Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
07-19-2018, 12:31 PM,
#26
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
डॉली की बहन ललिता भी काफ़ी खुश थी चंदर से बात करके.. अभी तक किसी ने भी जो भी हो चुका उसके बारे

में जिकर नहीं किया था. फिर ललिता को मेसेज मिला उसमें लिखा था "ललिता मैने कभी भी किसी

लड़की के साथ वो सब नहीं करा था जो तुम्हारे साथ करा था और सच बोलू मुझे इतना अच्छा कभी नहीं

लगा था. ललिता को ये पढ़ के और भी खुशी हुई मगर काफ़ी दिन उसने इंतजार में लगा दिया था और अब वो

नहीं लड़ सकती थी तो उसने चंदर से पूछा "मेरे साथ तुमने क्या करा था : "

चंदर ने लिखा "सेक्स" फिर ललिता लिखती हिन्दी में बोलो मुझे मज़ा आता है"

फिर चंदर ने जवाब दिया "मैने जब तुम्हे देखा था मेरा लंड तभी मचल गया था और जब तुम्हे चोदा

तो मानो मैने जन्नत पाली हो.' ये पढ़ के ललिता भी पूरी तरह मचल गयी और उसने पूछा

"फिर कब करने का इरादा है " उसने लिखा "जब आपकी इच्च्छा हो.. मैं तो हमेशा तैय्यार हूँ "

अगले दिन जब नारायण स्कूल में पहुचा तो उसके कमरे में एक बहुत ही ज़्यादा सुंदर लड़की खड़ी थी....

हलकी नारायण ने उसका चेहरा नही देखा क्यूंकी वो पीठ करके खड़ी हुई थी मगर पीछे से ही देखने में

वो काफ़ी हसीन लग रही थी.... जब नारायण ने अपने गले से हल्की सी आवाज़ निकाली तो वो लड़की एक दम से

घूमी और उसको देखकर गुड मॉर्निंग सर बोलने लगी..... उस लड़की को आगे से देखकर नारायण की कुच्छ सेकेंड

के लिए बोलती बंद हो गयी.... वो फिलहाल तो एक सफेद पर्पल सलवार कुर्ते में थी दुपट्टे के साथ मगर वो बहुत खूबसूरत लग रही थी.... नारायण ने उसे बड़े प्यार से पूछा "जी आप कौन"

उस लड़की के जवाब देने से पहले ही पीछे से सुधीर आ गया और बोला " नारायण सर ये आपकी नयी सेक्रेटरी है...

इनका नाम मिस. रश्मि मिश्रा है... मैने कल ही इन्हे अपायंट करा है" ये सुनके नारायण खुश हो गया था

कि पहली बारी उसके पास कोई लेडी सेक्रेटरी होगी और वो भी दिखने में अच्छी थी... हाइट में लंबी

तकरीबन 5 फुट 5 इंच बदन से बिल्कुल पतली... बाल काले कंधे तक थे और अच्छे से बँधे हुए...

चेहरा मासूम गोरा बदन और आँखों पे काला मास्कारा लगा हुआ था और उनपे एक चश्मा..

उसकी गान्ड काफ़ी एक दम टाइट थी और मम्मे भी छोटे थे तकरीबन 34 बी... ये मानलो दिखने में वो

शरीफ रिया सेन लग रही थी....तीनो फिर साथ में असेंब्ली के लिए नीचे उतरे... नारायण की नज़र

काफ़ी बच्चो पर पड़ रही थी जो रश्मि को आगे पीछे से घूर जा रहे थे....

फिर जब ललिता और चेतन स्कूल गये हुए थे फोन की घंटी फिर से बजी और ललिता ने फोन उठाया के हेलो बोला...

एक अजीब सी आवाज़ में एक शक़्स ने बोला "हेलो मॅम... कैसी है आप?? "

शन्नो ने वो आवाज़ अभी तक सुनी नही थी उसने पूछा "सॉरी आपको पहचाना नहीं...आप कौन बोल रहे है??"

उस आदमी ने कहा "हॉ...आप ने मुझे पहचाना नहीं??? वैसे तू पहचान भी नहीं सकती क्यूंकी मैं हॉलो मॅन हूँ" ये बोलके वो हँसने लग गया

"क्या बकवास का रहे हो" शन्नो गुस्सा होके बोली

हॉलो मॅन (ह्म) बोला "बकवास नही करवाना चाहती तो और क्या करवाना चाहती है??"

शन्नो ने फोन रख दिया और अपने आपको शांत करने लगी मगर फिरसे फोन की घंटी बजी... शन्नो ने फोन

उठाया वो ही इंसान फिरसे बोला

"हेलो मॅम.... मेरे फोन का इंतजार कर रही थी?? मैं वो मूतने गया हुआ था इसलिए 2 मिनट लेट हो गया"

शन्नो ने कुच्छ नहीं कहा मगर उसकी सांसो से उस बंदे को पता चल रहा था कि फोन अभी शन्नो के कान पे लगा हुआ है....

बोला " क्या पहेना हुआ है आज??"

शन्नो बोली "तुमसे मतलब??"

हसके बोला "खैर जो भी पहना हो तू तो हमेशा नंगी ही अच्छी लगती है"

शन्नो ने "ष्ह्ह्हुउउउत्त्त्त्त उप्प्प्प्प्प" चिल्ला के फोन रख दिया..

फिर वो दूसरे काम में लग गयी मगर कहीं ना कहीं से उसका ध्यान फोन पे जा रहा था

नारायण की ख्वाहिश थी कि रश्मि को कोई मॉडर्न ड्रेस में देखे जैसी कि आम तौर पे

सेक्रेटरी पहना करती है... जब देखो तो वो सलवार कुर्ते में ही आती थी....

रश्मि के पास एक छोटा सा कॅबिन था जो कि नारायण के कमरे से लगा हुआ था...

वो कॅबिन नीचे से लकड़ी का था और उपर से शीशे का तो जब भी नारायण कमरे में इर्द गिर्द घूमता तो

उसे रश्मि सामने बैठी हुई काम में व्यस्त दिखाई देती.... उसको देख कर ऐसा लगता था कि वो उस

स्कूल की लड़की की तरह है जो पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहती है मगर लड़को से काफ़ी दूर रहती है....

ऐसा नही था कि नारायण रश्मि का दीवाना हो गया था मगर जब एक लड़की आपके आमने सामने इधर उधर

दिखाई देती रहती है तो मन में गंदे ख़याल आने लगते है और वोई हाल नारायण का भी हो रहा था....

फिर एक बारी स्कूल में मीटिंग होने वाली थी जिस में रश्मि एक हल्की ग्रे रंग की सारी में आई थी....

उसके बाल क्लिप में बँधे हुए थे और माथे पर एक छ्होटी सी सिल्वर बिंदी लगी हुई थी....

उस दिन पहली बारी नारायण ने रश्मि के नंगे पेट को देखा जोकि हद से ज़्यादा चिकना और गोरा था...

उसकी छोटी सी नाभि में उसका उंगली डालने का भी मन था मगर अपनी पोज़िशन के वजह से वो रिस्क नही ले सकता था....

दोनो बहनो की ज़िंदगी खुशी से चलती रही मगर फरक इतना था कि डॉली को प्यार था और ललिता को हवस

से प्यार था. राज और डॉली काफ़ी करीब आने लगे थे अब डॉली को राज के गालो को चूमना आम बात थी.

राज का भी अब आगे बढ़ने का ख्वाब था और उसने वो पूरा करने की ठान रखी थी.

जहा डॉली और ललिता अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िंदगी चला रही थी उधर शन्नो की ज़िंदगी में एक तूफान आहिस्ते आहिस्ते

बढ़ रहा था..... हॉलो मॅन शन्नो को कयि बारी कॉल कर चुका था और गौर की बात ये थी कि वो उसको

दोपेहर के दौरान फोन किया करता था....

एक दोपहर जब शन्नो ने फोन उठाया तो वो इतना परेशान हो गई थी उसकी गंदी बातो से कि उसने कहा

"देखो मेरा पति है तुम एक शादी शुदा औरत से ऐसे बात नही कर सकते"

उस ने कहा " तो हफ्ते में कितनी बारी चोद्ता है तेरेको तेरा मर्द??" इससे पहले शन्नो उसको कुच्छ बोलती उसने बोला

"वैसे भी वो काफ़ी बुड्ढ़ा हो गया है और तेरे इस जिस्म की प्यास को वो नहीं मिटा सकता"

शन्नो बोली "तुम मेरे पति को जानते नही हो"

होलो मॅन बोला "वैसे वो एक महीने से घर पर तो है नही तो उसके बगैर तेरी चूत का कैसे गुज़ारा होता होगा??"

शन्नो ये जानके चौक गयी कि इसको कैसे पता कि नारायण घर पर नही है.... मगर फिर उसने आखरी बारी उसे

बिन्ति करी ये कहके "कि मेरे बच्चे भी है प्लीज़ यहा कॉल ना करा करो"

होलो मॅन बोला "डॉली, ललिता और चेतन यही नाम है तेरे बच्चो का.. और तेरी बेटियाँ भी जवान और खूबसूरत है

मगर तेरी तरह बड़े बड़े तरबूज़ का रस उनके पास कहाँ"

शन्नो ने उसे धमकी दी कि वो पोलीस में बता देगी जिसपे हॉलो मॅन ज़ोर ज़ोर से हँसने लग गया और शन्नो

ने फोन रख दिया...

पूरे आधे घंटे तक हॉलो मॅन शन्नो को कॉल करता रहा और शन्नो फोन की घंटी से परेशान होकर

अपने कान पर हाथ रख कर अपने बिस्तर पे बैठी रही...

उस रात डॉली ने राज को कॉल करा और दोनो ढेर सारी बात करती रही... राज ने डॉली से मिलने की

इच्छा ज़ाहिर करी और वो तो अभी रात के 1 बजे आने के लिए कह रहा था मगर डॉली ने उसको मना कर दिया..

राज फिर भी नही माना तो डॉली ने बताया कि कल वो स्कूल आएगी पापा का टिफिन लेके तब वो उसे कुच्छ

मिनट के लिए मिल ले.... ये सुनकर राज शांत हो गया और दोनो ने बात करनी बंद करी.....

पूरी रात राज सोचने लगा कि वो कैसे अपने दोस्तो को साबित करें कि उसने स्कूल के प्रिन्सिपल की बेटी को पटा

रखा है. उसने अपने कुच्छ ख़ास दोस्तो को जब ये बताया था तो सब उसपे हँसने लगे थे...

कोई मान नहीं सकता था कि राज उससे 4 साल बड़ी लड़की जोकि प्रिनिसिपल की बेटी भी है उसको पटा सकता है....

राज के पास इससे अच्छा मौका नही था सबकी बोलती बंद करने का....

क्रमशः……………………….
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RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास - by sexstories - 07-19-2018, 12:31 PM

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