्मेथ को इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नही थी..

मुम्मेथ : "अरे....तू तो नाराज़ हो गया....इसको हटा...मुझे इससे बड़ा डर लगता है...''

गंगू ने पिस्टल हटा दी...और फिर मुम्मेथ की तरफ सवालिया नज़रो से देखा

मुम्मेथ : "देख गंगू...मुझे नही पता की तू ये सब क्यो जानना चाहता है...पर सच मान, मुझे उसके बारे मे कुछ नही पता...वो ज़्यादातर दुबई मे ही रहता है...और इंडिया जब भी आता है तो या तो मेरे पास या फिर ...''

गंगू : "हा हाँ ....बोल "

मुम्मेथ :"या फिर वो नेहाल भाई के वर्सोवा वाले बंगले पर ठहरता है...वो जगह समुंदर के किनारे पर है...और उसके बंगले के चारों तरफ इतने आदमियो का पहरा रहता है की कोई परिंदा भी पर नही मार सकता..''

गंगू : "तुझे तो पता ही है इक़बाल भाई आजकल एक लड़की के पीछे पड़े हैं...और उसे पागलों की तरह ढूँढ रहे हैं...''

मुम्मेथ : "हाँ ....शनाया ..... उसे ढूँढने के लिए ही तो तुझे बुलवाया था इक़बाल ने...''

गंगू : "हाँ ....मुझे उस लड़की के बारे मे बता...उसके घर वालो के बारे मे...''

मुम्मेथ : "वैसे तो मैं ये बात तुझे कभी ना बताती..पर इक़बाल जिस तरह से उसको तवज्जो दे रहा है,उसे देखकर मुझे बड़ी जलन सी हो रही है...इसलिए में उसके बारे में तुझे बताती हू..''

और फिर मुम्मेथ ने शनाया के घर वालो के बारे मे सब कुछ गंगू को बता दिया.

फिर कुछ देर रुक कर वो बोली : "पर तू ये सब क्यो पूछ रहा है....तू पुलिस का खबरी तो नहीं बन गया या कहीं तू इक़बाल को जान से तो नही मारना चाहता ना..''

गंगू : "तूने ज़्यादा सवाल किए तो तुझे ज़रूर मार डालूँगा....तू एक फिल्मी हेरोइन है...मीडीया वालो को तेरा सारा कच्चा चिट्ठा बोल दिया ना तो कही की नही रहेगी...इसलिए अपनी ज़बान बंद रखियो...और मुझे मेरा काम करने दे...समझी..''

और फिर मुम्मेथ को एक-2 और धमकियाँ देकर और नेहाल के बंगले का पूरा पता लेकर वो वहाँ से निकल आया..

अब उसे अपनी योजना सफल होती नज़र आ रही थी...और इसके लिए उसको एक भरोसेमंद आदमी की ज़रूरत थी...और वो जानता था की वो काम कौन कर सकता है.

गंगू सीधा भूरे के पास पहुँचा..अपनी तरफ से तो गंगू यही समझ रहा था की वो उसका दोस्त है..उसकी मदद ज़रूर करेगा...और अगर ज़रूरत पड़ी तो उसे पैसे भी देगा पर ये काम ज़रूर करवाएगा..

पर वो भला ये बात कैसे जानता की उसके मन मे तो खुद नेहा की चुदाई का नशा सवार है..वो कब से नेहा की जवानी का मज़ा लेने के लिए तड़प रहा है.

भूरे के घर पहुँचकर गंगू ने दरवाजा खड़काया और उसने दरवाजा खोला

भूरे : "अरे गंगू तू...इस वक़्त....आ जा ..अंदर आ''

गंगू ने अंदर जाकर देखा की उसका साथी कल्लन भी वहीं बैठा है और वो दोनो बैठकर शराब पी रहे हैं..

गंगू : "यार...तुझसे कुछ अकेले मे बात करनी है...कुछ ज़रूरी काम है..''

भूरे भी जानना चाहता था की इक़बाल भाई ने उसे कौन सा गुप्त काम दिया है , इसलिए उसने तुरंत कल्लन को वहाँ से जाने के लिए कहा..

उसके जाते ही भूरे बोला : "हाँ भाई...अब बोल..क्या काम है...''

गंगू को समझ नही आ रहा था की वो कैसे बात की शुरूवात करे..वो बोला : "देख भूरे...तुझे मैं अब अपना दोस्त मानता हू..इसलिए यहा आया हू तेरे पास...पर मेरी एक बात सुन ले..जो भी मैने कहा..अगर तूने मेरा साथ दिया तो ठीक, वरना मेरे रास्ते मे मत आइयो..''

भूरे तो समझ ही नही पा रहा था की वो बोल क्या रहा है..पर फिर भी वो चुप होकर उसकी बाते सुनता रहा..

गंगू : "तुझे तो पता भी नही की आज इक़बाल ने मुझे क्यो बुलाया था...''

भूरे : "हां ....वही मैं पूछने वाला था तुझसे...बता ना, क्या काम था ..''

गंगू ने अपनी जेब से नेहा यानी शनाया की फोटो निकाल कर रख दी उसके सामने..

भूरे : "अरे..ये तो नेहा भाभी की...यानी तेरी बीबी की फोटो है...इसका उनके काम से क्या लेना देना..''

गंगू : "वो लोग इसी को ढूंड रहे हैं...और इसका नाम नेहा नही बल्कि शनाया है...और ये चेन्नई के एक बहुत ही अमीर घराने की औलाद है...''

भूरे : "क्या ?????????????? नेहा भाभी...पर ये तो...तेरी बीबी है ना...तूने ही तो बताया था की...''

गंगू बीच मे ही बोल पड़ा : "नही...ये मेरी बीबी नही है....ये तो मुझे ऐसे ही एक दिन सड़क पर एक्सीडेंट के दौरान मिल गयी थी...''

और इतना कहकर उसने उस दिन का किस्सा और बाद की भी कहानी की कैसे उसकी यादश्त चली गयी और वो उसे अपना पति समझने लगी..और साथ ही साथ उसने उस दिन इक़बाल और नेहाल भाई के साथ हुई डील के बारे मे भी बता दिया..

भूरे हैरान होता हुआ वो सब सुन रहा था...उसका सारा नशा उतर चुका था..

भूरे : "अब तू मुझसे क्या चाहता है...''

गंगू : "ये सब जाने के बाद मेरे पास दो ही रास्ते थे...एक, या तो मैं नेहा को लेकर यहाँ से काफ़ी दूर निकल जाता..पर अगर ऐसा करता तो वो और उसके आदमी मुझे कहीं से भी ढूंड लेते और मुझे मारकर उस फूल सी लड़की को उस वहशी के हाथ सौंप देते...''

भूरे : "और दूसरा क्या है...जिसके बारे मे सोचकर तू मेरे पास आया है..''

वो भी शायद समझ रहा था की गंगू के दिमाग़ मे क्या चल रहा है..पर वो खुद गंगू के मुँह से सुनना चाहता था...

गंगू : "दूसरा रास्ता ये है की मैं इक़बाल और नेहाल भाई को ही मार दू ..ताकि ये डर हमेशा के लिए ही ख़त्म हो जाए...''
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा - by sexstories - 07-17-2018, 12:29 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,559,518 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,999 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,257,887 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 950,966 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,687,525 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,109,453 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,999,904 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,219,300 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,091,041 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,606 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)